backup og meta

कॉर्ड ब्लड टेस्ट क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/07/2020

    कॉर्ड ब्लड टेस्ट क्या है?

    कॉर्ड ब्लड का मतलब गर्भनाल से एकत्रित किए गए ब्लड के सैंपल से है। जो शिशु के जन्म के समय अम्बिलिकल कॉर्ड में बचाया जाता है। गर्भनाल शिशु को मां के गर्भ से जोड़ती है। कॉर्ड ब्लड बच्चे को भविष्य में होने वाली कई तरह की बीमारियों से बचा सकता है। शिशु के जन्म के ठीक बाद गर्भनाल को काटा जाता है। यदि कॉर्ड ब्लड खींचना है, तो दूसरे क्लैंप को पहले से 8 से 10 इंच दूर रखा जाता है। क्लैंप के बीच का भाग काट दिया जाता है और ब्लड सैंपल एक ट्यूब में एकत्र किया जाता है। नवजात शिशु के स्वास्थ्य को इवैलुएट करने के लिए कॉर्ड ब्लड टेस्ट किया जा सकता है।

    कॉर्ड ब्लड के टेस्ट हेतु तैयारी के लिए किसी विशेष कदम की आवश्यकता नहीं होती है। इस दौरान महिला सामान्य बर्थ प्रॉसेस से परे और कुछ महसूस नहीं करेगी।

    क्यों किया जाता है कॉर्ड ब्लड टेस्ट?

    गर्भनाल रक्त परीक्षण आपके शिशु के ब्लड में निम्नलिखित चीजों को मापने के लिए किया जाता है।

    और पढ़ें – ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) और ब्रेस्ट इंफेक्शन (Breast infection) में अंतर

    सामान्य परिणाम कैसे जानें?

    सामान्य परिणाम का मतलब है कि टेस्ट में किए गए सभी चेकअप का रिजल्ट सामान्य सीमा के भीतर है।

    असामान्य परिणाम का क्या मतलब है?

    जब ब्लड का पीएच 7.04 से 7.10 के बीच हो तो इसे कम पीएच माना जाता है। इसका मतलब यह है कि शिशु के ब्लड में एसिड का उच्च स्तर है। यह तब होता है जब शिशु को प्रसव के दौरान पर्याप्त ऑक्सिजन नहीं मिलती है। इसका एक कारण यह हो सकता है कि प्रसव या प्रसव के दौरान गर्भनाल संकुचित हो गया हो। एक ब्लड कल्चर जो बैक्टीरिया के लिए पॉजिटिव हो तो इसका मतलब होता है कि शिशु को ब्लड इंफेक्शन है।

    अगर मां को डायबिटीज है तो कॉर्ड ब्लड में उच्च स्तर की ब्लड शुगर (ग्लूकोज) पाई जा सकती है। प्रसव के बाद नवजात शिशु को हाइपोग्लाइसीमिया (लो ब्लड शुगर) के लिए टेस्ट किया जाएगा।

    और पढ़ें – 8 मंथ प्रेग्नेंसी डाइट चार्ट, जानें इस दौरान क्या खाएं और क्या नहीं?

    नवजात शिशु में उच्च स्तर के बिलीरुबिन के कई कारण होते हैं। जिसमें से एक बच्चे को होने वाले इंफेक्शन के कारण हो सकता है। 

     अधिकांश अस्पताल जन्म के समय परीक्षण के लिए नियमित रूप से गर्भनाल रक्त एकत्र करते हैं। प्रक्रिया काफी आसान है और यह एक मात्र समय है जब इस प्रकार का रक्त नमूना एकत्र किया जा सकता है।

    डिलिवरी के समय कॉर्ड ब्लड बैंकिंग या इस ब्लड को डोनेट करने का निर्णय भी लिया जा सकता है। कॉर्ड ब्लड का उपयोग बोन मैरो से संबंधित कैंसर के इलाज के लिए किया जा सकता है। कुछ पेरेंट्स शिशु को फ्यूचर में होने वाली हेल्थ कंडीशन में उपयोग करने हेतू कॉर्ड ब्लड को कॉर्ड ब्लड बैंक में जमा करने का चयन कर सकते हैं।

    व्यक्तिगत उपयोग के लिए कॉर्ड ब्लड बैंकिंग, कॉर्ड ब्लड बैंक और निजी कंपनियों दोनों के द्वारा किया जाता है। यदि आप किसी निजी सेवा का उपयोग करते हैं तो सेवा के लिए एक शुल्क है। यदि आप अपने शिशु के कॉर्ड ब्लड को बैंक में रखते हैं, तो आपको विभिन्न विकल्पों पर अपने हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर से बात करनी चाहिए।

    जन्म के बाद शिशु की अम्बिलिकल कॉर्ड और प्लासेंटा में बचे हुए ब्लड को भविष्य में चिकित्सकीय इस्तेमाल के लिए संग्रहित करने, रेफ्रिजरेट करने और संग्रहित करके रखने की प्रक्रिया को कॉर्ड ब्लड बैंकिंग कहा जाता है। 

    और पढ़ें – डिलिवरी के वक्त गर्भनाल के खतरे के बारे में जान लें

    कॉर्ड ब्लड बैंकिंग क्यों की जाती है?

