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कलाई में दर्द की तकलीफ कहीं किसी गंभीर बीमारी को न्योता ना दे दे!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/06/2021

    कलाई में दर्द की तकलीफ कहीं किसी गंभीर बीमारी को न्योता ना दे दे!

    कई बार हम सभी अपने आसपास के लोगों से यह कहते हुए सुनते हैं कि उनके कलाई में बहुत दर्द है। ऐसा दरअसल कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने या हाथों पर ज्यादा दबाव की वजह हो सकता है। आज इस आर्टिकल में कलाई में दर्द (Wrist pain) की तकलीफ से जुड़ी समस्याओं के बारे में समझने और कलाई में दर्द का इलाज कैसे किया जाता है, यह समझेंगे।

    • कलाई में दर्द (Wrist pain) क्या है?
    • कलाई में दर्द के लक्षण क्या हैं?
    • कलाई में दर्द के कारण क्या हैं?
    • कलाई में दर्द का बचाव कैसे किया जा सकता है?
    • कलाई में दर्द की तकलीफ को दूर करने के लिए कौन-कौन से टेस्ट किये जा सकते हैं?
    • कलाई में दर्द का इलाज कैसे किया जाता है?
    • कलाई में दर्द की तकलीफ को दूर करने के लिए घरेलू उपाय क्या हैं?
    • रिस्ट पेन की समस्या होने पर किन-किन चीजों से करें परहेज? 

    कलाई में दर्द (Wrist pain) क्या है?

    कलाई में दर्द (Wrist pain)

    कलाई में दर्द एक तरह की समान्य परेशानी है, जो प्रायः मोच या फ्रैक्चर होने की वजह से हो सकती है। वैसे इन कारणों के अलावा ज्यादा वक्त तक कंप्यूटर या लेपटॉप पर काम करना भी हो सकता है। हालांकि अगर इस सामान्य सी परेशानी पर जल्द ध्यान न दिया गया तो पेशेंट की परेशानी बढ़ सकती है और भविष्य में गठिया (Arthritis) या कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome) जैसी बीमारियों के होने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए ऐसी किसी भी बीमारियों से बचने के लिए कलाई में दर्द के लक्षणों को समझना बेहद जरूरी होता है।

    और पढ़ें : Septic Arthritis: सेप्टिक गठिया क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

    कलाई में दर्द के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Wrist pain)

    रिस्ट पेन यानी कलाई में दर्द के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। इन लक्षणों में शामिल है:

    • जब आप कलाई को मूव करते हैं यानी जब कलाई को घुमाने के दौरान दर्द महसूस होना।
    • कलाई के मूवमेंट के साथ ही चटकने की आवाज आना
    • कलाई और इसके आसपास के हिस्से पर नीला पड़ना।
    • हाथ से कोई काम करने में तकलीफ महसूस होना या हाथों से काम करने में असमर्थ होना।
    • हाथों की उंगलियों में दर्द होना या अकड़न महसूस होना।
    • कलाई में दर्द तेज या तकलीफ होने पर हाथ का सुन्न होना

    इन ऊपर बताये लक्षणों के अलावा अन्य लक्षण भी महसूस किये जा सकते हैं। इसलिए अगर आपको कोई भी लक्षण समझ आते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

    डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?

    अगर किसी व्यक्ति को ऊपर बताये लक्षण निम्नलिखित स्थिति महसूस होती है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जैसे:

    • दर्द की वजह से किसी भी वस्तु को पकड़ने में कठिनाई होना या हाथों से काम नहीं कर पाना।
    • रोजमर्रा के काम काज में परेशानी होना।
    • हाथों में झनझनाहट होना या हाथों का सुन्न होना।
    • हाथों की सेंसेटिविटी कम होना

    यह हमेशा ध्यान रखें कि अगर कोई भी शारीरिक परेशानी महसूस होती है, तो उसे नजअंदाज नहीं करना चाहिए। किसी भी बीमारी का इलाज शुरुआत में करने से उस बीमारी को खत्म किया जा सकता है।

    इस आर्टिकल में आगे जानेंगे की रिस्ट पेन (Wrist pain) की तकलीफ किन कारणों की वजह होती है, जिससे ऐसी किसी भी बीमारी को दस्तक देने से रोका जा सके।

    और पढ़ें : Bone Marrow Cancer: बोन मैरो कैंसर क्या है और कैसे किया जाता है इसका इलाज?

