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Dupuytrens Contracture: डुप्यूट्रीन का संकुचन क्या है?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Kanchan Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/05/2020

Dupuytrens Contracture: डुप्यूट्रीन का संकुचन क्या है?

परिभाषा

डुप्यूट्रीन का संकुचन क्या?

डुप्यूट्रीन का संकुचन एक ऐसी स्थिति है जब हथेलियों की त्वचा के नीचे के कनेक्टिव टिशू थिक और निशान जैसे दिखने लगते है। हालांकि यह स्थिति हमेशा दर्दनाक नहीं होती है, लेकिन इससे हाथों की गतिविधियां जरूर प्रभावित होती है। टिशू थिक यानी मोटा हो जाता है जिससे आपकी कुछ उंगलियां हथेलियों की तरफ कर्ल (मुड़) हो जाती हैं, थिक टिशू के कारण होने वाले इसी बदलाव को संकुचन कहते हैं।

डुप्यूट्रीन का संकुचन हाथों की एक विकृति है जो कई सालों में विकसित होती है। यह आपकी हथेलियों की त्वचा के नीचे मौजूद उत्तकों की लेयर को प्रभावित करती है। त्वचा के नीचे बने उत्तकों (टिशू) की गांठ एक मोटा कॉर्ड बनाकर उंगलियों को हथेलियों की तरफ मोड़ती है। मुड़ी हुई उंगलियां पूरी तरह से सीधी नहीं हो पाती हैं, यानी यह स्थायी रूप से मुड़ जाती हैं जिसकी वजह से आपको रोज़मर्रा के काम करने में परेशानी होती है जैसे पॉकेट में हाथ डालना, ग्लव्स पहनना और किसी से हाथ मिलाने में दिक्कत होती है। आमतौर पर इससे आपकी कानी उंगली और इसके बगल वाली उंगली प्रभावित होती है, अगूंठे पर इसका असर नहीं होता है। डुप्यूट्रीन का संकुचन उम्रदराज पुरुषों में अधिक होता है। वैसे डुप्यूट्रीन का संकुचन को विकसित होने से रोकन के लिए कई तरह के उपचार उपलब्ध हैं।

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लक्षण

डुप्यूट्रीन का संकुचन के लक्षण क्या है?

डुप्यूट्रीन का संकुचन अचानक से नहीं होता यह स्थिति धीरे-धीरे विकसित होती है। यानी आपकी हथेलियों की त्वचा के नीचे वाले उत्तक धीमी गति से मोटे होते हैं, जिस दौरान यह विकसित होता है आपकी हथेलियों की त्वचा सिकुड़ी हुई और उसमें डिंपल (गड्ढे) नजर आने लगते हैं। हथेलियों पर उत्तकों की गांठ बन जाती है। यह गांठ छूने पर संवेदनशील हो सकते हैं, लेकिन इनमें दर्द नहीं होता है।

आगे के चरण में हथेलियों की त्वचा के नीचे बने टिशू के कॉर्ड उंगलियों तक पहुंच जाते हैं और जैसे ही यह कॉर्ड टाइट होने लगते हैं उंगलियां हथेलियों की तरफ मुड़ने लगती हैं, कई बार यह गंभीर हो सकता है। आमतौर पर अंगूठे से दूर की यानी आखिर वाली दो उंगलियां इससे प्रभावित होती है। दुर्लभ मामलों में अंगूठा और तर्जनी उंगली पर इसका असर होता है। डुप्यूट्रीन का संकुचन आमतौर पर एक ही हाथ में होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह दोनों हाथों को प्रभावित कर सकता है।

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कारण

डुप्यूट्रीन का संकुचन के कारण क्या है?

