⦁ इसके लिए आपको कड़क कॉफी की आवश्कता होगी। जिसके तौर पर आप एस्प्रेसो का इस्तेमाल कर सकती हैं।
⦁ इसे ठंडा होने दें। फिर एक कप में माइल्ड कंडिश्नर और कॉफी मिक्स करें।
⦁ इसे लगाने से पहले हेयर वॉश जरूर करें।
⦁ जब बाल सूख जाएं, तो इसे बालों में लगा लें।
⦁ जब यह सूख जाए, तो इसे सेब के सिरके से धो लें।
⦁ इसका रंग आपके बालों में 15 से 20 दिनों तक बरकरार रहेगा।
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5. नेचुरल हेयर कलर कैमोमाइल चाय से
अगर बालों का रंग सुनहरा करना चाहती हैं, तो कैमोमाइल चाय आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है।
इस तरह करें नेचुरल हेयर डाई
⦁ उबलते पानी में कैमोमाइल के फूल डालें।
⦁ जब पानी अच्छे से उबल जाए, तो इसे ठंडा होने दें।
⦁ ठंडा होने पर फूलों को बाहर निकालें।
⦁ अब अपने साफ बालों को इस चाय के पानी से धोएं।
⦁ धुलने के कुछ समय बाद इसे बालों पर लगा रहने दें।
⦁ जब यह सूख जाए, तो इसे साफ पानी से धो लें।
⦁ इसका सबसे अच्छा प्रभाव पाने के लिए इस प्रक्रिया को हफ्ते में कम से कम दो बार दोहराएं।
6. आलू के छिलके का मास्क
आलू के छिलके का इस्तेमाल भी आप नेचुरल हेयर कलर के तौर पर कर सकते हैं। यह सबसे आसान और सस्ती विधि भी हो सकती है। साथ ही, इसके किसी तरह के साइड इफेक्ट्स होने का जोखिम भी नहीं होता है। आलू में मौजूद स्टार्च एक नेचुरल कलर का काम कर सकता है। इससे आप अपने बालों को प्राकृतिक तौर पर काला कर सकते हैं। आलू के छिलके से तैयार हेयर मास्क में विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जा सकती है। साथ ही, यह स्कैल्प पर जमे हुए तेल को भी साफ करने में मदद कर सकता है। जिससे आपको अगर डैंड्रफ की समस्या है, तो यह भी दूर हो जाएगी। और तो और आलू में आयरन, जिंक, पोटैशियम और कैल्शियम की भी उच्च मात्रा पाई जा सकती है, जो झड़ते बालों की परेशानी भी दूर कर सकते हैं।
इस तरह करें आलू के छिलके का इस्तेमाल
- सबसे पहले आलू को धो कर छील कर उसके छिलके इकट्ठे करें।
- अब इसके छिलकों को साफ पानी में जब तक यह पक न जाए तब तक अच्छी तरह से उबाल लें।
- जब छिलके अच्छी तरह उबल जाएं, तो इन्हें कुछ मिनट तक के लिए धीमी आंच पर पकने दें।
- पकने के बाद गैस बंद कर दें और पानी को छान कर आलू के छिलके अलग कर दें।
- अब इस आलू के छिलके वाले पानी को ठंडा होने दें।
- जब यह ठंडा हो जाए जो आप बालों की जड़ों में इसके लगा सकती है। आप एक बार में तैयार किए गए मिश्रण को एक हफ्ते तक लगा सकती हैं।
- इसके आप फ्रिज में स्टोर करके भी रख सकते हैं।
कब करें इसका इस्तेमाल
इस पानी को आप रूट टचिंग के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप रात में सोने से पहले इसे अच्छी तरह बालों में लगा सकते हैं और सुबह उठने पर इसे धो लें। अगर आपको इसी खुशबू पसंद नहीं है, तो आप इसमें कुछ बूंद लैवेंडर ऑयल का भी मिला सकते हैं। अगर आप नियमित तौर पर इसका इस्तेमाल करते हैं, तो चार से पांच बार के इस्तेमाल में आपको इसका फर्क दिखाई दे सकता है।
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हेयर डाई से होने वाले नुकसान (Side Effects Of Hair Dye)
बालों को केमिकल से डाई करने से बालों में रंग जल्दी तो चढ़ जाता है लेकिन, यह सेहत के लिए नुकसान हो सकता है। परमानेंट हेयर डाई से बालों के शाफ्ट में स्थायी रूप से रासायनिक परिवर्तन होता है। जिसकी वजह से बालों में यह रंग तब तक रहता है जब तक कि नई हेयर ग्रोथ नहीं होती है। इन रंगों को कभी-कभी उनमें मौजूद कुछ अवयवों के कारण कोयला-टार डाई के रूप में भी जाना जाता है। इनमें रंगहीन पदार्थ जैसे सुगंधित एमाइन और फिनोल होते हैं। हाइड्रोजन पेरोक्साइड (hydrogen peroxide) की उपस्थिति में, ये पदार्थ डाई बनने के लिए रासायनिक प्रतिक्रियाओं से गुजरते हैं। वहीं गहरे रंग के हेयर डाई कलर में इन कलरिंग एजेंट का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। इसकी वजह से कैंसर जैसे रोगों की संभावना बढ़ जाती है।
परमानेंट हेयर डाई से सेहत को होने वाले नुकसानों से बचने के लिए कोशिश करें कि नेचुरल हेयर कलर का इस्तेमाल करें। बताए गए ये नेचुरल हेयर कलर के तरीके आपके बालों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं। लेकिन, अगर इनके इस्तेमाल के बाद आपको बालों से जुड़ी कोई परेशानी दिखाई दे, तो आपने डॉक्टर से संपर्क करें।