सन एक्सपोजर को लिमिट कर दें। अपने सिर और चेहरे की सुरक्षा के लिए चौड़े किनारे वाली टोपी पहनें। SPF 15 या अधिक के सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। सन एक्सपोजर को कम करें और जब भी बाहर निकलें अपनी त्वचा को कवर करें इसके लिए हैट और फुलस्लीव्स के कपड़े पहनें। अल्ट्रावायलेट ब्लॉकिंग सनग्लासेस का इस्तेमाल करें। हर महीने अपनी स्किन को चेक करें। अगर आपको कोई असामान्य ग्रोथ नजर आए, तो डॉक्टर की सलाह लें। साल में एक बाद डॉक्टर से स्किन चेक-अप अवश्य कराएं। और पढ़ें: Eczema On Black Skin: गहरी रंग की स्किन में एक्जिमा की समस्या का क्या होता है असर, जानिए यहां
किन स्थितियों में डॉक्टर की सलाह लें?
अगर आपको स्किन कैंसर के होने का रिस्क अधिक है, तो आपको रेगुलर स्किन की जांच करानी चाहिए। आपके डॉक्टर से बाद करें कि आपको अपनी स्किन के चेक-अप के लिए कब आना चाहिए। रोगी की स्किन की जरूरत के अनुसार एनुअल चेक-अप से पहले स्किन स्क्रीनिंग कराई जा सकती है। निम्नलिखित लोगों को स्किन कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है:
इसके साथ ही आपको अपने डॉक्टर से इस बारे में भी बात करनी चाहिए कि आप खुद अपनी स्किन की देखभाल कैसे कर सकते हैं।
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यह तो थी फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स (Fitzpatrick Skin Types) यानी फिट्जपैट्रिक स्किन फोटोटाइप के बारे में जानकारी। इससे सन एक्सपोजर के कारण लोगों में स्किन कैंसर के जोखिम के बारे में मदद मिल सकती है। ओवरआल स्किन कैंसर का रिस्क फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप 1 और 2 वाले लोगों में अधिक रहता है। हालांकि, स्किन कैंसर किसी भी स्किन टाइप को प्रभावित कर सकती है लेकिन सन एक्सपोजर से रिस्क बढ़ता है। ऐसे में हमें नियमित रूप से स्किन रेगुलरली चेक करनी चाहिए। इसके साथ ही सूरज की हानिकारक किरणों से बचा के उचित कदम उठाने चाहिए। अगर इसके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।