एक्यूट पेरिकार्डिटिस की समस्या एकदम शुरू होती है और एक हफ्ते तक रह सकती है। क्रॉनिक पेरिकार्डाइटिस धीरे धीरे विकसित होती है और अधिक समय तक रह सकती है। समय के साथ यह समस्या ठीक हो जाती है। कई बार यह पर्याप्त आराम से भी सुधर सकती है। लेकिन, इसकी गंभीर स्थिति में दवाइयों और सर्जरी की सलाह दी जा सकती है ताकि हार्ट को डैमेज से बचाया जा सके।
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कार्डिएक टैम्पोनेड (Cardiac tamponade)
कार्डिएक टैम्पोनेड को कंडिशन है, जो पेरीकार्डियल कैविटी में फ्लूइड, ब्लड, गैस या ट्यूमर के बिल्ड-अप के कारण होती है। इस बिल्ड-अप के कारण हार्ट पर प्रेशर पड़ता है, जिससे इसे ठीक से भरने और खाली करने में समस्या होती है। कार्डिएक टैम्पोनेड की समस्या, पेरिकार्डियल इफ्यूजन के समान नहीं होती है। हालांकि, यह पेरिकार्डियल इफ्यूजन से फ्लूइड बिल्ड-अप की कॉम्प्लिकेशन हो सकती है। इसका सबसे पड़ा लक्षण हो सकता है ब्लड प्रेशर में बहुत अधिक ड्राप होना। यह एक मेडिकल एमरजेंसी है। अगर इसका जल्दी उपचार न हो तो यह जानलेवा हो सकती है।
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यह तो थी पेरिकार्डियम (Pericardium) के बारे में पूरी जानकारी। आप यह तो समझ ही गए होंगे कि यह हार्ट को प्रोटेक्ट करता है। जब इसमें फ्लूइड और अन्य सब्सटांस बिल्ड-अप हो जाते हैं, तो इससे हार्ट पर प्रेशर बढ़ सकता है। जिससे हार्ट की ब्लड पंप करने की क्षमता प्रभावित होती है। कुछ कंडिशंस जो पेरिकार्डियम को प्रभावित करती हैं, आमतौर पर गंभीर नहीं होती है और खुद ही ठीक हो जाती हैं। अन्य कंडिशंस हार्ट को डैमेज कर सकती हैं और उनमें मेडिकल एमरजेंसी की जरूरत होती है। अगर आपको कुछ लक्षण नजर आएं, जैसे छाती में दर्द, सांस लेने में समस्याएं आदि तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इस बारे में कोई भी सवाल होने पर भी डॉक्टर से बात करें।