कई लोग जिनकी त्वचा में माइट्स होते हैं, वे इसे नहीं जान पाते हैं। माइट्स का छोटी संख्या में उपस्थित होना किसी भी लक्षण का कारण बनने की संभावना नहीं होती।
और पढ़ें: वेजिटेबल ग्लिसरीन स्किन के लिए कितनी फायदेमंद है जानें
डेमोडेक्स फॉलिकुलोरम से संबंधित स्थितियां
कुछ स्किन कंडिशंस वाले लोगों में डेमोडेक्स फॉलिकलोरम माइट्स कभी-कभी अधिक संख्या में मौजूद होते हैं। इनके उदाहरणों में शामिल हैं:
ब्लेफेराइटिस (Blepharitis)
ब्लेफेराइटिस पलकों की सूजन है जो क्रस्टिंग, पानी और लालिमा का कारण बन सकती है। ब्लेफेराइटिस वाले लोगों में डेमोडेक्स माइट्स की संख्या में वृद्धि देखी गई है।
रोजेशिया (Rosacea)
रोजेशिया एक इंफ्लामेटरी स्किन कंडीशन है जो फेशियल फ्लशिंग, रेडनेस, और चेहरे पर सूखे घावों का कारण बनती है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि रोजेशिया वाले व्यक्ति के चेहरे पर कभी-कभी किसी की तुलना में चार गुना अधिक डेमोडेक्स माइट्स हो सकते हैं। डी. फॉलिकलोरम माइट्स ऑक्यूलर रोजेशिया वाले लोगों के आंसू नलिकाओं में भी पाए गए हैं, जो एक प्रकार का रोजेशिया है जो आंखों को प्रभावित करता है।
एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया (Androgenetic alopecia)
एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया एक जेनेटिक बालों के झड़ने की स्थिति है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करती है। यह सुझाव दिया गया है कि माइट्स द्वारा प्रोड्यूस एक केमिकल एक इंफ्लेमेटरी रिएक्शन को ट्रिगर कर सकता है जो बालों के रोम को एफेक्ट करता है। हालांकि डेमोडेक्स माइट्स एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया का कारण नहीं बनते हैं, वे स्थिति को खराब कर सकते हैं।
और पढ़ें: लाइकेन प्लानस : इस स्किन कंडिशन के बारे में जानते हैं आप? इसको ठीक होने लग जाते हैं वर्षों