डुप्यूट्रीन का संकुचन किस वजह से होता है इसके सटीक कारणों का अभी तक वैज्ञानिक पता नहीं लगा पाए हैं, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसमें अनुवांशिक कारक अहम भूमिका निभाता है। अध्ययन के मुताबिक, उत्तरी यूरोप के लोग इससे अधिक प्रभावित होते हैं।

डुप्यूट्रीन का संकुचन से जुड़े जोखिम

डुप्यूट्रीन का संकुचन के कारणों का तो पता नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ रिस्क फैक्टर हैं जो इसकी संभावना बढ़ा देते हैः

  • यह आमतौर पर 50 से अधिक उम्र के लोगों को होता है।
  • महिलाओं की तुलना में पुरुषों को डुप्यूट्रीन का संकुचन होने की संभावना अधिक होती है।
  • उत्तरी यूरोप के लोगों को डुप्यूट्रीन का संकुचन का रिस्क ज्यादा होता है।
  • जिन लोगों के परिवार में पहले किसी को डुप्यूट्रीन का संकुचन हुआ हो उन्हें इसका खतरा ज्यादा होता है।
  • तंबाकू और एल्कोहल का सेवन भी डुप्यूट्रीन के संकुचन का रिस्क बढ़ा सकती है।
  • डायबिटीज पेशेंट में भी इसका खतरा अधिक होता है।

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निदान

डुप्यूट्रीन का संकुचन का निदान कैसे किया जाता है?

आमतौर पर डॉक्टर डुप्यूट्रीन का संकुचन का निदान आपके हाथों को देखकर और उसे महसूस करके ही कर लेता है। हथेलियों की त्वचा के नीचे मोटे हुए उत्तकों और निशान को डॉक्टर देखकर पहचान सकता है। इसके अलावा डॉक्टर आपको टेबल पर अपनी हथेली रखने को कहेगा ताकि वह देख सकें कि आपकी सभी उंगलियां सीधी हैं या नहीं, इस टेस्ट को टेबलटॉप टेस्ट कहते हैं। इस टेस्ट में यदि आपकी हथेलियां टेबल पर फ्लैट (समतल) नहीं होती है तो इसका मतलब है कि आपको डुप्यूट्रीन का संकुचन है। इसके अलावा डॉक्टर आपकी ग्रिप यानी पकड़ और उंगलियों की गति सीमा की भी जांच करता है।

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उपचार

डुप्यूट्रीन का संकुचन के लिए क्या उपचार है?

इसका कोई स्थायी उपचार नहीं है। जब तक व्यक्ति की दैनिक गतिविधियां इस स्थिति से प्रभावित नहीं होती है उपचार की आवश्यकता नहीं है।

लेकिन स्थिति यदि गंभीर है और डुप्यूट्रीन के कारण कोई अपने रोजमर्रा के काम भी नहीं कर पा रहा है तो उपचार के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैः

स्टेरॉयड इंजेक्शन- नोड्यूल में कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का इंजेक्शन लगाने से दर्द और सूजन से राहत मिलती है और डुप्यूट्रीन का संकुचन को विकसित होने से रोकती है।

कोलेजिनेस इंजेक्शन- कोलेजिनेस क्लोस्ट्रीडियम हिस्टोलिटिकम (CCH) इंजेक्शन इलाज का नया तरीका है। इस उपचार डॉक्टर कॉर्न (नली) में एंजाइम कोलेजिनेस इंजेक्ट करता है ताकि वह कमजोर हो जाए। इसके बाद कॉर्ड को खींचकर तोड़ा जाता है, जिससे उंगलियां सीधी हो जाती हैं।

सर्जरी- डुप्यूट्रीन का संकुचन यदि गंभीर है तो इसके लिए सर्जरी की आवश्यकता होगी। सर्जरी के जरिए आपकी उंगलियों को मोड़ने के लिए जिम्मेदार हथेलियों के उत्तकों को निकाल दिया जाता है। सर्जरी का मुख्य लाभ यह है कि इलाज का यह तरीका निडल और एंजाइम मेथड से अधिक कारगर है। इसका नुकसान यह है कि सर्जरी के बाद आपको फिजिकल थेरेपी की जरूरत होती है और ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। फिजिकल थेरेपी कुछ महीनों तक की जाती है, इसमें थेरेपिस्ट आपको कुछ खास तरह की एक्सरसाइज के लिए बोलते हैं जिससे हाथ धीरे-धीरे पहले की तरह काम करने लगते हैं।

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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार

यदि आपको डुप्यूट्रीन का संकुचन की समस्या थोड़ी-बहुत है या शुरुआती स्तर पर है तो अपने हाथों को सुरक्षित रखने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैः

  • किसी उपकरण को बहुत कसकर न पकड़े
  • हैवी पैडिंग वाले ग्लव्स का इस्तेमाल करें जब आपको कोई मज़बूत चीज पकड़नी हो

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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