हल्के ब्लू या ग्रे रंग के बर्थमार्क, स्किन पिगमेंटेशन के परिणामस्वरूप होते हैं। इन्हें मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) कहा जाता है। इसके अलावा इन्हें ब्लू ग्रे स्पॉट्स (Blue-gray spots) और कंजेनिटल डर्मल मेलेनोसाइटोसिस (Congenital dermal melanocytosis) के नाम से भी जाना जाता है। यह आमतौर पर शिशु के जन्म के समय उनके शरीर पर मौजूद होते हैं। लेकिन, कई मामलों में यह स्पॉट्स जन्म के पहले हफ्ते में भी नजर आ सकते हैं। यह मार्क्स आमतौर पर शिशु के तीन से पांच साल के होने पर गायब हो जाते हैं। किंतु, कई बार यह यौवन तक भी रह सकते हैं। आइए जानें मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स के बारे में विस्तार से।
मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) किन्हें कहा जाता है?
जैसा कि पहले ही बताया गया है कंजेनिटल डर्मल मेलेनोसाइटोसिस (Congenital dermal melanocytosis) को सामान्यतया मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) के नाम से जाना जाता है। यह वो बर्थमार्क है जो नवजात शिशु में आमतौर पर पाया जाता है। यह स्पॉट्स हानिरहित होते हैं और उनके रिमूव करने की भी जरूरत नहीं होती है। यह मार्क नील पड़ने यानी ब्रूसेस (Bruises) जैसे होते हैं, लेकिन यह नील नहीं होते। इन मार्क्स का आकार, शेप और रंग बदल भी सकते हैं। मंगोलियन बर्थमार्क्स छूने पर दर्द भरे नहीं होते हैं। यह फ्लैट होते हैं और टेक्सचर सामान्य स्किन जैसा ही होता है।
यह स्पॉट्स बच्चे के शरीर पर एक जगह या अधिक जगहों पर भी हो सकते हैं। ज्यादातर मामलों में, यह बर्थमार्क शरीर के 5% से अधिक हिस्से को कवर नहीं करते हैं। यह बर्थमार्क्स कुछ मिलीमीटर्स से 10 मिलीमीटर्स तक हो सकते। यह पिग्मेंटेड बर्थमार्क शरीर के कुछ खास हिस्सों में नजर आते हैं, जैसे:
- कूल्हे
- पीठ
- कंधे
- स्पाइन का बेस
इन स्पॉट्स का नाम मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) इसलिए पड़ा था, क्योंकि यह स्पॉट्स अधिकतर मंगोलियन और अन्य एशियाई देशों के बच्चों में पाए जाते थे। अब जानते हैं इसके कारणों के बारे में।
और पढ़ें: Bruise Vs Blood Clot: जानिए ब्रूस या ब्लड क्लॉट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) के कारण क्या हैं?
मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) तब होते ,हैं जब पिग्मेंट सेल्स स्किन के सरफेस के नीचे मेलेनिन बनाते हैं। इनके स्पॉट्स के ब्लू होने का कारण टिंडल इफेक्ट (Tyndall effect) को माना जाता है। टिंडल इफेक्ट (Tyndall effect) में लाइट की स्कैटरिंग शामिल होती है, क्योंकि यह अपने मार्ग में पार्टिकल्स के माध्यम से पास होता है। स्किन के सरफेस पर पिग्मेंट नीले, ग्रे और काले कई तरह के कॉम्बिनेशन में नजर आता है, क्योंकि इसकी वेवलेंथ कम होती है। मेलानोसाइट्स (Melanocytes) के नंबर आमतौर पर अक्सर निशान के खास रंग या रंगों के कॉम्बिनेशन को निर्धारित करने में मदद करते हैं।
मेलानोसाइट्स (Melanocytes) वो सेल्स हैं जिन्हें मेलेनिन प्रोड्यूज करते हैं और जो स्किन में पिगमेंटेशन का कारण बनते हैं। अन्य कारक जो इन स्पॉट्स का रंग तय करते हैं, उनमें इन सेल्स में कितना मेलेनिन है और साथ ही डर्मिस में स्पॉट्स कितने गहरे हैं आदि शामिल हैं। इन स्पॉट्स के रिस्क फैक्टर्स के बारे में भी जानें।
मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) के रिस्क फैक्टर्स क्या हैं?
मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) यानी कंजेनिटल डर्मल मेलेनोसाइटोसिस (Congenital dermal melanocytosis) के सटीक कारण के बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन, ऐसे कई रिस्क फैक्टर्स हैं जो इस समस्या का कारण बन सकते हैं। हालांकि, मेलेनिन स्किन डिसक्लरेशन में महत्वपूर्ण रोल निभाता है। यह स्पॉट्स इस तरह के नजर आते हैं:
- इन स्पॉट्स की स्किन का टेक्सचर फ्लैट होता है।
- यह रंग में ब्लू या ब्लू-ग्रे होते हैं।
- यह मार्क्स दो से आठ सेंटीमीटर्स वाइड होते हैं।
- शेप में यह इरेगुलर होते हैं।
- जन्म के समय और उसके बाद प्रेजेंट होते हैं।
यह स्पॉट्स अधिकतर कूल्हों और लोअर बैक में होते हैं और बाजू में कम होते हैं। मार्क्स संभावित मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) से संबंधित नहीं हैं अगर वो राइज्ड हैं और ब्लूइश नहीं हैं। अब जानते हैं कि मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) हानिकारक होते हैं या नहीं?
क्या मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) हानिकारक होते हैं?
यह स्पॉट्स हार्मलेस होते हैं। यह न तो कैंसरस या किसी डिजीज व डिसऑर्डर्स का कारण नहीं बनते हैं। इसमें मेडिकल उपचार की जरूरत भी नहीं होती है। अधिकतर मामलों में समय के साथ यह स्पॉट्स फेड हो जाते हैं। अगर आपको अपने बच्चे में यह स्पॉट्स दिखाई दें, तो डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर इसकी अपीयरेंस के अनुसार बता सकते हैं कि स्पॉट्स हानिकारक हैं या नहीं? इन स्पॉट्स की एकमात्र पॉसिबल कॉम्प्लीकेशन्स मनोवैज्ञानिक है। यह विशेष रूप से नीले धब्बों के मामले में होता है जो दूसरों को दिखाई देते हैं और बचपन से अधिक समय तक रहते हैं। अब जानते हैं मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) यानी कंजेनिटल डर्मल मेलेनोसाइटोसिस (congenital dermal melanocytosis) के उपचार के बारे में।
और पढ़ें: Fitzpatrick Skin Types : स्किन कैंसर के बारे में जानने का आसान तरीका है फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स!
मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) का उपचार किस तरह से संभव है?
डिलीवरी के बाद, डॉक्टर इन स्पॉट्स को एक्जामिन करते हैं और इसके साथ ही शिशु का मेडिकल रिकॉर्ड भी जांचते हैं। पेरेंट्स और डॉक्टर नियमित रूप से इन स्पॉट्स की जांच करते हैं, ताकि जान पाए कि यह स्पॉट्स शिशु के बड़े होने पर खुद ठीक हो रहे हैं या नहीं। समय के साथ यह स्पॉट्स गायब हो जाते हैं। आमतौर पर इस समस्या में ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती है। अगर यह मार्क्स किसी अन्य कंडिशंस के साथ नजर आते हैं, यह स्पॉट्स न तो दर्दभरे होते हैं न ही किसी हेल्थ प्रॉब्लम के कारण होते हैं, तो इनमें उपचार की आवश्यकता हो सकती है। अगर यह स्पॉट्स युवावस्था में नजर आते हैं या इससे कोई और परेशानी हो रही हो, तो इन्हें लेजर सर्जरी से रिमूव किया जाता है।
और पढ़ें: स्किन का रंग अगर पड़ गया है ब्लू, तो यह हो सकता है पेरीफेरल सायनोसिस का लक्षण!
यह तो थी जानकारी मंगोलियन ब्लू स्पॉट्स (Mongolian Blue Spots) के बारे में। यह तो आप जान ही गए होंगे कि यह स्पॉट्स बर्थमार्क होते हैं। यह आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होते हैं। लेकिन दुर्लभ मामलों में यह किसी डिसऑर्डर का संकेत भी हो सकते हैं, जिनमें मेडिकल हेल्प की जरूरत हो सकती है। अगर आपको अपने बच्चे में यह स्पॉट्स नजर आएं तो डॉक्टर से बात करें, ताकि वो जान सकें कि यह किसी हेल्थ इश्यू का संकेत हो सकते हैं या नहीं। बचपन में ही यह स्पॉट्स गायब हो जाते हैं। लेकिन, अगर ऐसा नहीं होता है तो यह चिंता का विषय हो सकता है। स्पॉट्स जो आकार या रंग बदलने लगते हैं, वे कुछ और हो सकते हैं।
कभी भी त्वचा की किसी भी स्थिति का स्वयं निदान न करें। हमेशा अपने डॉक्टर या त्वचा विशेषज्ञ से जांच कराएं। ऐसे में डॉक्टर से बात करें ताकि वो सही उपचार की सलाह दे सकें। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से इसे अवश्य पूछें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।