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Ruptured Eardrum: कान के पर्दे में छेद क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/06/2020

Ruptured Eardrum: कान के पर्दे में छेद क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

परिचय

कान के पर्दे में छेद (Ruptured eardrum) क्या है?

कान के पर्दे में छेद को टायम्पेनिक मेम्ब्रेन परफोरेशन (tympanic membrane perforation) के नाम से भी जाना जाता है। यह कान के पर्दे की झिल्ली में एक छेद होता है। ईयर कैनाल को मध्य कान (कान का पर्दा) से अलग करने वाले पतले ऊत्तकों में चोट पहुंचती है। इसे कान के पर्दे में छेद के नाम से जाना जाता है। कान के पर्दे में छेद होने से बहरापन आ सकता है। कान के पर्दे में छेद होने से आपके मिडिल ईयर में इंफेक्शन या चोट लगने की संभावना ज्यादा होती है। कान के पर्दे में छेद आमतौर पर बिना इलाज के कुछ हफ्तों में ठीक हो जाता है। हालांकि, कई बार कान के पर्दे में छेद होने पर इलाज या सर्जरी के माध्यम से इसका इलाज करने की आवश्यकता पड़ती है।

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कान के पर्दे में छेद होना कितना सामान्य है?

कान के पर्दे में छेद एक सामान्य समस्या है। किसी भी व्यक्ति के कान के पर्दे में छेद हो सकता है। हालांकि, इसके कारणों में विभिन्नत्ता हो सकती है। कई मामलों में यह आंशिक या पूर्णतः बहरापन का परिणाम दे सकता है। इसकी अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।

लक्षण

कान के पर्दे में छेद के क्या लक्षण हैं?

कान के पर्दे में छेद के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • कान में दर्द, जो जल्दी ठीक हो जाता हो
  • कान बजना
  • कान से साफ, पस या खून जैसा डिस्चार्ज
  • बहरापन
  • मतिभ्रम
  • उबकाई या उल्टी, जो मतिभ्रम की वजह से हो।

उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी कान के पर्दे में छेद के कुछ अन्य संकेत भी हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप कान में पर्दे के छेद के लक्षणों को लेकर चिंतित हैं तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यदि आपको उपरोक्त लक्षणों या कान के पर्दे में छेद के संकेतों का अनुभव होता है या आपको दर्द या कान में असहजता का अहसास होता है तो डॉक्टर से संपर्क करें। आपके कान का मध्य हिस्सा काफी संवेदनशील होता है, जो चोट या बीमारियों के प्रति काफी संवेदनशील होता है। सुनने की क्षमता को बचाए रखने के लिए कान के पर्दे में छेद का तत्काल और उचित इलाज काफी आवश्यक है।

कारण

कान के पर्दे में छेद के क्या कारण हैं?

कान के पर्दे में छेद के कारण निम्नलिखित हैं:

  • मिडिल ईयर इंफेक्शन (otitis media): कान के मध्य हिस्से या मिडिल ईयर में इंफेक्शन होने से कान के मिडिल हिस्से में फ्लूड इक्कट्ठा हो जाता है। इस फ्लूड का कान के पर्दे पर दबाव पड़ने से पर्दा फट सकता है।
  • जब आपके मिडिल ईयर पर हवा का दबाव होता है तो आपके कान के मध्य हिस्से पर बेरोट्रॉमा नामक दबाव बनता है। यह दबाव आपके आसपास के वातावरण में हवा के दबाव के असंतुलित होने से पड़ता है। यदि हवा का दबाव गंभीर है तो आपका कान का पर्दा फट सकता है। अक्सर हवाई यात्रा के दौरान आपके कान पर बेरोट्रॉमा का दबाव पड़ता है।
  • अन्य कारक, जिनकी वजह से अचानक दबाव में बदलाव आता है और कान के पर्दे में छेद होने की संभावना होती है। स्कूबा डाइविंग का सीधे आपके कान पर दबाव पड़ता है। इसमें ऑटोमोबाइल एयर बैग का इस्तेमाल होता है, जिसका सीधा असर आपके कान के पर्दे पर पड़ता है।
  • तेज आवाज या धमाका (acoustic trauma): ऊंची आवाज या धमाका एक विस्फोट या गोली चलने का एक रूप हो सकता है। इससे निकलने वाली ध्वनि तरंगे काफी शक्तिशाली होती हैं, जो आपके कान के पर्दे में छेद कर सकती हैं।
  • कान में बाहरी पदार्थ का आना: छोटी बाह्य चीजें जैसे कॉटन स्वैब या हेयरपिन कान के पर्दे में छेद या उसे फाड़ सकती हैं।
  • सिर की गंभीर चोट: सिर की गंभीर चोट जैसे खोपड़ी में फ्रैक्चर की वजह से मिडिल ईयर में डिसलोकेशन या ढांचे में क्षति पहुंच सकती है। इससे आपके कान के पर्दे में छेद हो सकता है।

