प्रेग्नेंसी वीक 35 में गर्भस्थ शिशु का विकास
प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) या गर्भावस्था के 35वें महीने में मेरे शिशु का विकास कैसा है?
प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) तक आपके शिशु का वजन 2.38 किलोग्राम और लंबाई 46 सेंटीमीटर हो चुकी होती है। इस आकार का होने के बाद शिशु के लिए 35 हफ्ते की गर्भवती के गर्भ में हलचल करने के लिए जगह नहीं बचती। प्रेग्नेंसी वीक 35 के दौरान शिशु आपकी छाती की तरफ पैर मोड़कर पैर मोड़कर सिर्फ अपनी जगह ही करवट ले सकता है। इस वजह से आपको प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) में पैर मारने की गतिविधि कम महसूस होगी, लेकिन इस दौरान वो ज्यादा ताकत के साथ पैर मारता है।
प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) के दौरान शिशु धीरे-धीरे नीचे यानी आपके पेल्विस की तरफ जाने लगता है। यह स्थिति खासतौर से पहली बार मां बनने जा रही महिलाओं के लेबर से पहले होती है। हालांकि, दूसरी या तीसरी बार मां बनने जा रही कुछ महिलाओं में भी लेबर से ठीक पहले इस तरह का शारीरिक बदलाव होता है। अगर, आपका शिशु अभी डिलीवरी के लिए उचित पोजीशन यानी सिर नीचे की तरफ वाली पोजीशन में नहीं आया है, तो संभावना है कि वो जन्म से ठीक पहले इस पोजीशन में आ जाए। लेकिन, अगर आपका शिशु प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) के दौरान इस पोजीशन में नहीं आता तो डॉक्टर आपको एक्सटरनल सेफेलिक वर्जन (External Cephalic Version) की सलाह दे सकता है।
प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) के दौरान शिशु के शरीर पर खासतौर से उसके कंधों पर फैट जमा होने लगता है, जिससे वो चबी (Chubby) दिखने लगता है। अगर आपके शिशु का सिर नीचे की तरफ है, तो उसका सिर लेबर की तैयारी के लिए प्यूबिक बोन पर टिका होगा। शिशु की त्वचा धीरे-धीरे गुलाबी होने लगती है। आप डिलीवरी के लिए शिशु का सिर नीचे की तरफ करने के लिए मेडिसिन की एक पारंपरिक चीनी तकनीक मोक्सीबस्टन का प्रयोग कर सकती हैं, जो कि वैज्ञानिक दृष्टि से प्रामाणिक है। शिशु का सिर नीचे की तरफ आने के बाद आपको पेल्विस एरिया में भारीपन महसूस हो सकता है। इसके बाद आपकी चाल का डगमगाना भी शुरू हो जाता है।
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प्रेग्नेंसी वीक 35 में शारीरिक और दैनिक जीवन में परिवर्तन
प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) के दौरान मेरे शरीर में क्या-क्या बदलाव आते हैं?
प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) के दौरान आपका आपका गर्भाशय जो कि अभी तक पेल्विस की वजह से सुरक्षित था, वो आपके रिब केज तक पहुंच जाता है। अगर आप अपने गर्भ के अंदर देख पाती, तो आप देखती कि इस समय आपके गर्भाशय में एम्नियोटिक फ्लूड से ज्यादा जगह आपके शिशु ने घेर रखी है। इसके अलावा आपके यूट्रस में अन्य आंतरिक अंग भी होते हैं, जिसकी वजह से गर्भ के अंदर बिल्कुल जगह नहीं बचती। इससे आपको बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है और सीने में जलन व अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानी हो सकती है। अगर आपको यह सभी परेशानी नहीं हो रही है, तो आप जरूर चुनिंदा सौभाग्य गर्भवती महिलाओं में शामिल हैं।
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प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) के दौरान मुझे किन बातों के बारे में चिंतित होना चाहिए?
