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एक्ने में डायटरी बदलाव (Dietary changes help acne) क्या दिला सकता है समस्या से छुटकारा?

एक्ने में डायटरी बदलाव (Dietary changes help acne) क्या दिला सकता है समस्या से छुटकारा?

एक्ने की समस्या का सामना किसी को भी करना पड़ सकता है। ऐसी समस्या होने पर मुंह में दाने हो जाते हैं। यह दाने कई बार पस से भर जाते हैं। अगर इनका ट्रीटमेंट ना किया जाए और इन्हें जबरदस्ती हटाने की कोशिश की जाए, तो चेहरे पर निशान भी बन जाते हैं। कई लोगों के मन में ये सवाल होता है कि एक्ने की समस्या क्या खान-पान में बदलाव से रोकी जा सकती है या फिर डायट में बदलाव एक्ने की समस्या से राहत दिलाती हैं? इस बारे में कई लोगों के मन में प्रश्न रहते हैं। आइए जानते हैं एक्ने में डायटरी बदलाव (Dietary changes help acne) क्या अहम भूमिका निभाता है।

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एक्ने में डायटरी बदलाव (Dietary changes help acne)

एक्ने में डायटरी बदलाव (Dietary changes help acne)

खानपान में बदलाव करने से एक्ने की समस्या से राहत मिलती है या फिर नहीं, इस संबंध में अभी स्टडी की जरूरत है। कुछ रिसर्च और स्टडी  एक बार जरूर सामने आई है कि डाइट में बदलाव करने से एक्ने के डेवलपमेंट कुछ हद तक कम किया जा सकता है। कुछ अध्ययन की मानें तो, ओमेगा 3 फैटी एसिड का करने से एक्ने की समस्या को कम किया जा सकता है। वहीं कुछ डेयरी प्रोडक्ट और हाय ग्लाइसेमिक फूड्स भी एक्ने की समस्या से राहत दिलाने का काम कर सकते हैं। आइए जानते हैं किस तरह से डायट स्किन पर असर डालती है।

डायट का क्या होता है स्किन पर असर?

स्किन में मुंहासे का विकास तब होता है जब स्किन की मृत कोशिकाएं में इन्फेक्शन शुरू हो जाता है। जब शरीर में बहुत अधिक मात्रा में सेबम का उत्पादन होता है, तो भी स्किन में मुंहासों की समस्या हो जाती है। स्क्रीन की पोर्स बंद हो जाने पर सूजन की समस्या हो जाती है और इस कारण से पिंपल्स होते हैं। प्यूबर्टी के समय में शरीर में कुछ हॉर्मोन का उत्पादन अधिक होता है। स्टडी में यह बात सामने आई है कि शरीर एक हॉर्मोन का अधिक उत्पादन करता है, जिसे इंसुलिन लाइक ग्रोथ फैक्टर 1 (IGF-1) कहा जाता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि IGF-1 सेबम के उत्पादन को बढ़ा सकता है, जिससे मुहांसों की समस्या अधिक बढ़ जाती है। कुछ खाद्य पदार्थ IGF-1 के स्तर को भी बढ़ा सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों से बचने से मुंहासे के लक्षणों में सुधार करने में मदद मिलती है।

यानी अगर आपको मुहांसों की समस्या से बचना है, तो आपको कुछ फूड्स से दूरी बनानी पड़ेगी। ऐसा करने से मुंहासों के लक्षणों से आप बच सकते हैं और साथ ही इससे संबंधित समस्याओं से भी दूर रह सकते हैं। आइए जानते हैं कि किन फूड्स से दूरी बनाना अपके एक्ने की समस्या को कम कर सकता है।

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एक्ने में डायटरी बदलाव के लिए इन फूड्स से बनानी होगी दूरी

एनसीबीआई में प्रकाशित एक रिपोर्ट की मानें तो कुछ फूड्स व्यक्ति के IGF-1 के स्तर में वृद्धि करने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।  इनमें कुछ डेयरी प्रोडक्ट शामिल हैं। वहीं जिन फूड्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड हाय होता है, वो भी मुहांसों का कारण बन सकते हैं। जानिए कुछ हाय ग्लाइसेमिक फूड्स के बारे में।

वाइट ब्रेड या सफेद ब्रेड, कुछ मीठे ब्रेकफास्ट सीरियल जैसे कि कॉर्न फ्लेक्स, कुछ फ्रूट जैसे कि पाइनएप्पल (Pineapple), पटेटो, मेलन आदि। पास्ता, व्हाइट राइस, ग्रेन स्नैक फूड जैसे कि पॉपकॉर्न, राइस केक आदि की हाय ग्लाइसेमिक वैल्यू होती है। ये स्किन के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं।

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एक्ने में डायटरी बदलाव के लिए इन फूड्स का कर सकते हैं सेवन

जैसे कि हमने आपको पहले ही बताया कि कुछ फूड्स मुहांसे के लक्षणों को और बढ़ाने का काम कर सकते हैं। वहीं कुछ फूड्स ऐसे भी होते हैं, जिनका सेवन करने से एक्ने की समस्या की संभावना को कम किया जा सकता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड युक्त आपको खाने में शामिल करना चाहिए। जहां एक ओर ओर ये सूजन की समस्या को कम करते हैं वहीं एक्ने के लक्षणों को कम करने का काम भी करते हैं। यहां पर हम आपको ऐसे ही कुछ फूड्स के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं।

  • मछली, जैसे मैकेरल (mackerel), सामन (salmon), और सार्डिन (sardines)
  • पॉश्चर्ड एग (pastured eggs)
  • सोयाबीन और सोया उत्पाद, जैसे टोफू
  • पालक और केल (spinach and kale)
  • नेवी बींस (navy beans)
  • नट्स, जैसे अखरोट और बादाम
  • फ्लेक्ससीड्स (flaxseeds)
  • सरसों के बीज (mustard seeds)
  • वाइल्ड राइस

यह सभी फूड्स एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर हैं। इनका सेवन करने से 100% एक्ने की समस्या ठीक हो जाए, ऐसा कहना मुश्किल है लेकिन हां इनका सेवन करने से एक्ने के लक्षणों में कुछ राहत जरूर मिल सकती है।

एक्ने में डायटरी बदलाव: एक्ने से है बचना, तो डायट पर दें ध्यान

आप अपने भोजन में क्या शामिल कर रहे हैं और क्या चीजें इग्नोर कर रहे हैं, इसको एक डायरी में जरूर नोट करें। साथ ही रोजाना इस बात पर भी ध्यान दें कि कौन-सा फूड खाने से या किस तरह की डायट अपनाने से एक्ने के लक्षण बढ़ गए हैं या फिर कम हो गए हैं। ऐसा करने से आपके डॉक्टरों को भी इस बारे में अधिक जानकारी मिल जाएगी। आप डॉक्टर को अपनी डाइट के संबंध में जानकारी दें और साथ ही ट्रीटमेंट भी लें। ऐसा करने से एक्ने की समस्या में बहुत राहत मिलेगी।

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एक्ने में डायटरी बदलाव के साथ ही इन बातों का भी रखें ध्यान!

एक्ने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर ट्रीटमेंट के दौरान कुछ मेडिसिंस और क्रीम लगाने की सलाह भी दे सकते हैं। ऐसे में किस मेडिसिन या क्रीम का इस्तेमाल किया जाएगा, यह आपके मुहांसों के लक्षणों पर निर्भर करता है। यानी कि डाइट के साथ-साथ आपको ट्रीटमेंट पर भी ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही कुछ बातें हैं, जिन्हें आपको याद रखना चाहिए।

  1. आपको दिन में दो बार चेहरे को जरूर साफ करना चाहिए।
  2. अगर आपके बाल ऑयली हैं, तो उन्हें आपको रोजाना शैंपू से धोना चाहिए।
  3. आप ऑइल फ्री स्किन केयर प्रोडक्ट और कॉस्मेटिक का इस्तेमाल करें साथ ही पिंपल्स को बार-बार छूने की आदत को छोड़ दें।
  4. अगर आप बाहर जा रहे हैं, तो सन प्रोटक्शन का पूरी तरीके से ध्यान रखें। कुछ बातों का ध्यान रख आप मुंहासे के लक्षणों को बढ़ने से रोक सकते हैं।
  5. एक्ने की समस्या से राहत पाने के लिए बेहतर लाइफस्टाइल अपना भी बहुत जरूरी है। बेहतर होगा कि स्ट्रेस या डिप्रेशन जैसी समस्या से राहत पाने के लिए मेडिटेशन जरूर करें।

इस आर्टिकल में हमने आपको एक्ने में डायटरी बदलाव (Dietary changes help acne)  को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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https://www.aad.org/public/diseases/acne-and-rosac/=ea/teenage-acne

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The role of dietary intervention in skin disease. Accessed on 2/3/2022
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4106357/

Current Version

02/03/2022

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Bhawana Awasthi


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 02/03/2022

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