    अम्बिलिकल कॉर्ड में मौजूद ब्लड में विशेष प्रकार की कोशिकाएं होती हैं जिन्हें स्टेम सेल्स कहते हैं। ये सेल्स ब्लड सेल्स के रूप में विकसित हो सकती हैं, जो कि इंफेक्शन से लड़ती हैं। साथ ही यह पूरे शरीर में ऑक्सिजन पहुंचाने का काम करती हैं। ये ब्लड सेल्स ल्यूकेमिया जैसी ब्लड डिजीज में प्रभावित होती हैं। यदि किसी कारण से आपके शिशु को स्टेम सेल्स ट्रांसप्लांट करने की जरूरत हुई, तो आपका कलेक्ट किया गया कॉर्ड ब्लड बहुत काम का होता है। इस बात की काफी संभावना है कि इन ब्लड स्टेम सेल्स का शिशु के भाई या बहन या फिर परिवार के किसी अन्य सदस्य से भी मेल हो जाए।

    और पढ़ें – प्रसव के बाद देखभाल : इन बातों का हर मां को रखना चाहिए ध्यान

    कॉर्ड ब्लड बैंकिंग का चयन क्यों किया जाता है?

    कॉर्ड ब्लड को इसलिए भी महत्वपूर्ण समझा जाता है कि यह स्टेम सेल्स के अच्छे स्त्रोत में से एक है। ये कोशिकाएं बोन मैरो में पाई जाने वाली कोशिकाओं जैसी होती हैं। स्टेम सेल्स ब्लड और इम्यून सिस्टम का मूलभूत आधार होती हैं।

    मूल कोशिकाओं को रेड ब्लड सेल्स और व्हाइट ब्लड सेल्स तथा प्लेटलेट्स में विकसित और परिपक्व होने की क्षमता होती है। इसलिए ये उत्तकों, अंगों और ब्लड वैसेल्स को ठीक करने में मदद कर सकती है। ह्यूमन बॉडी के हर हिस्से में कुछ स्टेम सेल्स मौजूद होती हैं, मगर इनमें से अधिकांश इतना भरपूर स्त्रोत नहीं होती कि इन्हें चिकित्सकीय उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सके।

    और पढ़ें – प्रेग्नेंसी में मूली का सेवन क्या सुरक्षित है? जानें इसके फायदे और नुकसान

    उदाहरण के लिए ल्यूकेमिया जैसी स्वास्थ्य स्थिति से ग्रस्त मरीजों में अस्वस्थ कोशिकाओं को शरीर से निकालने और सामान्य रक्त कोशिकाओं का उत्पादन फिर से शुरू करने के लिए अक्सर कीमोथैरेपी की मदद ली जाती है। जब सामान्य रक्त कोशिकाओं का उत्पादन फिर से शुरू हो जाता है, तो इस बीमारी की स्थिति में सुधार आता है।

    बहरहाल, यदि यह इलाज असफल हो जाए और बीमारी का खतरा दोबारा हो तो डॉक्टर अक्सर चिकित्सा योजना में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट को भी शामिल कर लेते हैं। हेल्दी डोनर के कॉर्ड ब्लड में मौजूद स्टेम सेल्स के ट्रांस्फ्यूजन से नए ब्लड और इम्यून सिस्टम को तैयार किया जा सकता है और मरीज के पूरी तरह स्वस्थ होने की संभावना काफी ज्यादा होती है।

    बोन मैरो में मौजूद स्टेम सेल्स आज स्टेम सेल्स के सबसे कॉमन सोर्स हैं। इनसे भिन्न कॉर्ड ब्लड में मौजूद स्टेम सेल्स अपरिपक्व होती हैं और उन्हें अभी बाहरी तत्वों से लड़ना नहीं आता है। इसके परिणामस्वरूप, जिन मरीजों को गर्भनाल रक्त से स्टेम सेल्स प्राप्त होती हैं, उनके इस ट्रांसफ्यूजन को खारिज करने की संभावना काफी कम होती है।

    और पढ़ें – Sickle Cell Anemia : सिकल सेल एनीमिया क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज

    कॉर्ड ब्लड स्टेम सेल्स से कौन से रोगों का ट्रीटमेंट किया जा सकता है?

    कॉर्ड ब्लड मूल कोशिकाओं का इस्तेमाल विभिन्न देशों में बहुत सी अलग-अलग बीमारियों के इलाज में सफलतापूर्वक किया गया है। इन बीमारियों में निम्नलिखित शामिल हैं।

  • ल्यूकेमिया
  • इम्यून सिस्टम का कमजोर होना
  • सिकल सेल एनीमिया
  • एप्लास्टिक एनीमिया
  • रेयर जेनेटिक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर
  • थैलेसीमिया
  • ब्लड कैंसर
  • हम आशा करते हैं कि कॉर्ड ब्लड टेस्ट विषय पर आधारित यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। किसी प्रकार की शंका या अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान और उपचार प्रदान नहीं करता।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/07/2020

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement