फ्लू क्या है?
फ्लू एक तरह का वायरल संक्रमण है। फ्लू की वजह से ही रेस्पिरेटरी सिस्टम में भी इंफेक्शन शुरू हो जाता है। अगर ध्यान न दिया जाए तो इंफेक्शन लंग्स तक पहुंच सकता है। इंफेक्शन के कारण कभी-कभी व्यक्ति की डेथ भी हो जाती है।
फ्लू क्या है यह समझने के बाद यह समझने की कोशिश करते हैं की क्या फ्लू किसी को भी हो सकता है?
फ्लू किसी को भी हो सकता है और यह किसी भी उम्र में हो सकता है। कारण समझकर इससे आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। बेहतर होगा की आप डॉक्टर से संपर्क करें।
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जानिए इसके लक्षण
फ्लू क्या है यह समझने के बाद जानते हैं कितना सामान्य है फ्लू और क्या यह अचानक भी हो सकता है?
- फिवर 38 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होना
- गले में खरास होना
- ठंड लगना और पसीना आना
- हाथ,पैर, पीठ और मांसपेशियों में दर्द होना
- सिरदर्द होना
- सूखी खांसी होना
- कमजोरी और चक्कर आना
- सर्दी की वजह से नाक बंद होना
- नाक से पानी आना
- छींक आना
ऐसे भी कई कारण हो सकते हैं जो ऊपर न हों लेकिन, अगर आपको ऊपर दिये गये लक्षणों के अलावा कोई अन्य लक्षण नजर आते हैं तो आने पर डॉक्टर से जल्द से जल्द मिलें।
फ्लू क्या है यह समझने बाद बच्चों में फ्लू के लक्षण क्या हैं?
बच्चों में अक्सर वयस्कों के समान ही फ्लू के लक्षण होते हैं लेकिन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानी जैसे कि मतली, उल्टी और दस्त की समस्या भी हो सकती है। वैसे इन लक्षणों के साथ-साथ निम्नलिखित लक्षण बच्चों में नजर आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
- सांस लेने में परेशानी होना
- तेजी से सांस लेना
- चेहरा या होंठों का ब्लू होना
- बच्चे को सीने में दर्द महसूस होना
- शरीर में तेज दर्द होना
- डिहाइड्रेशन होना जैसे आठ घंटे तक बच्चे को यूरिन न आना या बच्चे के रोने पर आंखों से अंशु नहीं निकलना
- बच्चे का सुस्त हो जाना
- किसी से बात न करना
- एक साल के उम्र तक के बच्चे को 104°F बुखार आना
- बच्चे को कफ की समस्या होना या कफ की परेशानी ठीक होने के बाद फिर से और बार-बार होना
फ्लू क्या है और इसके पेशेंट को डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
अगर आपको कोई लक्षण नजर आ रहें हैं तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। हर व्यक्ति के शरीर की बनावट अलग होती है, जिस कारण इलाज भी वैसे ही किया जाता है ।
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किन कारणों से होता है फ्लू?
फ्लू वायरस की वजह से होता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार वायरस (A, B और C) सबसे सामान्य वायरस है। इन तीनों वायरस में टाइप-ए इन्फ्लुएंजा सबसे खतरानक वायरस माना जाता है।
फ्लू का खतरा कब बढ़ता है?
फ्लू क्या है यह जानने के बाद इसके कारण क्या हैं?
