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स्किन पर रेड डॉट्स होने के कारण और इनका ट्रीटमेंट जानें इस लेख में

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 02/02/2022

    स्किन पर रेड डॉट्स होने के कारण और इनका ट्रीटमेंट जानें इस लेख में

    स्किन पर रेड डॉट्स (Red Dots On Skin) या त्वचा पर छोटे लाल दाने कई कारणों से हो सकते हैं। जिसमें एलर्जिक रिएक्शन्स से लेकर हीट एक्सपोजर तक शामिल है। स्किन पर रेड डॉट्स के कई कारण नुकसानदायक नहीं होते हैं और ये अपने आप ठीक भी हो जाते हैं। कुछ को ओवर द काउंटर या घरेलू उपायों की जरूरत हो सकती है। इस आर्टिकल में हम स्किन पर रेड डॉट्स होने के कारण और ट्रीटमेंट के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

    स्किन पर रेड डॉट्स (Red Dots On Skin)

    स्किन रैशेज कई साइज, कलर और टेक्चर में दिखाई दे सकते हैं। जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं हर प्रकार के रेड डॉट्स के लिए मेडिकल हेल्प की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन स्किन पर रेड डॉट्स (Red Dots On Skin) के साथ नीचे बताए जा रहे लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

  • रेड डॉट्स जो पूरी बॉडी को कवर कर लें
  • बुखार
  • बिलिटर्स
  • गहरे घाव
  • बोलने, सांस लेने और निगलने में कठिनाई होना
  • गर्दन में अकड़न
  • प्रकाश के प्रति संवदेनशीलता
  • दौरे
  • उनींदापन
  • प्रतिक्रिया करने में असमर्थ
  • इनके अलावा नए स्पॉट या डॉट्स जिनमें दर्द हो दिखाई देने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर ये डॉट्स या रैशेज आंख, मुंह और प्राइवेट पार्ट्स को प्रभावित करें तक भी मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए। डॉक्टर या सर्टिफाइड डर्मेटोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए।

    और पढ़ें: सेंसिटिव स्किन की स्थिति में अपनाना न भूलें इन होम रेमेडीज को!

    स्किन पर रेड डॉट्स के कारण क्या हैं? (Red Dots On Skin Causes)

    स्किन पर रेड डॉट्स दिखाई देने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ प्रमुख कारणों के बारे में हम यहां जानकारी दे रहे हैं।

    हीट रैशेज (Heat rashes)

    हीट रैशेज तब दिखाई देते हैं जब स्वेट ग्लैंड्स (Sweat glands) ब्लॉक हो जाती हैं और पसीना स्किन की डीप लेयर्स में इकठ्ठा हो जाता है। हीट रैश की समस्या किसी को भी हो सकती है। यह नवजात शिशुओं और बच्चों में होने वाली एक कॉमन कंडिशन है। इसकी वजह से स्किन पर रेड डॉट्स (Red Dots On Skin) हो सकते हैं। हीट रैश के लक्षणों में निम्न शामिल हैं।

  • छोटे रेड बम्प्स
  • खुजली और चुभन का एहसास
  • प्रभावित क्षेत्र में पसीना ना आना या बहुत कम आना
  • सूजन और घाव
  • चक्कर आना
  • जी मिचलाना
  • ट्रीटमेंट (Treatment)

    हीट रैशेज 24 घंटों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। ट्रीटमेंट में स्किन को आराम पहुंचाने, स्वेलिंग को कम करने वाले ट्रीटमेंट ऑप्शन को शामिल किया जाता है। लोगों को स्किन को ठंडा रखने के साथ ही टाइट फिटिंग कपड़ों से दूर रहना चाहिए।

    कॉन्टैक्ट डर्माटाइटिस (Contact dermatitis)

    कॉन्टैक्ट डर्माटाइटिस स्थिति तब पैदा होती है जब व्यक्ति किसी ऐसी चीज के संपर्क में आता है जो इर्रिटेशन का कारण बनती है और एलर्जिक रिएक्शन्स को ट्रिगर करती है। इसके लक्षण सबके लिए अलग हो सकते हैं जो ट्रिगर और रिएक्शन की गंभीरता पर निर्भर करते हैं। कॉन्टैक्ट डर्माटाइटिस के लक्षणों में निम्न शामिल हैं।

    • स्किन पर रेड डॉट्स
    • स्किन पर चकत्ते
    • सूखी त्वचा जिसमें पपड़ी आती है और जो फटती है
    • हाइव्स
    • बहुत तेज खुजली और जलन
    • फोड़े जिनमें फ्लूइड भरा हो
    • प्रकाश के प्रति संवदेनशीलता

    ट्रीटमेंट (Treatment)

    कॉन्टैक्ट डर्माटाइटिस का ट्रीटमेंट इसके कारण और व्यक्ति के लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। माइल्ड स मॉडरेट लक्षण एलर्जन के कॉन्टैक्ट को अवॉइड करने से ठीक हो जाते हैं। लोगों को ऐसे स्किन केयर प्रोडक्ट्स को अवॉइड करना चाहिए जिनमें नुकसान पहुंचाने वाले कैमिकल्स हों। इसके साथ ही ऐसे फूड्स और दवाओं का अवॉइड करना चाहिए जो एलर्जिक रिएक्शन का कारण बनते हैं। निकेल और गोल्ड प्लेटेड ज्वैलरी को ना पहनें। जहरीली पौधें के आसपास जाने से पहले प्रोटेक्टिव कपड़े पहनें। डॉक्टर टॉपिकल या ओरल एंटीहिस्टामाइन प्रिस्क्राइब कर सकते हैं।

    और पढ़ें: स्किन सिस्ट क्या है? जानिए इसके उपचार के बारे में यहां…..

