शिशु की त्वचा बेहद संवदेनशील होती है। मसाज के लिए गलत तेल का इस्तेमाल उसकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। सही तेल इस्तेमाल करने से शिशु की मस्क्युलर एक्टिविटी अच्छी रहती है। साथ ही शिशु की बॉडी में ब्लड फ्लो भी सही रहता है। मस्क्युलर एक्टिविटी न होने से शिशु की मसल्स कमजोर हो जाती हैं। शिशु की मसाज (Baby massage) में इस्तेमाल होने वाले ऑयल्स को लेकर हमने पंजाब के बटाला में स्थित शिव शक्ति आयुकेर क्लीनिक की डॉक्टर सुनीता कुंद्रा से खास बातचीत की। 15 वर्षों से अधिक समय का अनुभव रखने वालीं फैमिली फिजिशियन डॉक्टर सुनीता कुंद्रा बीएएमएस हैं। उन्होंने दिल्ली के सफदरजंग, हिंदु राव और एयूटीसी हॉस्पिटल के साथ काम किया है।
शिशु की मालिश (Baby massage) किन ऑयल्स से करें? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘आयुर्वेदिक ऑयल्स से शिशु की मालिश की जानी चाहिए।’ उन्होंने बताया कि महिलाओं को बाजार में मिलने वाले ब्रांडेड ऑयल्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस प्रकार के ऑयल्स पैट्रोलियम ऑयल से मिलकर बने होते हैं। जानते हैं डॉक्टर ने किन आयॅल्स को रिकमंड किया है।
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शिशु की मसाज (Baby massage) के लिए इन ऑयल्स का कर सकते हैं यूज
नारियल तेल से करें शिशु की मसाज (Coconut oil for baby massage)
उन्होंने कहा कि महिलाओं को ऑर्गेनिक नारियल तेल ही इस्तेमाल करना चाहिए। ऑर्गेनिक नारियल तेल में सैचुरेटेड फैट्स होते हैं, जो शिशु की त्वचा से नमी को निकलने से रोकते हैं। इससे त्वचा कोमल और मुलायम रहती है। नारियल तेल को शिशु की त्वचा आसानी से सोख लेती है। इसमें ओलेइक एसिड के साथ लिनोलिक एसिड होता है। नारियल तेल का करीब 48% हिस्सा ल्युरेइक एसिड से बना होता है, जो बीमारियों से लड़ता है।
ऑलिव ऑयल से करें शिशु की मसाज (Olive oil for baby massage)
शिशु की मालिश के लिए ऑलिव ऑयल बेहद गुणकारी है। शिशु के चार माह पूरा कर लेने के बाद ही इसका इस्तेमाल बेहतर होगा। ऑयल्स का चुनाव करते वक्त महिलाओं को प्रोटीन कंटेंट वाले ऑयल लेने चाहिए। हालांकि, शिशु की ऑलिव ऑयल से मालिश करने पर होने वाले नुकसान को लेकर अभी पुख्ता अध्ययन नहीं किए गए हैं। इनमें से ज्यादा शोध ओलेइक एसिड के त्वचा पर प्रभाव पर किए गए हैं ना कि ऑलिव ऑयल पर। कुछ जानकारों का मानना है कि ऑलिव ऑयल में ओलेइक एसिड होता है, जो बच्चे की स्किन के लिए नुकसानदायक है। ऑलिव ऑयल से शिशु की मालिश करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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शिशु की मसाज के लिए बादाम तेल (Almond oil for baby massage)
बादाम तेल में विटामिन ई और विटामिन डी होता है। यह शिशु की त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह शिशु की त्वचा को हेल्दी और कोमल रखता है। बादाम तेल की मालिश सालभर की जा सकती है। बादाम तेल में एंटी-इंफ्लमेंट्री गुण होते हैं। यह डैमेज्ड और रूखी त्वचा को ठीक करने का कार्य करते हैं। सर्दियों में बादाम तेल से मसाज का अतिरिक्त फायदा मिलता है। यह एक नैचुरल मॉश्चराइजर है। बादाम तेल की मालिश करने से शिशु की त्वचा रूखी नहीं होती है।
सनफ्लावर ऑयल से करें शिशु की मसाज (Sunflower oil for baby massage)