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जोखिम

कान के पर्दे में छेद से मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?

कान के पर्दे में छेद होने से आपको निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:

  • बहरापन: आमतौर पर कान के पर्दे में छेद होने से अस्थाई रूप से बहरापन आता है। यह जब तक रहता है तब तक आपके कान के पर्दे में छेद अपने आप ठीक नहीं हो जाता है। हालांकि, कान के पर्दे में छेद का आकार और स्थिति बहरेपन की स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
  • मिडिल ईयर इंफेक्शन (otitis media): कान के पर्दे में छेद होने से आपके कान में बैक्टीरिया प्रवेश कर सकते हैं। यदि कान के पर्दे में छेद ठीक नहीं होता है तो छोटी संख्या में कान में बैक्टीरिया का प्रवेश होने से इंफेक्शन हो सकता है। बैक्टीरिया के इस समूह की वजह से आपको क्रॉनिक ड्रेनेज और बहरापन हो सकता है।
  • मिडिल ईयर सिस्ट (कोलेस्टेएटोमा) (cholesteatoma): बेहद ही दुर्लभ मामलों में मिडिल ईयर सिस्ट की स्थिति पैदा होती है। यह गांठें त्वचा की कोशिकाओं और अन्य अपशिष्ट पदार्थ से मिलकर बनती हैं। कान के मध्य हिस्से में इनके बनने से कान के पर्दे में छेद हो सकता है।
  • आमतौर पर ईयर कैनाल का अपशिष्ट ईयरवैक्स के साथ कान के बाहरी हिस्से में पहुंच जाता है। यदि आपके कान के पर्दे में छेद है तो त्वचा का अपशिष्ट आपके मिडिल ईयर में पहुंचकर गांठे बना सकता है। मिडिल ईयर में सिस्ट बनने से बैक्टीरिया को बढ़ावा मिलता है। इनमें प्रोटीन होता है, जो मिडिल ईयर की हड्डियों को क्षतिग्रस्त कर सकता है।
  • और पढ़ें: कान में फंगल इंफेक्शन के कारण, कैसे किया जाता है इसका इलाज ?

    उपचार

    यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

    कान के पर्दे में छेद का निदान कैसे किया जाता है?

    निम्नलिखित तरीकों से इस स्थिति का पता लगाया जा सकता है:

