ओवर वेट गर्भवती महिला के लिए अपने आहार में बदलाव करने में परेशानी हो सकती, लेकिन ऐसे आहार का सेवन करें जिसमें प्रोटीन की मात्रा कम हो। नॉर्मल कुकिंग ऑयल की जगह ऑलिव ऑयल का उपयोग या लो-फैट बटर आहार में सेवन करें। दरअसल एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसा नहीं करने पर फीटस के ग्रोथ पर नकारात्मक असर पड़ता है। रिफाइंड फ्लॉर और चीनी का सेवन जितना ज्यादा संभव हो सके कम करें। खाने में नमक कम खाएं। बटर और नमक दोनों ही लो सोडियम युक्त खाएं। नियमित रूप से पानी, फल और जूस का सेवन करें। ऐसा करने से ओवर वेट गर्भवती महिला हाइड्रेटेड रहेगी। स्पाइसी (मसालेदार) खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं रखें। ऊपर बताई गई ओवर वेट गर्भवती महिला के आहार सारणी के साथ-साथ प्रेग्नेंट लेडी को बीएमआई (Body Mass Index) की भी जानकारी होनी चाहिए। BMI कैल्युलेटर प्रेग्नेंसी के पहले के वजन अनुसार काम करता है।
अपने बॉडी मास इंडेक्स को समझें
वर्कआउट करने के दौरान BMI निम्नलिखित होना चाहिए
18.5 से कम = अंडर वेट
18.5 से 24.9 = हेल्दी वेट
25 to 29.9 = ओवर वेट
30 से 39.9 = मोटापा
40 या इससे ज्यादा = अत्यधिक मोटापा
इंग्लैंड के चैरिटेबल संस्था टॉमीज टुगेदर फॉर एवरी बेबी (Tommy’s together for every baby) अनुसार प्रेग्नेंसी के पहले होना या प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में BMI 25 से ज्यादा होना गर्भ में पल रहे शिशु पर नकारत्मक प्रभाव डालता है। जितना ज्यादा BMI होगा उतना ज्यादा खतरा बढ़ सकता है।
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प्रेग्नेंसी में मोटापा: बढ़ा हुआ BMI का गर्भवती महिला पर क्या असर होता है?
बढ़े हुए BMI के कारण निम्नलिखित बीमारी होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।