महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न अलग होने के कारण महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा नींद लेनी चाहिए। इसके पीछे का कारण महिलाओं मेंटल वर्क है। पुरुषों का मस्तिष्क किसी भी काम को करने लिए एक ही हिस्से का इस्तेमाल होता है। जबकि महिलाओं का मस्तिष्क काम को करने के लिए दोनों हिस्सों का इस्तेमाल करता है। यही कारण है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में मल्टी टास्कर होती हैं। महिलाओं को मानसिक रूप से ज्यादा मेहनत करने के कारण उन्हें पुरुषों की तुलना में 20 मिनट की ज्यादा नींद लेनी चाहिए।
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महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न को दुरुस्त रखने के लिए क्या करें?
महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न को पूरा करने के लिए दोनों को लगभग आठ घंटे की नींद जरूरी है। नींद ना आने की समस्या पुरुषों में महिलाओं की तुलना में ज्यादा होती है। वहीं, महिलाओं का स्लीप पैटर्न भी पुरुषों से छह मिनट जल्दी का होने के कारण वे जल्दी सो जाती हैं। ऐसे में कई बार महिलाएं घर के काम के चलते अपने स्लीप पैर्टन को बाधित करती है और देर से बिस्तर पर जाती है और जल्दी नहीं सोती हैं। महिलाओं को अपने रूटीन में बदलाव करना चाहिए और अपने स्लीप पैटर्न को बाधित नहीं करना चाहिए।
अच्छी नींद के लिए महिला और पुरुष दोनों को अच्छी डायट और लाइफस्टाइल को अपनाना चाहिए। रात में जल्दी सोएं और सुबह टाइम पर उठें। खुद को रातों का उल्लू ना बनाएं। इसलिए सोने से पहले टीवी और मोबाइल आदि पर समय ना बिताएं। कमरे में नीले रंग का नाइट बल्ब लगाएं, जिससे आपको अच्छी नींद आएगी।
हमें लगता है कि महिला और पुरुषों के स्लीप पैटर्न में भेद और इसके लिए जिम्मेदार सर्केडियन साइकिल के बारे में आपको पर्याप्त जानकारी मिल गई होगी। उम्मीद है कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इसलिए हमेशा याद रखें ‘अर्ली टू बेड, अर्ली टू राइज’। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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