backup og meta

महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न क्यों होते हैं अलग?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/12/2021

    महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न क्यों होते हैं अलग?

    सोना रिलैक्स होने का सबसे आसान तरीका है। सोने से कई तरह की बीमारियां पास नहीं आती हैं, इसलिए महिला और पुरुष दोनों के लिए नींद बहुत जरूरी है। पुरुष और महिलाओं में नींद की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न भी अलग-अलग होते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न क्या हैं और महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न में अंतर क्याें होता है?

    महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न क्या है?

    पुरुष और महिलाओं में नींद के लिए बॉडी में एक क्लॉक फिट होता है। जिससे हम सुबह समय से उठ जाते हैं और रात में समय से सो जाते हैं। हमारे दिमाग में मौजूद हाइपोथैल्मस ग्रंथि सर्केडियन रिदम को करती है। सर्केडियन रिदम के कारण हमें नींद लाने कि लिए मेलाटोनिन हॉर्मोन स्रावित होता है। जिससे हमारे सोने का समय होते ही हमें नींद आने लगती है। सोने और जागने की इसी प्रक्रिया को महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न के तौर पर जाना जाता है।

    क्या कहती हैं रिसर्च?

    एक रिसर्च में सर्केडियन रिदम का पता लगाने के लिए 157 महिला और पुरुषों पर अध्ययन किया गया। अध्ययन में शामिल लोगों की उम्र 18 से 74 साल के बीच थी। इस रिसर्च में उनका बॉडी टेम्प्रेचर और मेलाटोनिन लेवल को शामिल किया गया। जिसमें एक महीने बाद रिसर्च में ये बात सामने आई कि सर्केडियन रिदम के कारण महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न अलग-अलग होते हैं :

    • महिला की सर्केडियन क्लॉक पुरुषों की तुलना में जल्दी की सेट होती है। शाम को महिलाओं को जल्दी नींद इसी कारण से आने लगती है।
    • सर्केडियन साइकिल पुरुषों की तुलना में महिलाओं में छोटी होती है। सर्केडियन साइकिल महिलाओं में पुरुषों की तुलना में छह मिनट कम होती है। जिसके कारण महिलाएं जल्दी सोना चाहती है और जल्दी उठती हैं। 

    महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न को लेकर एक और रिसर्च हुई थी। जिसमें ये बात सामने आई कि सर्केडियन साइकिल के कारण महिलाएं पुरुषों की तुलना में अच्छा परफॉर्म करती है। 

    और पढ़ें : क्या है शिफ्ट वर्क स्लीप डिसऑर्डर, कैसे पाएं इससे छुटकारा?

    पुरुष और महिलाओं में नींद के पैटर्न में अंतर क्या है?

    ऊपर बताई गई रिसर्च ने ये बात सिद्ध कर दी कि महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न में अंतर होता है। जबकि यही स्लीप पैटर्न पुरुष और महिला में नींद के भी अंतर का कारण बनता है :

    पुरुषों की तुलना में महिलाएं शाम को जल्दी थक जाती हैं

    पुरुषों की तुलना में महिलाओं में स्लीप पैटर्न के लिए जिम्मेदार सर्केडियन साइकिल 6 मिनट कम होती है। इसलिए जब शाम ढलती है और अंधेरा छाने लगता है तो महिलाओं में सर्केडियन साइकिल के कारण मेलाटोनिन स्रावित होने लगता है, जिस कारण से महिलाएं शाम को जल्दी थकान महसूस करती हैं। वहीं, महिलाओं को पुरुषों की तुलना में रात में दो घंटे पहले बेड पर जाने की इच्छा होने लगती है। 

    पुरुषों को महिलाओं की तुलना में देरी से नींद आती है

    महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न के अलग होने के कारण सर्केडियन रिदम पुरुषों को देरी से नींद लाने के लिए जिम्मेदार होती है। रात में महिलाएं बिस्तर पर जाते ही जल्दी सो जाती हैं, जबकि पुरषों को सोने के लिए थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है और उन्हें जल्दी नींद नहीं आती है। 

    और पढ़ें : जानिए क्या होता है स्लीप म्यूजिक (Sleep Music) और इसके फायदे

    महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा अच्छे से सोते हैं

    पुरुष भले ही महिला से देरी में सोते हों, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पुरुष ठीक से सो नहीं पाते। महिला का शरीर सोते समय स्लीप सिगनल को उतना सही तरीके से नहीं रिलीज करता है, जितना की पुरुष का। इसके अलावा महिलाओं की तुलना में पुरुष व्यवस्थित तरीके से सोते हैं। 