कुछ महिलाएं सनफ्लावर ऑयल से शिशु की मालिश करती हैं। सनफ्लावर ऑयल में ओमेगा-3 होता है, जो शिशु के लिए फायदेमंद होता है। हाल ही में किए गए एक शोध में पता चला कि कुछ समय बाद इसका स्किन बैरियर पर बुरा असर पड़ता है। हालांकि, यह बात एक छोटे ट्रायल में सामने आई है। इस संबंध में अभी व्यापक अध्ययन किया जाना बाकी है। फिर भी इस तेल का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।
शिशु की मसाज के लिए सरसों का तेल (Mustard oil for baby massage)
सरसों के तेल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड्स होते हैं। इसमें सैचुरेटेड फैट्स का स्तर कम होता है। अक्सर महिलाएं शिशु की मालिश सरसों के तेल से करती हैं। वहीं, कुछ जानकारों का मानना है कि सरसों का तेल स्किन के बैरियर पर गलत असर डालता है, जिससे जलन और शिशु की कोमल त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है।
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डॉक्टर सुनीता बताती हैं कि, “महिलाएं गर्मियों में नारियल तेल से शिशु की मालिश कर सकती हैं। वहीं, सर्दियों में बादाम तेल से मालिश की जा सकती है। कुछ ब्रांडेड तेल भी शिशु की सेहत के लिए बढ़िया रहते हैं।” शिशु की मसाज (Baby massage) के लिए किसी भी तेल का इस्तेमाल करने से पहले अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
शिशु की मसाज या शिशु की मालिश करने के फायदें (Benefits of baby massage)
अक्सर देखा जाता है कि घर की महिलाएं बच्चों को नहलाने से पहले बच्चों की रगड़-रगड़ के मालिश करती हैं। कई मामलों में यह भी देखा जाता है कि बच्चों की मांसपेशियों की समस्या या फिर शरीर के किसी हिस्से में दर्द होने पर बच्चों को मालिश से ही आराम मिल जाता है। ऐसे ही बच्चों की मालिश के फायदे हैं। बच्चों की मालिश से उनकी थकी हुई मांसपेशियों को राहत मिलती है। बच्चों की मालिश से उन्हें कई समस्याओं में राहत मिलने के साथ-साथ अच्छी नींद भी आती है। साथ ही बच्चों को मांसपेशियों के दर्द और थकान में भी आराम मिलता है। इसके अलावा बच्चों की मालिश करने से उनका ब्लड प्रेशर ठीक बना रहता है।
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मालिश से बच्चों के शरीर के विकास में भी मदद मिलती है। भारत में सदियों से घर की महिलाएं बच्चों की मालिश करती आई हैं लेकिन आज महिलाएं बच्चों की मालिश को लेकर उतनी सजग नहीं दिखती हैं जबकि कई शोधों में इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है कि मालिश से बच्चों को कई फायदे होते हैं। लेकिन आज के दौर की मां बच्चे को थोड़ा ही रोता देख घबरा जाती हैं। वही मालिश करते समय बच्चे का रोना स्वभाविक होता है। साथ ही आज कि महिलाएं इस बात से भी घबराती हैं कि मालिश करते समय बच्चे को कुछ न हो जाए। वहीं यह भी समझ लें कि मालिश अगर ठीक ढ़ंग से की जाए, तो इससे कोई खतरा नहीं होता है। भारत के कई हिस्सों में तो आटे और तेल को मिलाकर भी मालिश की जाती है। इससे बच्चे के अनचाहे बाल तो साफ होते ही हैं और साथ ही उनका ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक बना रहता है।
शिशु की मसाज (Baby massage) के फायदे जानकर आप समझ ही गए होंगे कि बच्चों के शुरुआती सालों में उनके लिए मालिश कितनी जरूरी है। साथ ही अब आप शिशु की मसाज या शिशु की मालिश (Baby massage) करते हुए तेल भी आसानी से चुन सकते हैं। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि इसके लिए अपने चिकित्सक से कंसल्ट करें।
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