साफ-सुथरी और बेदाग त्वचा हर किसी को पसंद है लेकिन कुछ लोगों की स्किन में ना केवल दाग-धब्बे परेशान करते हैं बल्कि कुछ अन्य कारण भी होते हैं, जो स्किन में परेशानी पैदा कर सकते हैं। इन्हीं में से एक नाम है इसके स्किन टैग (Skin Tags) का। स्किन टैग त्वचा पर लटकता हुआ एक उभार है, जो नॉन कैंसरस होता है। यह स्किन संबंधी समस्या किसी को भी हो सकती है और शरीर के किसी भी हिस्से में दिखाई पड़ सकती है। स्किन टैग क्यों होता है और क्या किसी प्रकार की समस्या भविष्य में इस कारण से पैदा हो सकती है, इस बारे में हम आपको आज इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे।
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स्किन टैग (Skin Tags) से क्या है मतलब?
स्किन टैग (Skin tags) को एक्रोकोडन के नाम से भी जाना जाता है। हमारे शरीर का कुछ भाग खुला रहता है और ज्यादातर भाग कपड़ों से ढका रहता है। जो भाग कपड़ों से ढका रहता है, उनमें अक्सर कपड़े की रगड़ भी लगती है। ऐसे स्थनों में स्किन टैग (Skin tags) की समस्या हो सकती है। वैसे तो ये समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन ये किसी परेशानी को जन्म नहीं देती है। अगर स्किन टैग (Skin tags) चेहरे या फिर हाथ पैरों पर न हो, तो अक्सर ये लोगों को परेशान नहीं करता है। अगर ये चेहरे पर दिखे, तो ऐसे में चेहरा देखने में अजीब दिख सकता है। स्किन टैग फाइबर्स और डक्ट,नर्व सेल्स , फैट सेल्स या एपिडर्मिस से मिलकर बने होते हैं। ये पलकें, आर्मपिट, स्तनों के नीचे, ऊपरी छाती,गर्दन आदि में दिख सकते हैं। कुछ लोगों में त्वचा टैग को कभी नोटिस नहीं किया जा सकता है। कुछ मामलों में, वे दर्द रहित होते हैं और रगड़ते भी हैं। बहुत बड़े त्वचा टैग दबाव में फट भी सकते हैं।
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स्किन टैग का रंग ब्राउन हो सकता है। स्किन सरफेस पर यये स्मूथ दिख सकता हैं। यह सरफिस के सबसे ऊपर उगते हैं और इनमें डंठल भी दिख सकती है। शुरुआत में स्किन टैग (Skin tags) छोटे होते हैं और यह ऊभार की तरह दिखते हैं। फिर कुछ समय बाद ही बड़े हो जाते हैं। इनका डायमीटर 2 मिली मीटर से 1 सेंटीमीटर तक हो सकता है। कुछ लोगों में 5 सेंटीमीटर तक भी हो सकता है
स्किन टैग के क्या हैं कारण (Causes of skin tags)?