कई कारणों की वजह से फ्लू का खतरा बढ़ सकता है, जैसे:
- बदलते मौसम की वजह से इन्फ्लूएंजा का डर बना रहता है।
- आपके आस-पास अगर गंदगी है या अस्पताल है।
- एचआईवी, एड्स, कैंसर का इलाज, कोर्टिकोस्टेरोइड आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकते हैं। इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है।
- गंभीर या पुरानी बीमारी जैसे अस्थमा, डायबिटीज या हार्ट की परेशानी होने पर।
- गर्भवती महिलाओं में इन्फ्लूएंजा का खतरा ज्यादा होता है, खासकर दूसरी और तीसरी तिमाही में।
- 40 या अधिक बीएमआई वाले लोगों में फ्लू का खतरा अधिक होता है।
फ्लू क्या है और इसके खतरे क्या-क्या हैं इसे समझने के बाद इससे बचना आसान हो सकता है।
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निदान और उपचार को समझें
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए बेहतर होगा की आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
फ्लू क्या है ये समझने के बाद फ्लू का निदान कैसे किया जाता है ये समझने की कोशिश करते हैं?
सेंटर फॉर कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन के अनुसार फ्लू के लक्षणों को समझकर और कुछ टेस्ट होने के बाद इलाज किया जा सकता है। लक्षणों की तुलना में टेस्ट ज्यादा प्रभावशाली होते हैं। जिससे इंफेक्शन कितना फैला है इसका अंदाजा लगाना आसान हो जाता है।
फ्लू का इलाज कैसे किया जाता है?
दरअसल, इस दौरन आराम और ज्यादा से ज्यादा पानी या जूस पीने से फायदा मिलता है। हेल्थ एक्सपर्ट पीड़ित को टैमीफ्लू (oseltamivir) या रेलेंजा (zanamivir) जैसी दवा दे सकते हैं। बीमारी की जानकारी मिलते ही डॉक्टर से मिलकर दवा का सेवन शुरू कर देना चाहिए। जल्द से जल्द शुरू की गई दवाएं बीमारी से लड़ने में मदद करती हैं और पीड़ित जल्दी ठीक हो सकते हैं।
जीवनशैली में बदलाव और कुछ घरेलू नुस्खे अपना कर कैसे फ्लू से बचा जा सकता है?
फ्लू क्या है। इसे समझने के जानते हैं कुछ घरेलू नुस्खे क्या हैं और जीवनशैली में बदलाव कर फ्लू से बचने में मदद कर सकते हैं:
- तरल पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए। इससे डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है।
- पूरी नींद लें, इससे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
- घर पर ही रहें और ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
- कोशिश करें की अन्य लोगों के संपर्क में न आयें।
- तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करें।
- पौष्टिक आहार का सेवन करें।
- एल्कोहॉल का सेवन न करें।
- स्मोकिंग न करें, स्मोकिंग करने या सिगरेट पी रहे व्यक्ति के सामने खड़े नहीं रहें। ऐसे में आपकी परेशानी ज्यादा बढ़ सकती है।
- विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थ लें।
- हर्बल टी के सेवन से लाभ मिल सकता है।
फ्लू क्या है और इसके कारणों को समझने से साथ-साथ इस दौरान अपने आहार पर विशेष ध्यान दें। इस दौरान पेशेंट को निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन करने से फायदा मिलेगा। जैसे-
अदरक: अदरक में मैग्नेशियम, विटामिन-बी 6 और विटामिन-सी जैसे अन्य खनिज पदार्थ होते हैं जो फ्लू के पेशेंट के लिए लाभकारी होते हैं। इसलिए इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
हरी पत्तेदार सब्जी: हरी पत्तेदार साग में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन को ठीक करता है। इन साग और सब्जियां के नियमित सेवन से प्रमुख पोषक तत्व शरीर को प्राप्त होता है। जो फ्लू की समस्या से बचाने में मदद करता है या अगर आप बीमार हैं तो आप जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं।
तरल पदार्थ: फ्लू के पेशेंट को तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करना चाहिए। इसलिए इस दौरान आपको पानी, नारियल पानी और हल्के गर्म पानी में नींबू, शहद, अदरक मिलाकर पानी का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से डिहाइड्रेशन की समस्या से बचने के साथ-साथ आप हेल्दी भी जल्द होंगे।
अगर आपके फ्लू क्या है और इस बीमारी से जुड़ी किसी तरह के कोई सवाल हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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