अब जानते हैं इसके उपचार के बारे में।
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पेरीफेरल सायनोसिस (Peripheral Cyanosis) का उपचार
पेरीफेरल सायनोसिस (Peripheral Cyanosis) का उपचार समस्या के अंडरलायिंग कारणों पर निर्भर करता है। डॉक्टर कुछ दवाइयों की सलाह भी दे सकते हैं, जिनसे हार्ट और लंग कंडिशंस का उपचार हो सके। इनसे ऑर्गन्स और टिश्यूज तक ब्लड फ्लो और ऑक्सीजन सप्लाई तक सुधारने में मदद मिलती है। कुछ लोगों में हेल्दी लेवल को रिस्टोर करने के लिए ऑक्सीजन थेरेपी (Oxygen therapy) की जरूरत हो सकती है। इसके साथ ही डॉक्टर रोगी को उन ट्रीटमेंट्स को बंद करने के लिए भी कह सकते हैं, जिनसे ब्लड फ्लो रिस्ट्रिक्ट हो रहा हो। इसमें बीटा ब्लॉकर्सBeta blockers), बर्थ कंट्रोल पिल्स (Birth control pills) और कुछ एलर्जी मेडिकेशन्स का इस्तेमाल शामिल है। इसके साथ ही डॉक्टर रोगी को हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करने की सलाह देते हैं जैसे स्मोकिंग न करना, कैफीन को सीमित मात्रा में लेना आदि।
यह तो थी पेरीफेरल सायनोसिस (Peripheral Cyanosis) के बारे में जानकारी। यह समस्या किसी को भी हो सकती है यहां तक की नवजात शिशुओं में भी। शिशुओं में इस समस्या को डिटेक्ट करना मुश्किल है, खासतौर पर नवजात शिशुओं में। क्योंकि, उन्हें होने वाली अन्य समस्या जैसे पीलिया के लक्षण इसके जैसे हो सकते हैं। हालांकि, इस रोग में मेडिकल एमरजेंसी की जरूरत नहीं होती है। सेंट्रल सायनोसिस में तुरंत मेडिकल अटेंशन की आवश्यकता होती है।
उम्मीद है कि पेरीफेरल सायनोसिस (Peripheral Cyanosis) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। इस रोग का उपचार इसके कारण और उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। अगर किसी को उनकी एक्सटरमिटिज में ब्लू या ग्रीन रंग नजर आए, तो उसे उन एरियाज को गर्म करना चाहिए या मालिश से ब्लड फ्लो को बढ़ाना चाहिए। लेकिन, अगर यह रंग सामान्य न हो, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। अगर इसके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल हो तो डॉक्टर से अवश्य बात करें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।