रमजान का पाक महीना…इस्लामिक धर्म के अनुसार रमजान के इस पाक महीने में रोजा रखने का विशेष फल मिलता है लेकिन, इस्लाम धर्म से जुड़े जानकारों की मानें तो नेकी सिर्फ रोजा रखने से ही पूरी नहीं होती है। अगर कोई बीमार है तो ऐसे लोगों को रोजा रखने की जरूरत नहीं होती है। सिर्फ मन में अच्छी विचारधारा होनी चाहिए। मुंबई के जसलोक अस्पताल की ऑब्स्टेट्रिक्स एवं गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सुदेशना राय कहती हैं कि “प्रेयर से लोगों का लगाव होता है। उनका इमोशनली जुड़ाव होता है। मेरे पास रमजान के दौरान ऐसी कई गर्भवती महिला आती हैं, जो प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) रखती हैं। दरअसल प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) एक दिन के लिए किया जा सकता है लेकिन, रमजान पूरे एक महीने का होता है, तो ऐसे में गर्भवती महिलाओं को एक दिन के रोजे की सलाह देती हूं। गर्भवती महिला के इमोशनल भावनाओं को भी समझना जरूरी होता है। प्रेग्नेंसी में उपवास (Fasting during pregnancy) सिर्फ सप्ताह में एक दिन किया जाए तो इससे कोई हानि नहीं होती है लेकिन, गर्भवती महिला अगर शारीरिक तौर से फिट हो तभी कर सकती है। क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु तक पोषण फास्ट की वजह से नहीं पहुंच पाता है।”