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Hearing loss: बहरापन क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/02/2021

Hearing loss: बहरापन क्या है?

परिचय

बहरापन क्या है? (What is Hearing loss?)

बहरापन (Hearing loss)

बहरापन एक ऐसी स्थिति है, जब आप आंशिक या पूरी तरह एक या दोनों कानों से आवाज नहीं सुन पाते हैं। उम्र बढ़ना और लंबे वक्त तक ऊंची आवाज के संपर्क में रहने से बहरापन (Hearing loss) की समस्या शुरू सकती है। अन्य कारण, जैसे कान में अत्यधिक मैल अस्थाई रूप से आपको सुनने में बाधा उत्पन्न करता है। बहरापन या सुनाई न देने के ज्यादातर मामलों को ठीक नहीं किया जा सकता है। हालांकि ठीक तरह से इलाज करवाया जाए, तो बहरापन (Hearing loss) की समस्या से बचा जा सकता है।

बहरापन कितना सामान्य है? (How common is Hearing loss?)

किसी भी आयु वर्ग के लोगों में बहरापन आ सकता है। इसके जोखिम के कारकों को कम करके बहरापन की रोकथाम की जा सकती है। यदि आप इस संबंध में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

लक्षण

बहरेपन के क्या लक्षण हैं? (Symptoms of Hearing loss)

बहरेपन की लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • भाषा और अन्य आवाजों को धीमा सुनना।
  • शब्दों को समझने में परेशानी, विशेषकर बैकग्राउंड आवाजों या भीड़ के लोगों की आवाज सुनने में परेशानी आना।
  • किसी भी शब्दो को सुनने में परेशानी।
  • बार-बार दूसरे लोगों से धीमे बोलने के लिए कहना, जैसे स्पष्ट और तेज बोलने के लिए।
  • टीवी या रेडियो को तेज आवाज में सुनने की आवश्यकता पड़ना।
  • बातचीत से पीछे हटना।
  • सामाजिक मेलजोल से बचना।
  • कुछ आवाजें तेज सुनाई देना।
  • दो लोगों या इससे अधिक लोगों की बातचीत न सुन पाना
  • किसी अन्य सुनाई देने वाले ऊंचे स्वर को न बता पाना।
  • पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आवाज सुनने में परेशानी आना।
  • सुनी हुई बातें गूंजना
  • अस्थिरता या चक्कर आने का अहसास
  • कान में दबाव का अहसास (कान के पर्दे के पीछे फ्लूड का अहसास होना)
  • कान बजना (Tinnitus)

उपरोक्त लक्षणों के अलावा कुछ ऐसे संकेत या लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इसके लक्षणों को लेकर चिंतित हैं तो अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।

और पढ़ें : फेफड़ों में इंफेक्शन के हैं इतने प्रकार, कई हैं जानलेवा

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करें:

  • सुनने की समस्याएं आपकी दिनचर्या में हस्तक्षेप करें।
  • सुनने की समस्याओं का ठीक न होना या बदतर हो जाना।
  • एक कान के मुकाबले अन्य कान में सुनाई देने की स्थिति बदतर हो जाना।
  • अचानक से सुनाई देना बंद हो जाना या कान बजना।
  • अन्य लक्षण जैसे सुनाई देने की समस्याओं के साथ कान में दर्द होना।
  • नया सिर दर्द, कमजोरी या शरीर में कहीं भी सुन्नपन होना।

यदि आपके एक कान में अचानक सुनाई देना बंद हो जाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

कारण

बहरापन किन कारणों से होता है? (Cause of Hearing loss)

कान के बाहरी या मध्यम हिस्से में मकैनिकल समस्याओं पैदा होने से कंडक्टिव हीयरिंग लॉस (Conductive hearing loss) होता है। हालांकि इस समस्या का इलाज किया जाता है।

इसके निम्नलिखित कारण हैं:

  • ईयर कैनल (Ear canal) में मैल या वैक्स (Ear wax) जमा हो जाना।
  • कान के पर्द के पीछे स्थिति बेहद ही छोटी हड्डियों (Ossicles) का क्षतिग्रस्त होना।
  • कान इंफेक्शन (Ear infection) के बाद कान में फ्लूड का ठहर जाना।
  • ईयर कैनाल में बाहरी पदार्थ का अटक जाना।
  • कान के पर्दे में छेद होना।
  • बार-बार इंफेक्शन होने से कान के पर्दे पर स्कार जम जाना।

सेंसोरिन्युरल हीयरिंग लॉस (Sensorineural hearing loss), यह एक प्रकार का बहरापन है। कान में सूक्ष्म बाल कोशिकाएं (नर्व एंडिंग्स) ध्वनियों को पकड़ती हैं। इनके क्षतिग्रस्त, बीमार, उचित तरीके से कार्य न करने या मृत हो जाने की वजह से बहरापन आता है। इस प्रकार का बहरापन ठीक नहीं किया जा सकता। सेंसोरिन्युरल हीयरिंग लॉस के कारण निम्नलिखित हैं:

  • एकोउस्टिक न्यूरोमा (Acoustic neuroma)
  • उम्र से संबंधित बहरापन
  • बचपन का संक्रमण जैसे मेग्निटाइटिस, मंप्स, स्कारलेट बुखार और मीजल्स
  • नियमित रूप से ऊंची आवाज के संपर्क में आना (निर्माण कार्य या ऑफिस के कार्य से आने वाली आवाजें)
  • कुछ दवाओं के इस्तेमाल से।

आपको जन्मजात बहरापन हो सकता है। इसके कारण निम्नलिखित हैं:

  • जन्मदोष की वजह से कान के ढांचे में बदलाव आना।
  • जेनेटिक कंडिशन्स
  • गर्भाशय में मां से भ्रूण में संक्रमण फैलना (रुबेला, हर्पीस या टोक्सोप्लासमोसिस (Toxoplasmosis)

और पढ़ें : यूटेरिन प्रोलैप्स: गर्भाशय क्यों आ जाता है अपनी जगह से नीचे?

चोट के कारण होने वाला बहरापन, जिसके कारण निम्नलिखित हैं:

  • कान के पर्दे के बाहर और अंदर में दबाव में अंतर, जो अक्सर स्कूबा डाइविंग होता है।
  • खोपड़ी का फ्रैक्चर (यह कान की तंत्रिकाओं के ढांचे को क्षतिग्रस्त या नुकसान पहुंचा सकता है)
  • विस्फोट, आगजनी, गोलियां चलने, पहाड़ टूटने और ईयरफोन से पहुंचने वाला आघात या ट्रामा।
  • जोखिम

    किन कारकों से बहरापन होने का खतरा बढ़ता है? (Risk factor of Hearing loss)

    निम्नलिखित कारकों से बहरापन होने का खतरा रहता है:

    • अधिक उम्र: उम्र के हिसाब से कान का अंदरूनी कोमल ढांचे को नुकसान पहुंचता है।
    • तेज आवाज: तेज आवाज के संपर्क में आने से कान की आंतरिक कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। लंबे वक्त तक तेज आवाज के संपर्क में रहने से नुकसान हो सकता है। इसके अतिरिक्त, कम वक्त के लिए होने वाली विस्फोटक आवाज जैसे गोली चलने से बहरापन हो सकता है।
    • आनुवांशिकता: आनुवांशिक (Hereditary) कारणों से ध्वनियों के संपर्क में आने से कान के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ता है या उम्र से कान की कोशिकाओं का डिजेनेरेशन होता है।
    • व्यावसायिक आवाजें: ऐसे व्यावसायिक कार्य, जिसमें आप नियमति रूप से तेज आवाजों के संपर्क में आते हैं। जैसे खेती, निर्माण कार्य या फैक्ट्री का काम आपके कान को अंदरूनी रूप से नुकसान पहुंचाता है।
    • रिक्रिएशनल आवाजें: विस्फोटक आवाजों के संपर्क में आना, जैसे हथियार और विमान के इंजन से आपके कान को तत्काल या स्थाई रूप से नुकसान पहुंच सकता है। अन्य रिक्रिएशनल एक्टिविटी से आने वाली आवाजों का खतरनाक स्तर जैसे स्नोमोबाइलिंग, मोटरसाइकिलिंग या तेज आवाज में संगीत सुनना शामिल हैं।
    • कुछ दवाओं का सेवन: एंटीबायोटिक जेंटामाइसिन और कुछ कीमोथेरिपी (Chemotherapy) दवाइयां आपके कान को अंदरूनी रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं। अस्थाई प्रभाव के रूप में कान बजना या बहरापन एस्पिरिन (Aspirin) का ऊंचा डोज लेने से हो सकता है। मलेरिया या लूप डियूरेटिक दवाइयों से भी आपको बहरापन हो सकता है।
    • कुछ बीमारियां: बीमारियां, जिनमें आपको तेज बुखार (Fever) आता है, जैसे मेनिंजाइटिस (Meningitis) आपके कान के कोचेलिआ को क्षतिग्रस्त कर सकता है।

    उपचार

    यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

    बहरापन का निदान कैसे किया जाता है? (How Hearing loss is diagnosed?)

    निम्नलिखित टेस्ट के माध्यम से बहरेपन का पता लगाया जा सकता है:

    • फिजिकल जांच: डॉक्टर आपके कान में बहरेपन के संभावित कारणों जैसे ईयर वैक्स या संक्रमण (Infaction) से होने वाली सूजन की जांच कर सकता है। साथ ही डॉक्टर बहरापन को लेकर ढांचागत कारणों की जांच भी कर सकता है।
    • सामान्य स्क्रीनिंग टेस्ट (Screening test): इस जांच में डॉक्टर आपके एक कान को बंद करके विभिन्न ध्वनियों को अलग-अलग स्तर पर सुना सकता है। इससे यह पता चलेगा कि आप इन ध्वनियों के प्रति क्या रिस्पॉन्स देते हैं।
    • ट्युनिंग फोर्क टेस्ट (Tuning fork tests): ट्युनिंग फोर्क मेटल के दो औजार हैं। इनको आपस में टकराने से ध्वनियां पैदा होती हैं। सामान्य ट्युनिंग फोर्क टेस्ट के जरिए डॉक्टर को बहरापन का पता लगाने में मदद मिलेगी।
    • ट्युनिंग फोर्क टेस्ट से यह भी पता चलता है कि आपको बहरापन मध्यम कान में कंपन्न हिस्से के क्षतिग्रस्त होने, सेंसर के क्षतिग्रस्त होने या कान की आंतरिक तंत्रिका के क्षतिग्रस्त होने या दोनों के क्षतिग्रस्त होने से हुआ है।
    • ऑडियोमीटर टेस्ट: इन जांचों के दौरान एक ऑडियोलॉजिस्ट (Audiologist) आपको ईयरफोन (Ear phone) पहनाएगा और एक कान से म्यूजिक को सीधे सुनाएगा। ऑडियोलॉजिस्ट विभिन्न प्रकार की ध्वनियों को सुनाएगा और हर बार सुनाई देने वाले म्यूजिक की तरफ इशारा करने के लिए कहेगा। प्रत्येक ध्वनि को बेहोशी के स्तर पर सुनाया जाएगा, जिससे यह पता चल सके कि आपके लिए सुनना कब मुश्किल होता है। साथ ही ऑडियोलॉजिस्ट विभिन्न प्रकार के शब्दों को सुनाएगा, जिससे आपकी सुनने की क्षमता का आंकलन किया जा सके।

    और पढ़ें : क्या म्यूजिक और स्ट्रेस का है आपस में कुछ कनेक्शन?

    बहरापन का इलाज कैसे किया जाता है?

    निम्नलिखित तरीकों से बहरापन का इलाज किया जाता है?

    • कान का मैल साफ करना: कान में जमा हुआ मैल या ईयर वैक्स बहरापन का कारण होता है। आपका डॉक्टर तेल की सहायता से इसे ढीला कर सकता है। इसके बाद ईयर वैक्स के ढीला होने पर इसे निकाल दिया जाता है।
    • सर्जिकल प्रक्रिया: यदि आपके कान में चोट लगी है या इंफेक्शन दोबारा हुआ है, जिसमें कान को साफ करने के लिए एक छोटी नली डालने की आवश्यकता हो। ऐसे मामलों में सर्जरी करना जरूरी होता है।
    • कान की मशीन: कान में अंदरूनी नुकसान की वजह से बहरापन आने पर आपको मशीन दी जा सकती है। यह मशीन ध्वनियों को मजबूत बना देती है, जिससे आपको इन्हें सुनने में आसानी होती है। कान की मशीन के संभावित फायदों को लेकर ऑडियोलॉजिस्ट से सलाह लें। ऑडियोलॉजिस्ट आपके अनुरूप एक कान की मशीन की सलाह दे सकता है।
    • कोचलियर इम्प्लांट (Cochlear implant): यदि आपको गंभीर रूप से बहरापन हुआ है तो कोचलियर इम्प्लांट आपके लिए एक विकल्प हो सकता है। कान की मशीन आवाजों को सीधे आपकी ईयर कैनाल में लेकर जाता है। वहीं, कोचलियर इम्प्लांट क्षतिग्रस्त हुआ हिस्से की भरपाई करता है या अंदरूनी कार्य के काम न करने वाले हिस्से में फायदेमंद साबित होता है। यदि आप कोचलियर इम्प्लांट पर विचार कर रहे हैं तो अपने कान विशेषज्ञ डॉक्टर के साथ इसके संभावित फायदों और नुकसान के संबंध में सलाह अवश्य लें।

    घरेलू उपाय

    जीवन शैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे बहरापन को ठीक करने में मदद कर सकते हैं? (Healthy lifestyle to avoid hearing loss)

    निम्नलिखित घरेलू उपाय आपको बहरापन में राहत प्रदान करने में मदद करेंगे:

    • कान में ईयर वैक्स जमने पर आप नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह पर एक सिरिंज के जरिए गुनगुने पानी से इसे निकाल सकते हैं। यदि आपके कान में ईयरवैक्स सख्त और फंसा हुआ है तो ईयरवैक्स को ढीला करने वाली दवाइयों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
    • कान साफ करते वक्त हमेशा अतिरिक्त रूप से सावधानी बरतें। कान की सफाई में परेशानी आने पर अपने डॉक्टर की मदद लें। घर पर कान साफ करते वक्त किसी भी प्रकार का नुकीला या धारदार औजार या इंस्ट्रूमेंट इस्तेमाल न करें।
    • तेज आवाज से बचें: बहरापन का एक सबसे बड़ा कारण होता है तेज आवाज के संपर्क में आना। लगातार तेज आवाज में संगीत या मशीनरी की आवाज सुनने से आपको बहरापन हो सकता है। बहरापन से बचने के लिए आपको तेज आवाज के प्रति काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप तेज आवाज के संपर्क में आने से बचें और अपने कानों की सुरक्षा करें।
    • पोषण युक्त डायट लें: बहरापन को रोकने के लिए आपको एक हेल्दी डायट लेना बेहद ही जरूरी होता है। यह सुनिश्चित करें कि आपके प्रतिदिन के खानपान में विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और सप्लिमेंट्स शामिल हों, जो रक्त के प्रवाह में मदद करते हैं और फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं।
    • हीयरिंग एक्सरसाइज करें: जब आपको बहरापन होता है तो ध्वनि के स्रोत का स्थान और ध्वनि फिल्टरिंग दो अहम समस्या होती हैं। इनसे बचने के लिए आपको अपने कानों को मल्टिपल साउंड और ध्वनियों की स्थितियों में ट्रेंड करने की जरूरत है। इससे आप जो आवाज सुनना चाहते हैं, उस पर फोकस करने में मदद मिलेगी। इस एक्सरसाइज में आपको विभिन्न आवाजों के बीच एक आवाज के स्रोत या दिशा को पहचानने पर अपना ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है।

    इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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