क्या आपने कभी सोचा है कि जन्म होने के तुरंत बाद शिशु रोता क्यों है? दरअसल, शिशु पहली बार गर्भ के अंदर ही रोता है। कई रिसर्च से पता चला है कि शिशु अक्सर जैविक मां के गर्भ में ठुड्डी हिला कर, मुंह खोल कर, सांस छोड़ने से पहले अनियमित रूप से सांस लेने और बेहद कम आवाज में पहली बार रोते हैं। यह सभी रेस्पांस शिशु के विकास के शुरुआती चरण में विकसित होते हैं, इसलिए इसमें कोई शक नहीं है कि जन्म से पहले शिशु पहली बार मां के गर्भ में रोता है।
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प्रेग्नेंसी वीक 35 में डॉक्टरी सलाह
हालांकि, प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) के आसपास आपकी डिलीवरी डेट का अनुमान लगाया जाता है, लेकिन कुछ शिशु ज्यादा समय तक गर्भ में रहते हैं। अगर आपकी ड्यू डेट निकल चुकी है, तो अपने डॉक्टर से बात करें कि कौन-सी डिलीवरी आपके लिए सुरक्षित है। जाहिर तौर पर बेहतर है कि, संभावित डिलीवरी डेट के आ जाने पर जितना जल्दी हो सके शिशु का जन्म हो जाए।
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प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) के दौरान मुझे किन टेस्ट्स के बारे में जानकारी होनी चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) से डिलीवरी तक आपको हर हफ्ते में दो बार डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ताकि, डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट्स की मदद से आपकी गर्भावस्था के विकास का पता लगा सके।
- वजन की जांच (इस समय आपका वजन बढ़ना बंद हो सकता है या घटना शुरू हो सकता है)
- ब्लड प्रेशर की जांच (दूसरी तिमाही के मुकाबले इस समय उच्च हो सकता है)
- यूरिन में ग्लूकोज और प्रोटीन की जांच
- पैरों में वेरीकोज वेन और हाथों-पैरों पर सूजन की जांच
- शिशु की हृदय गति
- बाहर से यूट्रस के आकार की जांच
- यूट्रस के ऊपरी हिस्से की लंबाई की जांच, जिसे फंडस कहते हैं
- गर्भ में शिशु की पोजीशन की जांच, ताकि डिलीवरी के समय शिशु की स्थित का पता लग सके
इसके अलावा, आप अपनी सभी शंकाओं और चिंताओं की एक लिस्ट बना सकती है, जिससे आपको डॉक्टर से पूरी जानकारी मिल पाए। इस लिस्ट में लेबर और डिलीवरी से संबंधित सवालों को भी शामिल करें। इसके साथ ही, इसमें ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन और प्रेग्नेंसी के असामान्य लक्षणों को भी शामिल करें।
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प्रेग्नेंसी वीक 35 में स्वास्थ्य और सुरक्षा
प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) या गर्भावस्था के 35 वें सप्ताह के दौरान मुझे अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी किन बातों के बारे में जानकारी होनी चाहिए?
इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट का इस्तेमाल
प्रेग्नेंसी वीक 35 (Pregnancy week 35) के दौरान इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट का इस्तेमाल पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन इसके इस्तेमाल से पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ब्लैंकेट का तापमान उचित हो। अगर इससे आपके शरीर का तापमान ज्यादा बढ़ता है, तो यह आपके शिशु के लिए खतरनाक हो सकता है।
स्लीपिंग पोस्चर
गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान शिशु का वजन ज्यादा न होने की वजह से आप अपनी कमर के बल सो सकती हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में जब आपके शिशु का वजन थोड़ा बढ़ जाता है, तो आपको दूसरे आरामदायक स्लीपिंग पोस्चर का चुनाव करना चाहिए। इसके अलावा, आप अपनी किसी एक साइड पर सो सकती हैं।
अगले आर्टिकल में हम प्रेग्नेंसी वीक 36 के बारे में बात करेंगे। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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