अगर सीने में दर्द हो रहा है तो डॉक्टर इस टेस्ट को रिकमंड करता है। इसके अलावा निम्न लक्षण दिखाई देने पर भी यह टेस्ट रिकमंड किया जा सकता है।
- गले, पीठ, बाजुओं और जबड़े में दर्द होना
- अधिक पसीना आना
- सिर में हल्कापन लगना
- चक्कर आना
- जी मिचलाना
- सांस लेने में परेशानी होना
- थकान महसूस होना
ट्रॉपोनिट लेवल्स टेस्ट का रिजल्ट (Troponin Levels result test)
ट्रोपोनिन का स्तर नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर (एनजी/एमएल) में मापा जाता है। उच्च संवेदनशीलता परीक्षण नैनोग्राम प्रति लीटर (एनजी/एल) में ट्रोपोनिन के स्तर को मापते हैं। सामान्य स्तर पर यह ब्लड में 99वें प्रतिशत तक होता है। यदि ट्रोपोनिन के परिणाम इस स्तर से ऊपर हैं, तो यह दिल की क्षति या दिल के दौरे का संकेत दे सकता है। ट्रोपोनिन लेवल्स की रिफरेंस रेंज लैब के हिसाब से अलग-अगल हो सकती है।
2017 के एक अध्ययन से पता चलता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कार्डिएक ट्रोपोनिन का स्तर कम हो सकता है। ट्रोपोनिन का लेवल (TnI levels) को बढ़ा हुआ तब समझा जाता है जब यह हाय सेंसटिविटी टेस्ट में 40 ng/L से अधिक आता है। वहीं टीनएटी लेवल्स TnT levels को बढ़ा हुआ तब माना जाता है जब यह हाय सेंसिटिविटी टेस्ट में महिलाओं के लिए 14ng/L से ज्यादा और पुरुषों के लिए 22ng/L से ज्यादा होता है।
और पढ़ें: हार्ट फेलियर के लिए मील प्लान्स (Meal Plans for Heart Failure) कैसा होना चाहिए?
यदि ट्रोपोनिन लेवल्स लो और सामान्य है तो (Low and normal Troponin levels)
स्वस्थ लोगों में ट्रोपोनिन लेवल्स नॉर्मल रेंज में होता है। यदि आप सीने में दर्द का अनुभव करते हैं, लेकिन सीने में दर्द शुरू होने के 12 घंटे बाद भी ट्रोपोनिन का स्तर कम या सामान्य है, तो दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं है।