    • लैब्रोटरी टेस्ट (प्रयोगशाला की जांच): कान से डिस्चार्ज होने पर डॉक्टर लैब्रोटरी टेस्ट या कल्चर की जांच करा सकता है, जिससे मिडिल ईयर में बैक्टीरियल इंफेक्शन का पता लगाया जा सके।
    • टर्निंग फोर्क इवेल्युएशन: इसमें मेटल के यंत्रों से आवाजें पैदा की जाती हैं। साधारण तरीके से इन औजारों को आपस में टकराकर बजाने से बहरेपन का पता लगाया जा सकता है। इससे बहरेपन का कारण मिडिल ईयर में वाइब्रेशन पार्ट के क्षतिग्रस्त होने (कान के पर्दे को मिलाकर), सेंसर के डैमेज होने या कान के आंतरिक हिस्से में तंत्रिका या दोनों के क्षतिग्रस्त होने का पता लगाया जा सकता है।
    • ईयर कैनाल में टायमपेनोमीटर (एक डिवाइस) को डाला जा सकता है, जिससे हवा के दबाव में बदलाव होने पर कान के पर्दे की प्रतिक्रिया का आंकलन किया जाता है। कुछ प्रकार की प्रतिक्रियाएं कान में छेद की तरफ इशारा कर सकती हैं।
    • ऑडियोलॉजी एग्जाम: यदि अन्य जांचों में कान में छेद का पता नहीं लगता है तो डॉक्टर ऑडियोलॉजी टेस्ट कर सकता है। इसमें आपको विभिन्न वॉल्यूम स्तर और पिच पर साउंड सुनाया जाता है, जिससे आपके सुनने की क्षमता का आंकलन किया जाता है।

    और पढ़ें: कान का मैल निकालना चाहते हैं तो अपनाएं ये घरेलू उपाय

    कान के पर्दे में छेद का इलाज कैसे किया जाता है?

    कान के पर्दे में छेद के ज्यादातर मामलों में यह कुछ हफ्तों के भीतर अपने आप ठीक हो जाते हैं। इंफेक्शन के सुबूत मिलने पर डॉक्टर कान के ड्रॉप की सलाह दे सकता है। यदि कान के पर्दे में छेद अपने आप ठीक नहीं होता है तो इलाज के जरिए इस छेद को बंद किया जाता है।

    इसमें इलाज के निम्नलिखित तरीके शामिल हैं:

  • ईयर पैच: यदि आपके कान के पर्दे में छेद अपने आप ठीक नहीं होता है तो कान, नाक और गला विशेषज्ञ इस छेद को सिल सकता है। इस तरीके में डॉक्टर छेद के किनारों पर एक कैमिकल लगा सकता है। इसके बाद वह इस छेद को सिल सकता है। यह कैमिकल छतिग्रस्त हिस्से में ग्रोथ को बढ़ाता है। इस प्रक्रिया को छेद के बंद होने से पहले एक से अधिक बार दोहराने की आवश्यकता पड़ सकती है।
  • सर्जरी: यदि कान के पर्दे में छेद होने पर यह पैच लगाने से ठीक नहीं होता है तो सर्जरी की जाती है। आमतौर पर टिम्पैनोप्लास्टी (tympanoplasty) सर्जरी की जाती है। इसमें डॉक्टर आपके कुछ ऊत्तकों को काटकर इस छेद पर लगा सकता है। इस सर्जरी को आउटपेशेंट के तौर पर किया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि सर्जरी कराने के बाद आप उसी दिन घर जा सकते हैं। यदि मेडिकल ऐनस्थीसिया की स्थिति पैदा होती है तो आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।
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    घरेलू उपाय

    जीवन शैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे कान के पर्दे में छेद को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

    निम्नलिखित घरेलू उपाय आपको कान में छेद की स्थिति में राहत प्रदान करने में मदद करेंगे:

    • कान को सूखा रखें: नहाते वक्त कान पर एक वॉटरप्रूफ सिलिकॉन या पैट्रोलियम जैली वाली कॉटन बॉल को रखें। इससे आपके कान में पानी नहीं जाएगा।
    • कान का पर्दा फटा हुआ होने पर इसे साफ करने से बचना चाहिए। इसे पूरी तरह ठीक होने के बाद ही कान की सफाई के बारे में सोचें।
    • नाक को ब्लॉ करने (झटके से नाक को बाहर निकालना) से बचें। नाक को झटके से साफ करने से दबाव बनता है, जो कान में छेद को ठीक होने से नुकसान पहुंचा सकता है।

    इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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