परिचय
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस क्या है? (What is Spondylolisthesis)
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस हड्डियों से संबंधित एक प्रकार की समस्या है। जिसमें पीछे की एक हड्डी (Vertebra) नीचे की हड्डी पर खिसक जाती है। ऐसा ज्यादातर लोअर स्पाइन में होता है। कई मामलों में तो स्पाइनल कॉर्ड या नर्व रूट खिंच जाती है। स्पॉन्डिलोलिसथेसिस के कारण कमर और पैरों में दर्द होता है। कुछेक मामलों में व्यक्ति गॉलब्लैडर और आंतों पर अपना नियंत्रण खो देता है। ऐसी स्थिति में आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। वहीं, कभी-कभी वर्टिब्रा के खिसक जाने के बाद भी कई सालों तक लक्षण सामने नहीं आते हैं, लेकिन लक्षण जब सामने आते हैं तो आप के कमर और नितंबों में दर्द होता है। साथ ही लंगड़ाने जैसी समस्या भी हो सकती है।
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस कितनी तरह का होता है? (Types of Spondylolisthesis)
यह निम्नलिखित चार तरह के होते हैं।
कॉनजेनाइटल स्पॉन्डिलोलिसथेसिस- यह जन्म के समय से ही होता है। यह एब्नॉर्मल बोन फॉर्मेशन के कारण होता है। इस स्थिति में वर्टिब्रा स्लिप होने की संभावना ज्यादा होती है।
स्थीमिक स्पॉन्डिलोलिसथेसिस- यह वर्टिब्र ब्रेक (स्ट्रेस फ्रेक्चर) होने की स्थिति में होता है।
डीजेनेरेटिव स्पॉन्डिलोलिसथेसिस- यह सबसे सामान्य डिसऑर्डर माना जाता है।
कम सामान्य वाले स्पॉन्डिलोलिसथेसिस भी होते हैं।
जैसे- ट्रॉमेटिक स्पॉन्डिलोलिसथेसिस- इसमें इंजुरी स्पाइनल तक पहुंच जाती है।
पथोलॉजिकल स्पॉन्डिलोलिसथेसिस- किसी खास बीमारी जैसे ऑस्टियोपोरोसिस के कारण स्पाइन अत्यधिक कमजोर होने के कारण होता है।
पोस्ट-सर्जिकल स्पॉन्डिलोलिसथेसिस- स्पाइनल सर्जरी के बाद पोस्ट-सर्जिकल स्पॉन्डिलोलिसथेसिस की परेशानी हो सकती है।
कितना सामान्य है स्पॉन्डिलोलिसथेसिस होना? (How common is spondylolisthesis?)
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस होना बहुत सामान्य है। ये मरीज को किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकता है। यह परेशानी बैक पेन कारण शुरू होती है। डीजेनेरेटिव स्पॉन्डिलोलिसथेसिस प्रायः 40 साल की उम्र के बाद होती है। इसलिए ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात कर लें।
लक्षण
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of spondylolisthesis?)
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस में कई तरह के लक्षण सामने आते हैं :
- कमर दर्द या नितंबों में दर्द
- कमर के साथ दोनों पैरों में दर्द
- पैरों का कमजोर होना और सुन्नपन महसूस होना
- चलने में समस्या होना
- पैर, कमर या नितंब में दर्द के साथ ऐंठन होना
- आंत और ब्लैडर पर नियंत्रण खो देना।
ऐसी शारीरिक परेशानी होने पर सतर्क हो जायें और जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर आप में ऊपर बताए गए लक्षण सामने आ रहे हैं तो डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही स्पॉन्डिलोलिसथेसिस से संबंधित किसी भी तरह के सवाल या दुविधा को डॉक्टर से जरूर पूछ लें। क्योंकि हर किसी का शरीर स्पॉन्डिलोलिसथेसिस के लिए अलग-अलग रिएक्ट करता है।
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस एक्सपर्ट इस बीमारी को अलग-अलग ग्रेड में रखते हैं। जैसे-
ग्रेड I- 1 % से 25 % स्लिप
ग्रेड II- 26 % से 50 % स्लिप
ग्रेड III- 51 % से 75 % स्लिप
ग्रेड IV- 76 % से 100 % स्लिप
यह जानकारी हेल्थ एक्सपर्ट को स्पाइनल X-रे से मिलती है। ग्रेड I और ग्रेड II की स्थिति में सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है और मेडिकल ट्रीटमेंट से यह ठीक हो सकता है। वहीं ग्रेड III और ग्रेड IV की स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।