    कलाई में दर्द के कारण क्या हैं? (Cause of Wrist pain)

    शरीर में मौजूद हड्डियां पिलर की तरह काम करती हैं। अगर शरीर के किसे भी अंग की हड्डियां कमजोर पड़ने लगे या इन हड्डियों में कोई परेशानी महसूस हो, तो समझ जाइये कि अब आपकी तकलीफ बढ़ने वाली है। ठीक उसी तरह कलाई भी 8 अलग-अलग हड्डियों से मिलकर बनी है, जिससे हमसभी काम करते हैं। अगर कलाई से संबंधित कोई परेशानी शुरू हो जाए, तो सोचिये ये कितनी गंभीर परिथिति पैदा कर सकती है। इसलिए इसके कारणों को समझना अत्यधिक आवश्यक है। कलाई में दर्द (Wrist pain) के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे:

    1. किसी भी कारण चोट लगना
    2. हाथों में मोच आना या फ्रैक्चर होना
    3. ज्यादा देर तक कंप्यूटर या मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना
    4. पहले से गठिया की बीमारी होना

    कलाई में दर्द (Wrist pain) के ये चार मुख्य कारण माने जाते हैं, लेकिन कभी-कभी वजन बढ़ने की वजह से भी कलाई में दर्द की समस्या हो सकती है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार वजन बढ़ने की वजह से कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome) की समस्या हो सकती है। कार्पल टनल सिंड्रोम भी कलाई में दर्द से संबंधित शारीरिक परेशानी है।

    कलाई में दर्द का निदान कैसे किया जा सकता है? (Diagnosis of Wrist pain)

    रिस्ट पेन (Wrist pain) के इलाज से पहले और बीमारी की गंभीरता को देखते हुए निम्नलिखित टेस्ट की सलाह दे सकते हैं या डॉक्टर खुद फिजिकल चेकअप कर सकते हैं। जैसे:

    • कलाई को 60 सेकंड के लिए आगे की ओर बेंड करना। इससे कलाई या हाथों में होने वाली सुन्नता या झनझनाहट की स्थिति को समझा जा सकता है।
    • कलाई के बीचोबीच नर्व को दबाकर देखना। ऐसा करने से नर्व पेन की स्थिति को समझा जा सकता है।
    • किसी वस्तु को होल्ड करना। ऐसा करने से डॉक्टर आपके हाथों के ग्रिप को समझ सकते हैं।
    • कलाई की एक्स-रे (X-Ray) – एक्स-रे से जॉइंट्स और हड्डी की स्थिति की जानकारी मिल जाती है।
    • एलेक्ट्रोग्राफी (Electromyography)- इस टेस्ट से नर्व की स्थिति का पता लगाया जाता है।
    • नर्व कंडक्शन वेलोसिटी टेस्ट (Nerve conduction velocity test)- इस टेस्ट से भी नर्व की जानकारी ली जाती है।
    • जॉइंट्स के फ्लूइड का भी टेस्ट किया जा सकता है, जिससे कैल्शियम की जानकारी मिल सकती है।
    • इन ऊपर बताये टेस्ट के अलावा ब्लड टेस्ट (Blood test) और यूरिन टेस्ट (Urine test) की भी सलाह डॉक्टर दे सकते हैं।

    डॉक्टर द्वारा बताये गए टेस्ट को अवश्य करवायें। इसे इग्नोर ना करें।

    और पढ़ें : Carpal Tunnel Syndrome Surgery : कार्पल टनल सिंड्रोम सर्जरी क्या है?

    कलाई में दर्द का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment forWrist pain)

    कलाई में दर्द का इलाज कारणों के आधार पर किया जाता है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति को कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal tunnel syndrome), गाउट (Gout) या फिर कलाई में चोट (Wrist injury) लगी है, तो निम्नलिखित तरह से इलाज किये जा सकते हैं।

    कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal tunnel syndrome) होने पर कलाई में दर्द का इलाज इस प्रकार किया जा सकता है। जैसे: 

  • कलाई के सूजन और दर्द को कम करने के लिए कलाई का ब्रेस या स्प्लिंट (Wrist brace or Splint) पहनने की सलाह देते हैं।
  • 10 से 20 मिनट के लिए गर्म पानी का सेक या आइस पैक से सिकाई करना।
  • दर्द को कम करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेट्री जैसे आईब्रूफेन (Ibuprofen) या नेप्रोक्सिन (Naproxen) लेने की सलाह डॉक्टर देते हैं।
  • अगर तकलीफ अत्यधिक है, तो सर्जरी की सलाह दी जा सकती है।
  • गाउट (Gout) होने पर कलाई में दर्द का इलाज इस प्रकार किया जा सकता है। जैसे:

    • डॉक्टर एंटी-इंफ्लेमेट्री मेडिसिन जैसे आइबुप्रोफेन (Ibuprofen) या नेप्रोक्सिन (Naproxen) प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। ध्यान रखें अपनी मर्जी से इन दवाओं का सेवन न करें।
    • ढ़ाई से तीन लीटर पानी का सेवन रोजाना करें।
    • अत्यधिक फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
    • एल्कोहॉल का सेवन न करें

    कलाई में चोट (Wrist injury) होने पर कलाई में दर्द का इलाज इस प्रकार किया जा सकता है। जैसे:

    • रिस्ट स्प्लिंट पहनना
    • कलाई को रिलैक्स रखना
    • आइबुप्रोफेन (Ibuprofen) या एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब करना
    • दर्द वाले स्थान पर आइस पैक से सिकाई करना

    नोट: अगर आपको आर्थ्राइटस है, तो फिजिकल थेरिपिस्ट से कंसल्ट करना चाहिए। फिजिकल थेरिपिस्ट पेशेंट को कुछ खास तरह के हैंड एंड रिस्ट वर्कआउट (हाथ और कलाई के लिए एक्सरसाइज) की सलाह दे सकते हैं।

    और पढ़ें : शरीर में होने वाले दर्द और सूजन के इलाज के लिए फायदेमंद है फिजियोथेरिपी

    कलाई में दर्द (Wrist pain) की तकलीफ को दूर करने के लिए घरेलू उपाय क्या हैं?

    रिस्ट पेन की तकलीफ को दूर करने के लिए या इस परेशानी से बचने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपाय किये जा सकते हैं। इन घरेलू उपायों में शामिल है:

    • कलाई को रिलैक्स रखें या दर्द महसूस होने पर हाथों और कलाई को आराम दें।
    • दर्द महसूस होने पर या सूजन होने पर आइस पैक या बर्फ को कपड़े में लपेटकर सिकाई करें। ऐसा करने से सूजन कम होने के साथ-साथ दर्द से भी राहत मिल सकती है।
    • बैंडेज से कलाई को बांधकर रखें या फिर स्पलिंट पहनें।
    • स्नान करने के लिए गुनगुने पानी का उपयोग करें। इससे कलाइयों की जकड़न दूर होगी।
    • अगर कलाई पर सूजन ज्यादा है, तो एक्सरसाइज ना करें।
    • अगर आप टाइपिंग करते हैं, तो कीबोर्डी ज्यादा डिस्टेंस और ज्यादा उचाई पर ना रखें। यह ध्यान रखें कि टाइपिंग के दौरान बीच-बीच में रुकें और हाथों को रिलैक्स करें।
    • ढ़ाई से तीन लीटर पानी का सेवन रोजाना करें। पानी के सेवन से बॉडी में मौजूद टॉक्सिन को यूरिन के माध्यम से बाहर निकालने में सहायता मिलती है। वहीं शरीर के लिए ल्‍यूब्रीकेंट की तरह भी काम करता है। इससे कलाई के दर्द में भी राहत मिल सकती है।
    • रेग्यूलर डायट में ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों जैसे मछली या अखरोट शामिल करें। इससे जोड़ों के दर्द और सूजन दूर करने में सहायता मिल सकती है।
    • हरी पत्तेदार सब्जियां, विटामिन सी (ब्रोकली, संतरा, स्ट्रॉबेरी आदि) और विटामिन ई (सरसों का साग, सूरजमुखी के बीज, बादाम, पालक आदि) से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। वहीं एंटीऑक्सिडेंट युक्त खाद्य पदार्थों से सूजन जैसी तकलीफ को दूर करने में मदद मिलती है।

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    रिस्ट पेन की समस्या होने पर किन-किन चीजों से करें परहेज?

    • अत्यधिक तले, फैटी फूड, रेड मीट, ऑयल, सोडा और शुगर का सेवन कम से कम करें।
    • रिफाइंड शुगर, प्रोसेस्ड फूड और पैक किये हुए खाद्य पदार्थ।
    • सूजन होने की स्थिति में मक्का से बने खाद्य पदार्थ, ग्लूटेन, डेरी प्रोडक्ट, यीस्ट, अंडे, आलू, टमाटर और बैंगन जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

    इन ऊपर बताये घरेलू उपायों को ध्यान में रखें कलाई में दर्द की तकलीफ से बचें। अगर आप कलाई में दर्द (Wrist pain) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

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