    ज्यादातर महिलाएं अलार्म बजने के पहले उठ जाती हैं

    माना कि महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न सर्केडियन रिदम अलग है, लेकिन इसके बावजूद महिलाएं जल्दी उठती हैं। महिलाओं में सर्केडियन रिदम के अलावा एक अन्य सिस्टम, जिसे होमियॉस्टेसिस कहते हैं, महिलाओं के स्लीप पैटर्न को बदलता है। जिससे महिलाएं अलार्म बजने से पहले ही उठ जाती है। एक रिसर्च में बहुत सारी महिलाओं ने अलार्म से पहले नींद खुलने का कारण अपने पार्टनर के खर्राटों को भी माना है। 

    पुरुष सोते समय ज्यादा सपने देखते हैं

    सोते समय सपने देखना एक अच्छा संकेत है। जब हम गहरी नींद में होते हैं तो हमें सपने आते हैं, इसे रेम स्लीप (REM Sleep) कहते हैं। सोते समय सभी की बॉडी रिलैक्स होती है। ऐसे में बॉडी का तापमान कम होने लगता है, जिसका कारण शरीर में स्लीप हॉर्मोन मेलाटोनिनि स्रावित होने के कारण होता है। जिसके कारण हमारे शरीर के सर्केडियन साइकिल के आधा पूरा होने पर सपने आने शुरू होते हैं। इसलिए महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा सपने आते हैं। इसके पीछे का एक कारण महिलाओं में मेंस्ट्रुअल साइकिल भी है, जिसके कारण महिलाएं कम सपने देखती हैं। 

    और पढ़ें : स्लीपिंग सिकनेस (Sleeping Sickness) क्या है? जानें इसके लक्षण और बचाव उपाय

    महिलाओं के पैर सोते समय ज्यादा ठंडे रहते हैं

    पुरुषों की तुलना में महिलाओं के हाथ और पैरों में ब्लड फ्लो करने वाली नसें काफी सेंसटिव होती हैं। इसलिए जब आपकी बॉडी का तापमान कम होता है तो इसके लिए सर्केडियन साइकिल ही जिम्मेदार होता है। इस दौरान ब्लड का फ्लो धीमा हो जाता है, जिसके कारण शरीर का तापमान घटने लगता है। महिलाओं के पैरों का ठंडा होने के पीछे का कारण स्लो ब्लड फ्लो है। 

    महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा नींद लेनी चाहिए

    महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न अलग होने के कारण महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा नींद लेनी चाहिए। इसके पीछे का कारण महिलाओं मेंटल वर्क है। पुरुषों का मस्तिष्क किसी भी काम को करने लिए एक ही हिस्से का इस्तेमाल होता है। जबकि महिलाओं का मस्तिष्क काम को करने के लिए दोनों हिस्सों का इस्तेमाल करता है। यही कारण है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में मल्टी टास्कर होती हैं। महिलाओं को मानसिक रूप से ज्यादा मेहनत करने के कारण उन्हें पुरुषों की तुलना में 20 मिनट की ज्यादा नींद लेनी चाहिए। 

    और पढ़ें : क्या नींद न आने की परेशानी सेहत पर डाल सकता है नकारात्मक प्रभाव?

    महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न को दुरुस्त रखने के लिए क्या करें?

    महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न को पूरा करने के लिए दोनों को लगभग आठ घंटे की नींद जरूरी है। नींद ना आने की समस्या पुरुषों में महिलाओं की तुलना में ज्यादा होती है। वहीं, महिलाओं का स्लीप पैटर्न भी पुरुषों से छह मिनट जल्दी का होने के कारण वे जल्दी सो जाती हैं। ऐसे में कई बार महिलाएं घर के काम के चलते अपने स्लीप पैर्टन को बाधित करती है और देर से बिस्तर पर जाती है और जल्दी नहीं सोती हैं। महिलाओं को अपने रूटीन में बदलाव करना चाहिए और अपने स्लीप पैटर्न को बाधित नहीं करना चाहिए। 

    अच्छी नींद के लिए महिला और पुरुष दोनों को  अच्छी डायट और लाइफस्टाइल को अपनाना चाहिए। रात में जल्दी सोएं और सुबह टाइम पर उठें। खुद को रातों का उल्लू ना बनाएं। इसलिए सोने से पहले टीवी और मोबाइल आदि पर समय ना बिताएं। कमरे में नीले रंग का नाइट बल्ब लगाएं, जिससे आपको अच्छी नींद आएगी। 

    हमें लगता है कि महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न में भेद और इसके लिए जिम्मेदार सर्केडियन साइकिल के बारे में आपको पर्याप्त जानकारी मिल गई होगी। उम्मीद है कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इसलिए हमेशा याद रखें ‘अर्ली टू बेड, अर्ली टू राइज’। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है। 

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/12/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement