फंगल इंफेक्शन के लिए केओएच एक्जाम : रिजल्ट से क्या है मतलब?
फंगल इंफेक्शन के टेस्ट के दौरान जब रिजल्ट आता है, तो उस टेस्ट में यह पता चलता है कि घाव में फंगस यानी कि कवक है या फिर नहीं। कुछ मामलों में यह टेस्ट गलत भी साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जो भी सैंपल लिया गया है, उसमें पर्याप्त मात्रा में फंगल सेल्स मौजूद नहीं होते हैं। कई बार गलत सैंपल लेने के कारण भी टेस्ट का नतीजा गलत आ सकता है। कवक धीरे-धीरे ग्रोथ करते हैं, जिसके कारण उन्हें देखना मुश्किल हो जाता है। अगर किसी व्यक्ति ने सैंपल लेने के पहले फंगल इंफेक्शन से संबंधित दवा ली है, तो भी टेस्ट का रिजल्ट गलत हो सकता है। अगर व्यक्ति को फंगल इनफेक्शन नहीं है, तो डॉक्टर अन्य टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं।
स्किन फंगस की समस्या होने पर डॉक्टर अन्य टेस्ट करने की भी सलाह दे सकते हैं। इन टेस्ट में वुड लैम्प एक्जामिनेशन (Wood lamp examination), स्टेंड वेट माउंट (Stained wet-mount), बायोप्सी विद स्पेशल स्टेंस (Biopsy with special stains) आदि शामिल है। ज्यादातर फंगल इन्फेक्शन का ट्रीटमेंट आसानी से किया जा सकता है। फंगल इंफेक्शन को दूर करने के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं या फिर एंटीफंगल क्रीम का इस्तेमाल भी संक्रमण को कम करने के लिए किया जाता है। जिस व्यक्ति को संक्रमण हुआ है, बेहतर होगा कि वो लोग बीमारी की जांच करवाएं। अगर समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिलता है, तो कई बार गंभीर समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
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