    एटॉपिक डर्माटाइटिस (Atopic dermatitis)

    एटॉपिक डर्माटाइटिस को एक्जिमा (Eczema) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक क्रोनिक इंफ्लामेटरी स्किन कंडिशन है। एग्जिमा के दो प्रकार होते हैं। जिसमें से एक हेयर फॉलिकल्स को प्रभावित करता है वहीं दूसरे में स्किन पर रेड डॉट्स (Red Dots On Skin) या बम्प हो जाते हैं। इनके अलावा एग्जिमा निम्न का कारण भी बन सकता है।

    ट्रीटमेंट (Treatment)

    व्यक्ति एटोपिक डर्माटाइटिस की सूजन के लक्षणों का प्रबंधन कर सकते हैं और यहां तक ​​कि निम्नलिखित उपचारों के साथ इनको बढ़ने से रोक सकते हैं:

    • स्टेरॉयड और एंटीहिस्टामाइन जैसी प्रिस्क्रिब्ड दवाएं लेना
    • फोटोथेरेपी या लाइट थेरेपी से गुजरना
    • रूखी, फटी त्वचा का इलाज करने के लिए मॉश्चराइजर लगाना
    • बिना गंध वाले और इरिटेशन का कारण न बनने वाले कपड़े धोने के डिटर्जेंट का उपयोग करना
    • ट्रिगर्स से बचना, जैसे कि शुष्क हवा, तनाव और एलर्जेंस
    • अगर एटोपिक डर्माटाइटिस के लिए उपरोक्त उपचार विकल्प प्रभावी नहीं होते हैं, तो एक बोर्ड-प्रमाणित त्वचा विशेषज्ञ को देखना चाहिए।

    इन कारणों के अलावा कुछ इंफेक्शन भी स्किन पर रेड डॉट्स (Red Dots On Skin) का कारण बन सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को स्किन इंफेक्शन होने का संदेह है तो डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। चलिए इन इंफेक्शन्स के बारे में भी जान लेते हैं।

    इंफेक्शन (Infection)

    स्किन पर रेड डॉट्स

    स्किन पर रेड डॉट्स (Red Dots On Skin) का कारण बनने वाले इंफेक्शन निम्न प्रकार हैं।

    चिकनपॉक्स या शिंगल्स (Chickenpox or shingles)

    वैरीसेला-जोस्टर वायरस (Varicella-zoster virus) इन संक्रमणों का कारण बनता है, जो लाल दाने, खुजली, द्रव से भरे फफोले पैदा करते हैं जो शरीर पर कहीं भी दिखाई दे सकते हैं। चिकनपॉक्स आमतौर पर शिशुओं और छोटे बच्चों में होता है। हालांकि, किशोर और वयस्कों में भी चिकनपॉक्स विकसित हो सकता है। दाद उन वयस्कों में होता है जिन्हें पहले से ही चिकनपॉक्स हो चुका है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग के अनुसार, दाद आमतौर पर शरीर के एक तरफ एक क्षेत्र को प्रभावित करता है।

    और पढ़ें: त्वचा और उसका कार्य क्या है? जानिए स्किन के बारे में जरूरी फैक्ट!

    रूबेला (Rubella)

    यह संक्रामक वायरल संक्रमण स्किन पर रेड डॉट्स (Red Dots On Skin) या पिंक डॉट्स का कारण बनता है। दाने आमतौर पर धड़, हाथ और पैरों तक फैलने से पहले चेहरे पर शुरू होते हैं। रूबेला संक्रमण से बुखार, सिरदर्द और लिम्फ नोड्स में सूजन जैसी परेशानियां भी होती हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में एमएमआर वैक्सीन (MMR Vaccine) के व्यापक उपयोग के कारण अब रूबेला अपेक्षाकृत दुर्लभ संक्रमण है। यह टीका शिशुओं और 9 महीने से 6 साल की उम्र के बच्चों के लिए उपलब्ध है।

    यदि किसी व्यक्ति को त्वचा के संक्रमण का संदेह है, तो उन्हें कोई भी घरेलू उपचार करने से पहले किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से संपर्क करना चाहिए। किसी प्रकार की दवा या ट्रीटमेंट का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। हर स्थिति के हिसाब से डॉक्टर अलग ट्रीटमेंट रिकमंड करते हैं।  त्वचा पर चकत्ते से राहत और प्रबंधन के लिए, लोग निम्नलिखित घरेलू उपचारों को आजमा सकते हैं।

    और पढ़ें: Scaling Skin: स्केलिंग त्वचा के कारण किन समस्याओं का करना पड़ता है सामना?

    घरेलू उपचार (Home remedies)

    • हल्के, बिना गंध वाले साबुन, बॉडी वॉश और क्लींजर का उपयोग करना
    • गर्म पानी में नहाने या स्नान करने से बचना
    • प्रभावित त्वचा को सूखा और साफ रखना
    • ढीले-ढाले कपड़े पहनना
    • त्वचा के लाल चकत्ते को रगड़ने या खरोंचने से बचना
    • सूजन और दर्द से राहत पाने के लिए कोल्ड कंप्रेस की मदद लेना
    • सूजन को कम करने और दर्द को शांत करने के लिए प्रभावित त्वचा पर एलोवेरा लगाना
    • शुष्क, परतदार त्वचा को हाइड्रेट करने के लिए मॉश्चराइजर का उपयोग करना

    उम्मीद करते हैं कि आपको स्किन पर रेड डॉट्स (Red Dots On Skin) होने से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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