और पढ़ें: PUPPP Skin Rash: क्या PUPPP स्किन रैशज प्रेग्नेंसी में होने वाली एक गंभीर समस्या है?
कैसे किया जाता है फंगल इंफेक्शन टेस्ट?
फंगल इंफेक्शन के लिए केओएच एक्जाम (KOH Exam For Fungal Infections) एक आसान प्रक्रिया है। अगर आपको बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो ऐसे में डॉक्टर से जांच से पहले आपसे कुछ प्रश्न कर सकते हैं और साथ ही वह यह भी देखते हैं कि आपको क्या लक्षण दिखाई दे रहे हैं? वह आपसे पूछेंगे कि आपको यह समस्या कब से हो रही है और कितने दिनों बाद आपको ज्यादा समस्या महसूस हो रही थी। इसके बाद डॉक्टर टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। अगर त्वचा में घाव हो गया है, तो उस घाव के आसपास के स्किन का परीक्षण किया जाता है। इसके लिए त्वचा की कुछ मात्रा को लिया जाता है और उसके बाद त्वचा के सैंपल को पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड (potassium hydroxide) के घोल में रखा जाता है। ऐसा करने से त्वचा की वह सभी कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं, जिनमें फंगस नहीं है और बाकी फंगल वाली त्वचा बच जाती हैं। इसके बाद बची हुई कोशिकाओं को माइक्रोस्कोप की मदद से देखा जाता है। इसे यह जानकारी मिल जाती है कि उस त्वचा में फंगस है या फिर नहीं।
जब भी आप डॉक्टर के पास टेस्ट के लिए जाएं, तो डॉक्टर को यह जरूर बताएं कि आपको इंफेक्शन वाले स्थान में दर्द की समस्या, ब्लीडिंग होना या फिर अन्य समस्या तो नहीं है। परीक्षण से पहले किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती है। परीक्षण के दौरान जब सैंपल लिया जाता है, तो उस दौरान आपको घाव वाले स्थान पर हल्का दबाव महसूस हो सकता है। आमतौर पर यह बहुत दर्दनाक नहीं होता है लेकिन आपको हल्का दर्द महसूस हो सकता है। अगर ऐसा है तो आप इस बारे में डॉक्टर को जानकारी दे सकते हैं। कुछ लोगों को घाव वाले स्थान में सूजन की समस्या, लालिमा भी हो सकती है।
और पढ़ें: आईलिड स्किन टैग्स (Eyelid Skin Tags) को हटाने के लिए क्या कर सकते हैं जानिए इस लेख में
फंगल इंफेक्शन के लिए केओएच एक्जाम : रिजल्ट से क्या है मतलब?
फंगल इंफेक्शन के टेस्ट के दौरान जब रिजल्ट आता है, तो उस टेस्ट में यह पता चलता है कि घाव में फंगस यानी कि कवक है या फिर नहीं। कुछ मामलों में यह टेस्ट गलत भी साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जो भी सैंपल लिया गया है, उसमें पर्याप्त मात्रा में फंगल सेल्स मौजूद नहीं होते हैं। कई बार गलत सैंपल लेने के कारण भी टेस्ट का नतीजा गलत आ सकता है। कवक धीरे-धीरे ग्रोथ करते हैं, जिसके कारण उन्हें देखना मुश्किल हो जाता है। अगर किसी व्यक्ति ने सैंपल लेने के पहले फंगल इंफेक्शन से संबंधित दवा ली है, तो भी टेस्ट का रिजल्ट गलत हो सकता है। अगर व्यक्ति को फंगल इनफेक्शन नहीं है, तो डॉक्टर अन्य टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं।
स्किन फंगस की समस्या होने पर डॉक्टर अन्य टेस्ट करने की भी सलाह दे सकते हैं। इन टेस्ट में वुड लैम्प एक्जामिनेशन (Wood lamp examination), स्टेंड वेट माउंट (Stained wet-mount), बायोप्सी विद स्पेशल स्टेंस (Biopsy with special stains) आदि शामिल है। ज्यादातर फंगल इन्फेक्शन का ट्रीटमेंट आसानी से किया जा सकता है। फंगल इंफेक्शन को दूर करने के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं या फिर एंटीफंगल क्रीम का इस्तेमाल भी संक्रमण को कम करने के लिए किया जाता है। जिस व्यक्ति को संक्रमण हुआ है, बेहतर होगा कि वो लोग बीमारी की जांच करवाएं। अगर समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिलता है, तो कई बार गंभीर समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
और पढ़ें: Eczema On Black Skin: गहरी रंग की स्किन में एक्जिमा की समस्या का क्या होता है असर, जानिए यहां
इस आर्टिकल में हमने आपको फंगल इंफेक्शन के लिए केओएच एक्जाम (KOH Exam For Fungal Infections) से संबंधित अहम जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।