हाइपोथायरॉयडिज्म (Hypothyroidism)
हाइपोथायरॉयडिज्म का रोग तब होता है, जब थायरॉइड अब्नॉर्मली इनएक्टिव होते हैं। जब थायरॉइड अंडरएक्टिव होते हैं, तो शरीर के एनर्जी मैनेजमेंट के लिए रिस्पॉन्सिबल सही थायरॉइड हॉर्मोन्स प्रोड्यूस नहीं कर पाता हैं। हाइपोथायरॉयडिज्म के कारण रोगी सुस्त महसूस कर सकता है, मूड स्विंग्स हो सकते हैं और डिप्रेशन भी हो सकता है। ऐसा माना जाता है प्राइमरी हाइपोथायरॉयडिज्म के अस्सी प्रतिशत मामलों में ड्राय और मोटल्ड स्किन (Mottled Skin) हो सकती है।

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ल्यूपस (Lupus)
ल्यूपस शरीर के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकता है। यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है। जिन लोगों को यह समस्या होती है, तो वो सनलाइट के प्रति सेंसिटिव होते हैं और उन्हें रैशेज हो सकते हैं। चेहरे पर बटरफ्लाई-शेप के रैशेज ल्यूपस के लक्षण हो सकते हैं। यह रोग भी मोटल्ड स्किन (Mottled Skin) यानी लाइवडो रिटिक्यूलराइस (Livedo reticularis) का कारण हो सकता है।
पैंक्रियाटायटिस (Pancreatitis)
पैंक्रियाज के इंफ्लेम्ड होने से पैंक्रियाटायटिस की समस्या हो सकती है जो एक क्रॉनिक रोग है। एक्यूट पैंक्रियाटायटिस के कारण पेट की स्किन मोटल्ड हो सकती हैं।
रयूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis)
रयूमेटाइड अर्थराइटिस एक और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। यह शरीर के दोनों तरफ जोड़ों में होने वाली सूजन है। इसका अर्थ है कि अगर किसी का दायां घुटना इस समस्या से प्रभावित है, तो उसके बाएं घुटने पर भी इसका असर होगा। इसका परिणाम होता है डैमेज्ड ब्लड वेसल्स के कारण होने वाली रूखी और मोटल्ड स्किन (Mottled Skin)।
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पुअर ब्लड सर्कुलेशन (Poor Blood Circulation)