ट्रीटमेंट (Treatment)
व्यक्ति एटोपिक डर्माटाइटिस की सूजन के लक्षणों का प्रबंधन कर सकते हैं और यहां तक कि निम्नलिखित उपचारों के साथ इनको बढ़ने से रोक सकते हैं:
- स्टेरॉयड और एंटीहिस्टामाइन जैसी प्रिस्क्रिब्ड दवाएं लेना
- फोटोथेरेपी या लाइट थेरेपी से गुजरना
- रूखी, फटी त्वचा का इलाज करने के लिए मॉश्चराइजर लगाना
- बिना गंध वाले और इरिटेशन का कारण न बनने वाले कपड़े धोने के डिटर्जेंट का उपयोग करना
- ट्रिगर्स से बचना, जैसे कि शुष्क हवा, तनाव और एलर्जेंस
- अगर एटोपिक डर्माटाइटिस के लिए उपरोक्त उपचार विकल्प प्रभावी नहीं होते हैं, तो एक बोर्ड-प्रमाणित त्वचा विशेषज्ञ को देखना चाहिए।
इन कारणों के अलावा कुछ इंफेक्शन भी स्किन पर रेड डॉट्स (Red Dots On Skin) का कारण बन सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को स्किन इंफेक्शन होने का संदेह है तो डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। चलिए इन इंफेक्शन्स के बारे में भी जान लेते हैं।
इंफेक्शन (Infection)
स्किन पर रेड डॉट्स (Red Dots On Skin) का कारण बनने वाले इंफेक्शन निम्न प्रकार हैं।
चिकनपॉक्स या शिंगल्स (Chickenpox or shingles)
वैरीसेला-जोस्टर वायरस (Varicella-zoster virus) इन संक्रमणों का कारण बनता है, जो लाल दाने, खुजली, द्रव से भरे फफोले पैदा करते हैं जो शरीर पर कहीं भी दिखाई दे सकते हैं। चिकनपॉक्स आमतौर पर शिशुओं और छोटे बच्चों में होता है। हालांकि, किशोर और वयस्कों में भी चिकनपॉक्स विकसित हो सकता है। दाद उन वयस्कों में होता है जिन्हें पहले से ही चिकनपॉक्स हो चुका है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग के अनुसार, दाद आमतौर पर शरीर के एक तरफ एक क्षेत्र को प्रभावित करता है।
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