आपके मन में यह सवाल जरूर होगा कि आखिरकार क्यों स्किन टैग (Skin tags) होता है। इसका कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन जब कोलेजन और ब्लड वेसल्स के ग्रुप त्वचा के मोटे टुकड़ों में फंस जाते हैं, तो उसकी स्किन में एक उभार का निर्माण होता है। यह कई लोगों में रगड़ के कारण भी पैदा हो सकते हैं। कुछ लोगों में यह इनहेरिट होते हैं। और एक से दूसरी पीढ़ी को मिलते हैं। स्किन टैग की समस्या पुरुषों के साथ ही महिलाओं को भी हो सकती है लेकिन यह समस्या प्रेग्नेंसी के समय अधिक होते हैं। जो लोग अधिक मोटे होते हैं या जिनको डायबिटीज की समस्या होती है, उनमें ये समस्या आम हो सकती है। हाइपरइन्सुलिमीया के कारण भी ये स्किन प्रॉब्लम पैदा हो सकती है। इस स्थिति में रक्त में बहुत अधिक इंसुलिन सर्कुलेट होता है।
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स्किन टैग से जुड़े रिस्क फैक्टर्स (Risk factors associated with skin tags)
स्किन टैग से जुड़े हुए हैं रिक्स एक नहीं बल्कि कई हैं। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या हो, जिनका वजन अधिक हो, महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान या हॉर्मोनल चेंज के दौरान, एच पी वी (HPV) संक्रमण के कारण, एस्ट्रोजन- प्रोजेस्ट्रोन के लेबल में गड़बड़ी के कारण, जिनके परिवार में किसी को स्किन टैग की समस्या हो चुकी है आदि इससे जुड़े हुए रिस्क फैक्टर्स हैं। स्किन टैग को इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) और उच्च संवेदनशील सी-रिएक्टिव प्रोटीन, सूजन के एक मार्कर से भी जोड़ा गया है। इससे पता चलता है कि स्किन टैग इंसुलिन प्रतिरोध, मेटाबॉलिक सिंड्रोम (metabolic syndrome), एथेरोस्क्लेरोसिस और हृदय रोग के बढ़ते जोखिम का बाहरी संकेत दे सकते हैं।
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स्किन टैग का ट्रीटमेंट (Skin tag treatment) क्या है?
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि स्किन टैग (Skin tags) डेंजरस या खतरनाक नहीं होते हैं। अगर यह दिखने में अच्छे नहीं लग रहे हैं, तो इनको हटाया जा सकता है। जो स्किन टैग बड़े होते हैं, वह समस्या पैदा कर सकते हैं। ऐसे में स्किन टैग (Skin tags) हटवाना एकमात्र उपाय हो सकता है। डॉक्टर ऐसे में सर्जरी का सहारा ले सकते हैं। यह प्रोसीजर डर्मेटोलॉजिस्ट करते हैं। अगर घर में स्किन टैग (Skin tags) को हटाया जाए, तो इससे बहुत तेजी से खून निकल सकता है, इसलिए बेहतर होगा कि इसे घर में हटाने की कोशिश बिल्कुल न करें। छोटे स्किन टैग (Skin tags) को हटाना आसान काम होता है लेकिन इसे डॉक्टर से ही हटवाएं। डॉक्टर निम्न तरीकों से स्किन टैग को हटाते हैं।
- क्रायोथेरिपी (Cryotherapy)
- सर्जिकल रिमूवल (Surgical removal)
- इलेक्ट्रोसर्जरी (Electrosurgery)
- लाइगेशन (Ligation)
फार्मेसी से आप ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) भी आप इस समस्या के समाधान के रूप में ले सकते हैं। ये स्किन टैग को फ्रीज कर देते हैं, और यह 7 से 10 दिनों के बाद गिर जाता है। अगर स्किन टैग छोटा होता है, तो ऐसा करना आसान होता है।इन्हें ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। बेहतर माना जाता है कि आप स्किन संबंधी समस्या होने पर डॉक्टर को पहले दिखाएं।
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स्किन संबंधी परेशानी दिखने पर उसे कभी भी हल्के में ना लें। अगर आपको स्किन में रैशेज दिखें या खुजली होती है या फिर स्किन में जलन की समस्या होती है, तो इसे तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। स्किन में उभार या ट्यूमर दिखने पर लापरवाही बिल्कुल ना करें। वैसे तो यह उभार स्किन टैग से भी जुड़ा हो सकता है लेकिन यह कई बार कैंसर के लक्षण के रूप में भी दिख सकता है। ऐसे में आपको सावधान रहना बहुत जरूरी है। कुछ बातों का ध्यान रखकर आप स्किन संबंधी किसी बड़ी बीमारी से बच सकते हैं। आपको इस बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी लेनी चाहिए।
इस आर्टिकल में हमने आपको स्किन टैग (Skin tags) को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।