डोर फ्रेम की ओर मुंह करके अपने एक पैर की हील की फ्रेम रखें। अब पैर के आगे के हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं। स्ट्रेच को बढ़ाने के लिए घुटने को आगे की ओर झुकाएं। ऐसा करने से आपको फूट बॉटम के साथ ही हील कॉर्ड में स्ट्रेच फील होगा। आप पैर को 15 से 20 सेकेंड के लिए होल्ड कर सकते हैं। आप दिन में इस एक्सरसाइज को दो बार कर सकते हैं।
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पेरीफेरल न्यूरोपैथी के लिए एक्सरसाइज के साथ ही इन बातों का भी रखें ध्यान
एक्सरसाइज के माध्यम से पेरीफेरल न्यूरोपैथी के कारण उत्पन्न हुए दर्द को कम किया जा सकता है। एक्सरसाइज करने से बाद स्ट्रेचिंग का ध्यान रखें क्योंकि इसके कारण शरीर को फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है और साथ ही ज्वाइंट्स और मसल्स की कठोरता भी कम होती है। रेग्युलर एक्टिविटी और स्ट्रेचिंग के बाद हल्के दर्द की समस्या हो सकती है। अगर आप रोजाना एक्सरसाइज करते हैं, तो दर्द बहुत कम हो जाता है। अगर आपको ज्यादा दर्द हो रहा हो, तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। आपको समय-समय पर हाथ-पैरों की जांच जरूर करानी चाहिए ताकि समस्या न बढ़ सके। आप ब्लड शुगर लेवल भी चेक कराते रहें। एल्कोहॉल और स्मोकिंग से दूरी बनाएं क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होती हैं। अगर लाइफस्टाइल में सुधार किया जाए, तो पेरीफेरल न्यूरोपैथी की समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है। आप अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
एक्सरसाइज से पहले वॉर्मअप कर सकते हैं। अगर आपने एक्सरसाइज कभी नहीं की है, तो ज्यादा एक्सरसाइज करने की भूल न करें। शुरुआत में कुछ समय तक ही एक्सरसाइज करें और फिर उसे बढ़ाएं। हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पेरीफेरल न्यूरोपैथी के लिए एक्सरसाइज संबंधी जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।