कारण
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस होने के कारण क्या है? (Causes of spondylolisthesis)
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस का कारण उम्र, आनुवंशिकता और लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है। कभी-कभी ये जन्म के समय हुई इंजरी के कारण भी हो सकता है। वहीं, स्पॉन्डिलोलिसथेसिस आनुवंशिक भी हो सकता है। कभी-कभी ये स्पोर्ट्स खेलने के कारण भी हो सकता है। जैसे- फुटबॉल, जिमनास्टिक्स, ट्रैकिंग या वेटलिफ्टिंग करने के दौरान कमर या कमर के नीचे के हिस्से में तनाव आ जाता है। स्पॉन्डिलोलिसिस अक्सर आगे चल कर स्पॉन्डिलोलिसथेसिस बन जाता है। स्पॉन्डिलोलिसिस तब होता है जब वर्टिब्रा फ्रैक्चर हो जाती है।
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जोखिम
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस के साथ कई तरह के जोखिम हैं, जैसे :
- कमर से संबंधित समस्याओं का पारिवारिक इतिहास, यानी कि परिवार में पहले से किसी को कमर से जुड़ी परेशानी रही हो।
- स्पॉन्डिलोलिसिस के कारण पार्स इंटरआर्टिकुलेरिस बोन में विकृति आना
- परिवार में किसी के स्पाइन में ट्राॅमा होना
- एथलीट्स द्वारा स्पाइन पर ज्यादा जोर लगाने के कारण स्पॉन्डिलोलिसथेसिस की समस्या होना
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस का निदान कैसे किया जाता है? (How is spondylolisthesis diagnosed?)
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस की पहचान पहले शारीरिक जांच से होती है। अगर आपको स्पॉन्डिलोलिसथेसिस है तो आपको साधारण एक्सरसाइज के दौरान आपको पैर सीधे उठाने में भी समस्या होगी। ऐसे में डॉक्टर आपके लोअर स्पाइन का एक्स-रे निकलवाते हैं। ताकि वे जान सके कि कहीं वर्टिब्रा खिसक तो नहीं गया है। इसके साथ ही एक्स-रे में डॉक्टर यह भी सुनिश्चित करते हैं कि कहीं कोई फ्रैक्चर तो नहीं हुआ है। इसके बाद भी अगर डॉक्टर को कोई संदेह रहता है को वह सीटी स्कैन के लिए कहते हैं।
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस का इलाज कैसे होता है? (How is spondylolisthesis treated?)
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस का सबसे पहला इलाज है कि ऐसी शारीरिक क्रियाएं बंद कर देनी चाहिए जिससे आपका वर्टिब्रा डैमेज होने का खतरा हो। वहीं, दर्द से राहत पाने के लिए नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेट्री दवाएं (आईब्रूफेन ) लेनी चाहिए। 20 साल से कम उम्र के लोगों को एस्पिरीन नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे रेये सिंड्रोम होने का खतरा रहता है। एसीटाअमीनोफेन दर्द से राहत दिलाता है। दूसरी तरफ डॉक्टर पेट और पीठ की मांसपेशियों को मजबूती देने के लिए फिजिकल थेरेपी की जरूरत होती है।
जब आपको हड्डियों में लगातार दर्द होता है तो सर्जरी करने के लिए डॉक्टर बोलते हैं। सर्जरी में सर्जन उस हड्डी या टीश्यू को काट कर निकाल देते हैं, जो स्पाइनल कॉर्ड या नर्व पर प्रेशर डालता है। सर्जरी के बाद आपको चलने फिरने में आसानी होती है।
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घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले बदलाव, जो मुझे स्पॉन्डिलोलिसथेसिस को ठीक करने में मदद कर सकते हैं? (lifestyle changes for spondylolisthesis?)
स्पॉन्डिलोलिसथेसिस के लिए घरेलू इलाज के तौर पर दर्द वाले स्थान पर बर्फ से सेंकाइ करें। इसके अलावा दर्द की दवाएं भी डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ले सकते हैं। इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और स्पॉन्डिलोलिसथेसिस से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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