के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
बाइकार्बोनेट टेस्ट एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है। जिसे सीओ2 टेस्ट (CO2 test) भी कहते हैं। इस टेस्ट से खून में इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा या खून में एसिडिटी (pH) में हो रहे बदलाव की जांच की जाती है।
शरीर में बहुत ज्यादा बाइकार्बोनेट या बहुत कम बाइकार्बोनेट निम्नलिखित स्थितियों का संकेत हो सकता है:
बाइकार्बोनेट टेस्ट परीक्षणों की एक श्रृंखला का एक हिस्सा है, इसका उपयोग किडनी की जांच (Renal Profile) के लिए किया जाता है। बाइकार्बोनेट टेस्ट आपके रूटीन चेकअप का हिस्सा है। आमतौर पर यह एक बड़े इलेक्ट्रोलाइट परीक्षण का हिस्सा है जो आपके चिकित्सक को बताता है कि आपके शरीर में सोडियम, पोटेशियम और क्लोराइड कितना है। इस टेस्ट को निम्न लक्षण सामने आने के बाद आपके डॉक्टर कराने के लिए कहते हैं।
ये सभी लक्षण इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस या एसिडोसिस या एल्कैलोसिस होने की संभावना होती है।
यदि आपको लिवर, लंग्स या डायजेस्टिव सिस्टम संबंधित कोई परेशानी है तो भी आपका डॉक्टर यह पता करने के लिए कि दवा काम कर रही है या नहीं बाइकार्बोनेट टेस्ट कराने की सलाह दे सकता है।
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बाइकार्बोनेट टेस्ट या कार्बन डाइऑक्साइड टेस्ट खून में बाइकार्बोनेट का लेवल की जांच में मददगार होता है। इस टेस्ट के जरिए ही खून में एसिड या बाइकार्बोनेट की कितनी मात्रा है, इसका पता चलता है। बाइकार्बोनेट टेस्ट से किडनी रोग, फेफड़े से संबंधित रोग और मेटाबॉलिक कंडीशन के बारे में भी पता लगाया जाता है। बाइकार्बोनेट टेस्ट में ब्लड सैंपल को जांच के लिए लैब में भेजा जाता है।
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कुछ दवाएं खून में बाइकार्बोनेट की मात्रा को बढ़ा देती हैं, जैसे- फ्लूड्रॉचॉर्टिसोन, बार्बिट्यूरेट्स, बाइकार्बोनेट्स, हाइड्रोकॉर्टिसोन, लूप डाईयूरेटिक्स और स्टेरॉइड्स। इसके अलावा कुछ दवाएं ऐसी भी हैं जो बाइकार्बोनेट की मात्रा को खून में घटा भी देती हैं, जैसे- मेथिसिलीन, नाइट्रोफ्यूरेंटोइन, टेट्रासाइकलिन, थियाएजाइड डाइयूरेटिक और ट्राइएमेटीरीन। इसलिए डॉक्टर आपसे पूछ सकते हैं कि आप कौन सी दवाएं ले रहे हैं। कार्बन डाइऑक्साइड टेस्ट (बाइकार्बोनेट टेस्ट) भी आर्टेरिअल ब्लड गैस टेस्ट (ABG Test) के लिए धमनी से लिए गए खून के नमूने पर किया जा सकता है।
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बाइकार्बोनेट टेस्ट कराने से पहले आपको कुछ भी नहीं करना है। कई दवाएं इस टेस्ट को प्रभावित करते हैं।
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बाइकार्बोनेट टेस्ट की प्रक्रिया बेहद आसान है :
ब्लड का सैंपल लेने के बाद उसे जांच के लिए लैब में भेज दिया जाएगा। टेस्ट के बाद आप तुरंत सामान्य हो जाएंगे। आप चाहे तो तुरंत घर जा सकते हैं। किसी भी तरह की समस्या होने पर आप हेल्थ प्रोफेशनल से तुरंत बात करें। ब्लड टेस्ट का रिजल्ट आपको एक या दो दिन में मिल जाएगा।
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खून में बाइकार्बोनेट की नॉर्मल मात्रा 23-29 mEq/L (milliequivalents per liter) होती है। अलग-अलग लैब की रिपोर्ट अलग-अलग आ सकती है। इसलिए टेस्ट के रिजल्ट के बारे में अपने डॉक्टर से बात कर लें। जब बाइकार्बोनेट का लेवल खून में नॉर्मल से ज्यादा या कम होगा तो इसका मतलब है कि ब्लड में इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस है। इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस के कारण आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
जब आपके खून में बाइकार्बोनेट का लेवल कम होगा तो निम्न समस्याएं हो सकती हैं :
जब आपके खून में बाइकार्बोनेट का लेवल ज्यादा होगा तो निम्न समस्याएं हो सकती हैं :
वहीं, बता दें कि बाइकार्बोनेट की रिपोर्ट हॉस्पिटल और लैबोरेट्री के तरीकों पर निर्भर करती है। इसलिए आप अपने डॉक्टर से टेस्ट रिपोर्ट के बारे में अच्छे से समझ लें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में बाइकार्बोनेट टेस्ट से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां देने की कोशिश की है, जो आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताई गई कोई सी भी शारीरिक समस्या है तो आपको आपका डॉक्टर यह टेस्ट रिकमेंड कर सकता है। बाइकार्बोनेट टेस्ट से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं।
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