क्या है पित्ती ( अर्टिकेरिया) ?
पित्ती (शीतपित्त) त्वचा में होने वाली वो स्थिति है, जिसमें त्वचा पर खुजली और उभरे हुए चकत्ते होते हो जाते हैं, जो शरीर के सभी हिस्से में फैलने लगते हैं। हालांकि, यह कोई जानलेवा बीमारी नहीं है लेकिन, इसमें परेशानी अधिक होती है।
पित्ती (Urticaria) की समस्या कितना सामान्य है ?
अर्टिकेरिया यानी पित्ती एक आम बीमारी है। आमतौर, पुरुषों की तुलना में यह महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है। यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों में हो सकती है। इसके कारणों पर नियंत्रण कर के इस बीमारी से निपटा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से सलाह करें।
तेजी से फैल जाने वाली पित्ती को अल्पकालिक पित्ती के रूप में जाना जाता है और यह शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है। दीर्घकालिक पित्ती (Chronic hives) बच्चों और महिलाओं (30 से 60 की उम्र) को होना आम है।
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पित्ती (Urticaria) के लक्षण क्या हैं?
- चेहरे, हाथ-पैर, उंगलियों और तलवे पर लाल या सफेद रंग के चकत्ते के होना,
- विभिन्न आकार और आकृति के चक्क्ते और साथ में खुजली।
- ये लक्षण कई बार महीनों या कई सालों तक दिखाई देते हैं।
ऊपर बताए गए लक्षणों में से यदि आप में भी कोई है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
मुझे अपने डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
- बीमारी होने पर आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
- जब पित्ती की समस्या 48 घंटों के भीतर ठीक न हो,
- गंभीर हो या शरीर में तेजी से फैल रही हो,
- बहुत परेशानी होने पर।
कुछ अन्य लक्षणों के दिखने पर भी:
- घरेलू उपचार का कोई असर न दिख रहा हो,
- अगर आपको तुरंत आपातकालीन देखभाल की आवश्यकता हो,
- चक्कर महसूस हो,
- जकड़न या सांस लेने में तकलीफ हो
- जीभ या गले में सूजन महसूस करें।
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पित्ती (Urticaria) के कारण ?
हिस्टामाइन या अन्य रसायनों का रक्तप्रवाह में जारी रहना, पित्ती के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
किन कारणों से पित्ती (Urticaria) का खतरा बढ़ जाता है?
पित्ती (अर्टिकेरिया) के कई जोखिम कारक हैं, जैसे:
- लिंग- महिलाओं को यह बीमारी पुरुषों से दोगुनी ज्यादा होती है,
- उम्र-युवा वयस्क को बीमारी होने का खतरा अधिक होता है।
निदान और उपचार को समझें
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
पित्ती का निदान कैसे किया जाता है?
डॉक्टर कई प्रश्नों को पूछ सकता है जिससे अर्टिकेरिया का निदान करना आसान हो सकता है। जैसे आप हर दिन क्या करते हैं, क्या दवाएं, हर्बल उपचार या सप्लीमेंट्स लेते हैं, आप क्या खाते हैं और क्या पीते हैं, पित्ती कहां दिखाई देती है और कितनी देर में यह मुरझा जाती है। इसके अलावा पुष्टि करने के लिए ब्लड और एलर्जी टेस्ट किया जा सकता है।
पित्ती (Urticaria) का इलाज कैसे किया जाता है?
आमतौर पर कुछ दिनों में पित्ती खुद से ही ठीक हो जाती है। कुछ मामलों में लक्षणों को कम करने के लिए एंटीथिस्टेमाइंस दवा दी जाती है और पित्ती के गंभीर मामलों के इलाज के लिए स्टेरॉयड (ओरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड) को थोड़े समय के लिए दिया जा सकता है।
पित्ती को नियंत्रित करने के लिए जरूरी है कि उसके लिए जिम्मेदार अंदरूनी कारकों का इलाज किया जाए।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
क्या जीवनशैली में बदलाव या घरेलू उपचार से मुझे पित्ती से निपटने में मदद कर सकते हैं?
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको पित्ती से निपटने में मदद कर सकते हैं:
- हल्के और ढीले कपड़े पहनें
- स्किन को खरोचने से बचे या हार्ड साबुन का उपयोग करने से बचें। खुजली न करें, इससे स्थिति बद से बदतर हो जाएगी।
- प्रभावित हिस्से को ठंडा रखें
- रोग कब, किस हिस्से में होता है, उस समय आपने क्या खाया था आदि पर नज़र रखें। इससे आपको और आपके डॉक्टर को कारणों की पहचान करने में मदद मिल सकती है
- बीमारी के जिन कारणों को आप जानते हैं, उससे बचें।
- ठंडे कपड़े से शरीर की सिंकाईं करें। इससे शरीर और त्वचा पर होने वाले जलन और खुजली से राहत मिलेगी।
- आप नहाते समय डॉक्टर से परामर्श पर एंटी-इचिंग सॉल्यूशन का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा आप ओटमील के साथ बेकिंग सोडा मिला कर नहा सकते हैं। ओटमील बाथ आपकी त्वचा के लिए बेहतर विकल्प है। इससे आपकी त्वचा का रूखापन भी ठीक हो जाएगा और पित्ती के कारण जो रैशेज हुए हैं, उन्हें भी ठीक होने में राहत मिलेगी।
- आप एलोवेरा को भी अपने त्वचा पर लगा सकते हैं। इससे आपकी त्वचा पर खुजली के कारण हुए रैशेज जल्दी ठीक हो जाएंगे।
- त्वचा पर किसी भी सनस्क्रीन क्रीम या लोशन का इस्तेमाल न करें। इससे पित्ती की स्थिति और ज्यादा खराब हो जाएगी।
- आरामदायक और ढीले-ढाले कपड़े पहनें, इससे आपके त्वचा को हवा लगेगी और खुजली कम होगी।
- अर्टिकेरिया के लक्षणों को कम करने के लिए आप विटामिन डी का सेवन कर सकते हैं। विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य की किरणों को माना जाता है, इसके लिए आप सुबह की हल्की गुलाबी धूप में बैठ के शरीर को धूप दें। धूप लेते समय गाढ़ें नहीं बल्कि हल्के रंग के कपड़े पहनें। इसके अलावा विटामिन डी के लिए आप कुछ अन्य चीजों को आजमा सकते हैं। अगर आप शुध्द शाकाहारी हैं, तो अपने आहार में विटामिन डी युक्त फलों और सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं। ब्रेकफास्ट में अंकुरित अनाज शामिल करें और डेयरी उत्पाद जैसे दही दोपहर के खाने में शामिल करें।
इस आर्टिकल में हमने आपको पित्ती (अर्टिकेरिया )से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
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