के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
एस्बेस्टॉसिस फेफड़ों से जुडी एक बीमारी है जो एस्बेस्टस फाइबर के सांस द्वारा शरीर के अंदर चले जाने पर होती है। एस्बेस्टस फाइबर मिट्टी या पत्थरों में मिल सकते हैं। यह लचीले, गर्मी, रसायनों और बिजली के प्रतिरोधी हैं। इसलिए, कई सालों से इनका प्रयोग कई चीज़ों को बनाने जैसे, गाड़ियों के पार्ट और कपड़ों को बनाने में किया जाता है। अगर एस्बेस्टस फाइबर को सांस के माध्यम से अंदर लिया जाता है, तो यह फेफड़ों के अंदर के टिश्यू को चोट पहुंचा सकते हैं और जिससे यह चोट लगे टिश्यू सामान्य रूप से फैल और सिकुड़ नहीं पाते। यह बीमारी कितनी गंभीर हो सकती है, यह बात इस चीज़ पर निर्भर करती है कि रोगी कितनी देर एस्बेस्टस के सम्पर्क में रहा है और किस तरह के फाइबर उसके शरीर के अंदर गए हैं।
एस्बेस्टस के सम्पर्क में आने के बीस या उससे भी अधिक सालों के बाद इसके लक्षण सामने आ सकते हैं। इसके लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं। इस रोग में सांस लेने में भी समस्या (Breathing problem) हो सकती है। जानिए, इसके बारे में विस्तार से।
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एस्बेस्टस के लक्षण सामने आने में लंबा समय लग जाता है। इसके लक्षण गंभीर भी हो सकते हैं। एस्बेस्टस के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
यदि आपको अक्सर एस्बेस्टोस की समस्या होती है और आप सांस लेने में तकलीफ़ का अनुभव कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से एस्बेस्टॉसिस की संभावना के बारे में बात करें।
1)प्लेउराल प्लक़ुइस(कैल्सीफिकेशन)
2)मलिग्नैंट मेसोथेलियोमा
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1)अभ्रक खनिक
2)विमान और ऑटो मैकेनिक्स
3)बॉयलर ऑपरेटर
4)भवन निर्माण करने वाले श्रमिक
5)इलेक्ट्रीशियनस
6)रेलरोड वर्कर्स
7)रिफाइनरी और मिल वर्कर
8)शिपयार्ड वर्कर्स
9)पुराने भवनों में स्टीम पाइप के आसपास एस्बेस्टस इन्सुलेशन को हटाने वाले श्रमिक
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इस रोग के निदान के लिए सबसे पहले डॉक्टर आपसे इस रोग के लक्षणों के बारे में जानेंगे और कारणों के बारे में भी जाना जाएगा। इसके बाद रोगी के कई टेस्ट कराये जाएंगे ताकि पता चल सके कि यह रोग एस्बेस्टॉसिस है क्योंकि यह लक्षण किसी अन्य रोग के भी हो सकते हैं। डॉक्टर शारीरक जांच करेंगे। इसके साथ ही हेल्थ हिस्ट्री, व्यवसाय या स्वास्थ्य इतिहास, व्यवसाय और एस्बेस्टोस के जोखिम के बारे में भी जाना जाएगा। शारीरिक प्रशिक्षण के दौरान, डॉक्टर रोगी के फेफड़ों के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए स्टेथोस्कोप (Stethoscope) का उपयोग करते हैं ताकि सांस लेते हुए आपके फेफड़ों की आवाज सुनी जा सके।
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डॉक्टर आपके निम्नलिखित टेस्ट करा सकते हैं:
इस रोग का कोई इलाज नहीं है। इसके उपचार के लिए एस्बेस्टस के सम्पर्क में न आना बहुत आवश्यक है। इस बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए ड्रेनेज और चेस्ट पेरकशन, फेफड़ों से तरल पदार्थ निकालने में मदद कर सकती है। इसके साथ ही डॉक्टर आपको एयरोसोल दवाई लेने की सलाह दे सकते हैं। इस स्थिति वाले लोगों को मास्क द्वारा या नथुने में फिट होने वाले प्लास्टिक के टुकड़े से ऑक्सीजन लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। कुछ लोगों को फेफड़े के प्रत्यारोपण की आवश्यकता भी हो सकती है।
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