ऑफिस में किसी सीनियर से व्यवहार में कैसा रिलेशन रखें, इस सवाल को लेकर ज्यादातर लोग असमंजस में रहते हैं। लोगों को डर रहता है कि वो अपने सीनियर से व्यवहार में ज्यादा फ्रेंडली बिहेवियर नहीं रख सकते हैं और न ही उनके प्रति रूखा व्यवहार रख सकते हैं। क्योंकि, दोनों ही स्थितियां उनके ऑफिस के कामकाजी जीवन को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, आपने ऑफिस में ऐसे कई सहकर्मियों को भी देखा होगा, जो हमेशा अपने मैनेजर की हर बात में हां में हां मिलाया करते होंगे। कुछ तो मैनेजर की नजरों में बने रहने के लिए अपने दूसरे सहकर्मियों के बारे में चुगली भी किया करते हैं। लेकिन, क्या इस तरह का व्यवहार सीनियर के साथ रखना चाहिए? या ऑफिस में सीनियर के साथ इस तरह का व्यवहार रखना आपके करियर या कामकाजी जीवन पर किस तरह का प्रभाव डाल सकता है? आज इस आर्टिकल में हम इसी बारे में बात करेंगे।
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कैसा होना चाहिए ऑफिस में सीनियर से व्यवहार
सबसे पहले इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि ऑफिस में जितनी जरूरत आपके सीनियर की है, उतना ही महत्व आपके काम की भी है। किसी भी एक ऑफिस में छोटे से लेकर बड़े कई तरह के पोस्ट होते हैं, जिनकी जरूरत हर ऑफिस को होती है।
1.अपने व्यक्तित्व को समझें
ऑफिस में आप जिस काम के लिए हैं, खुद को उस काम के लिए हमेशा जरूरी समझें। कभी भी अपने काम को कम या अपने सीनियर के काम को बड़ा न आंके। अपनी प्रतिभा के मुताबिक, अपने काम को हमेशा सबसे बेहतर करने का प्रयास करें। कभी भी अपने सीनियर की मौजूदगी से डरें नहीं।
2.सीनियर के साथ चापलूसी नहीं
काम में जल्दी से तरक्की पाने के कई आसान तरीके होते हैं। जिसके लिए ज्यादातर लोग अपने सीनियर से दूसरे सहकर्मियों की चापलूसी करने लगते हैं। हालांकि, इस तरह से कुछ लोगों को तरक्की मिल सकती है लेकिन, यह तरीका हर ऑफिस में काम नहीं कर सकता है। इसलिए, हमेशा अपनी काबीलियत और मेहनत के दम पर ही तरक्की का रास्ता चुनें। सीनियर के साथ हंस-घुलकर बातें करें लेकिन, किसी की चापलूसी न करें।
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3.काम से रखें मतलब
इसमें कोई शक नहीं कि ऑफिस में करने के लिए आपके पास बहुत सारा काम हो सकता है। इसलिए अपने काम से मतलब रखें। क्योंकि आप ऑफिस में सिर्फ अपने काम की वजह से जाते हैं। कभी भी काम करने में अगर परेशानी आए, तो अपने सहकर्मियों या सीनियर की मदद लें। यह भी याद रखें कि आपके सीनियर आपके काम को बेहतर बनाने के लिए आपके ऑफिस में आपके साथ रहते हैं। इसलिए अगर किसी भी काम में परेशानी आए, तो बिना किसी झिझक के उनसे इस बारे में बात करें।
4.फालतू की बहस नहीं
टी टाइम या लंच टेबल पर आप चाहें तो दूसरे सहकर्मियों के साथ-साथ अपने मैनेजर के साथ भी गप्पे मार सकते हैं। लेकिन, गप्पों का मुद्दा किसी के भी निजी स्वाभाव के बारे में न हो। उतने ही हंसी-ठहाके करें, जितना लंच की टेबल पर खत्म हो सके। काम के दौरान, दूसरे सहकर्मियों या मैनेजर से फालतू की बहस नहीं करें। अगर काम के दौरान आप थकान महसूस करते हैं, तो पांच से दस मिनट का ब्रेक लें सकते हैं। लेकिन, इस ब्रेक के दौरान फालतू की बहस करने से बचें।
