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आईवीएफ की जरूरत होती है जेनेटिक डिसऑर्डर में
इनफर्टिलिटी की समस्या जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण भी हो सकती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आईवीएफ प्रॉसेस का यूज किया जाता है।
कैंसर या अन्य बीमारी की वजह से
कैंसर ट्रीटमेंट के लिए रेडिएशन और कीमोथेरिपी दी जाती है। इस वजह से फर्टिलिटी पर असर पड़ता है। ऐसा अन्य बीमारी की वजह से भी हो सकता है। इस दौरान एग को फ्रीज करवाने या फिर एग को फर्टिलाइज करके फ्रीज कर लिया जाता है।
मेल इनफर्टिलिटी क्या होती है ?
मेल इनफर्टिलिटी लो स्पर्म प्रोडक्शन, एब्नॉर्मल स्पर्म फंक्शन या फिर ब्लॉकेज की वजह से होता है। कई बार ये किसी बीमारी, चोट, क्रोनिक हेल्थ प्रॉब्लम, लाइफस्टाइल चेंज के कारण भी हो सकती है।
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पुरुषों में इनफर्टिलिटी के लक्षण क्या हैं ?
- सेक्शुअल फंक्शन के समय दिक्कत होना।
- टेस्टिकल एरिया के आस-पास दर्द, सूजन होना।
- सूंघने की शक्ति कम होना
- चेहरे और शरीर के बाल कम होना
- स्पर्म काउंट कम होना
- महिलाओं की उम्र बढ़ने के साथ ही एग्स की गुणवत्ता और संख्या में कमी होने लगती है। बढ़ती उम्र फर्टिलिटी को प्रभावित करने का कारण बनती है। 20 वर्ष की उम्र तक आते-आते लड़कियों के हर महीने 25 -30 प्रतिशत गर्भवती होने की संभावना रहती है। हालांकि, महिलाओं की फर्टिलिटी 30 की उम्र से घटना शुरू हो जाती है। यह गिरावट 35 साल के बाद और रफ्तार पकड़ लेती है। वहीं, 40 की उम्र में हर महीने के मासिक धर्म में प्रेग्नेंट होने की पांच पर्सेंट संभावना होती है। 2004 में अमेरिकन जर्नल ऑफ गायनोकोलॉजी में प्रकाशित हुए एक शोध के अनुसार पुरुष के एक बच्चे का पिता बनने की संभावना हर एक वर्ष के गुजरने से कम हो जाती है। ऐसे में भी आईवीएफ की मदद लेनी पड़ सकती है।