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5.अपनी गलती मानें
अगर किसी के दौरान आपसे कोई गलती है, तो उसे स्वीकार करें। बहुत-से लोग अपनी गलती दूसरे सहकर्मियों के सिर पर मढ़ देते हैं या उसे मानने की जगह कई तरह के बहाने बनाते हैं लेकिन, आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। कोई भी हर काम में पर्फेक्ट नहीं हो सकता है। गलतियां करके ही आप अपने काम को बेहतर बना सकते हैं। इसलिए, जब भी काम में कोई गलती करें, तो उसे स्वीकार करें। उसन्म सीनियर या दूसरे सहकर्मियों से उसे ठीक करने की राय लें सकते है।
6.निजी रिश्ते ऑफिस के बाहर तक ही रखें
सीनियर से व्यवहार कई बार एक दोस्ती का भी मोड़ ले सकती है। सीनियर से व्यवहार के दौरान दोस्ती करना कोई गलत नहीं। लेकिन, ऑफिस में सीनियर के साथ दोस्ती अन्य सहकर्मियों को खटक रख सकती है। ऑफिस में जितनी अहमित आपके काम की होती है, उससे कहीं ज्यादा आपके व्यवहार की तुलना की जाती है। इसलिए अगर सीनियर से व्यवहार के साथ आपकी गहरी दोस्ती हो जाती है, तो हमेशा ऑफिस के बाहर ही दोस्तों जैसा बर्ताव करें। कोशिक करें अपनी गहरी दोस्ती दूसरे सहकर्मियों के सामने न दिखाएं।
7.सीनियर से व्यवहार में जी हूजूरी नहीं
ऑफिस में अपने सीनियर से व्यवहार को बनाए रखने के लिए यह कतई जरूरी नहीं है कि सीनियर की हर बात में हां में हां मिलाएं। अगर आपकी बिना किसी गलती के सीनियर सहकर्मी बहस करने का प्रयास करें, तो उनके सामने सिर झुकाए उनकी सुनना उचित नहीं है। इस बारे में आप उन्हें अपने काम का तरीका और उद्देश्य समझाएं। अगर बात इससे भी आगे जा रही हो, तो इसके बारे में आप अपने ऑफिस के मैनेजर से भी बात कर सकते हैं। लेकिन अपने काम पर आपको अपना पूरा आत्मविश्वास रखना होगा।
8.सीनियर से व्यवहार में रिस्पेक्ट जताएं
ऑफिस में अपने सीनियर से व्यवहार में रिस्पेक्ट का भी पूरा ख्याल रखें। ये जरूरी नहीं कि आपका सीनियर आपसे उम्र में बड़ा ही हो। अगर आपका सीनियर आपसे उम्र में छोटा भी हो तब भी उसकी बातों और उसके द्वारा दिए गए काम के निर्देशों की रिस्पेक्ट करें। क्योंकि, आपका सीनियर भी आपकी पोस्ट से होते हुए अपने अनुभव के आधार पर एक सीनियर के पोस्ट पर आता है। अगर कभी भी वो आपको कोई नया काम बताएं या कुछ अलग तरह की ट्रेनिंग दें, तो उसकी तौहीन न करें। बल्कि रिस्पेक्ट के साथ उनकी बातों का मान करें।
9.बार-बार अपनी शिकायतें लेकर न जाएं
सीनियर से व्यवहार में आपकी भले ही अच्छी खासी बनती हो, लेकिन फिर भी बार-बार उनके पास अपनी शिकायतों का पिटारा लेकर न जाएं। खासकर तब जब ये शिकायतें आपकी निजी हो। अगर आपको काम से संबंधित कोई परेशानी होती है, जो आपकी कोशिश के बाद भी नहीं हल होती है, तो इसके बारे में आप अपने सीनियर को जानकारी दे सकते हैं।
इन सब बातों के अलाावा, आप जैसे हैं ऑफिस में भी वैसे ही रहें। कभी भी अपने सीनियर या अन्य सहकर्मियों के सामने खुद को उनके जैसा न दिखाएं। हर किसी का अपना अलग-अलग व्यक्तित्व होता है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।