मूल बातें जानिए
कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) सर्जरी (Cataract Surgery) क्या है?
बढ़ती उम्र के चलते आंखों कमजोर पड़ जाती हैं और उसमें धुंधलापन आने लगता है, जिसे कैटरैक्ट यानी मोतियाबिंद भी कहते हैं। इससे व्यक्ति को धुंधला दिखाई देता है या फिर पास की चीजें देखने में परेशानी होती। कैटरैक्ट सर्जरी में आंखों के अंदर की फेडेड विटेरस (आंखों के अंदर की ग्लास लाइन) को निकाला जाता है। ज्यादातर इसे निकालकर नए आर्टिफिशियल ग्लास से बदल दिया जाता है।
कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) सर्जरी (Cataract Surgery) क्यों की जाती है?
बहुत लोगों को देखने में समस्या होती है, लेकिन देखने में समस्या होने का मतलब ये नहीं है कि कैटरैक्ट सर्जरी (Cataract Surgery) की जाएगी। इस सर्जरी को तब किया जाता है जब :
- कैटरैक्ट की वजह से आपको रोज के काम करने में दिक्कत आ रही हो। जैसे काम करते समय साफ न देख पाना, कार न चला पाना, हमेशा की तरह किताब न पढ़ पाना या टीवी न देख पाना या फिर खाना न पका पाना, गार्डनिंग न कर पाना, कोई नजदीक खड़ा हो इसके बाद भी न देख पाना और बहुत तेज रोशनी में आंखों में धुंधलापन महसूस होना। अगर आपको ये सभी चीजें हो रही हैं, तो आपको कैटरैक्ट सर्जरी के बारे में सोचना चाहिए।
- कैटरेक्ट बाकी आंखों की समस्याओं के इलाज के आड़े आ रहा हो।
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खतरे को समझें
कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) सर्जरी (Cataract Surgery) करने के क्या जोखिम है?
आप कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) सर्जरी कभी भी करवा सकते हैं। जरूरी नहीं कि आप नजर के धुंधला होने पर सर्जरी कराएं।
- कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) सर्जरी करने के बाद दोबारा यह परेशानी हो सकती है। ये परेशानी आती है, जब निकाले हुए लेंस की सेल्स ग्रो करने लगती है। इससे आपका विजन एक बार फिर धुंधला हो जाएगा और आपको मोतियाबिंद जैसी कंडिशन दोबारा झेलनी पड़ सकती है। इससे निजात पाने के लिए आपको लेजर सर्जरी भी करवानी पड़ सकती है।
सर्जरी करवाने से पहले आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। अगर मन में कोई सवाल हैं, तो अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। जैसा कि सभी सर्जरी में जोखिम होता है, वैसे ही इसमें भी कुछ जोखिम हैं। ये हर इंसान में अलग–अलग हो सकते हैं, इसलिए आप डॉक्टर से सर्जरी के असर और होने वाली परेशानियों के बारे में जानकारी जरूर लें।
कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) सर्जरी (Cataract Surgery) में ज्यादा दिक्कतें तो नहीं आती, लेकिन, कभी-कभी कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे :
- लैंस कवर का फटना।
- नए लैंस का सही जगह पर न बैठना या गलत तरह का लैंस लगना।
- आंखों में इंफेक्शन होना।
- रेटिना (आंखों के पीछे की पतली परत का ब्लड वेसल्स से अलग हो जाना) का हट जाना।
- आंखों के अंदर खून बहना। (कोरोइड लेयर में इंजरी) – इस कंडिशन में सर्जन सर्जरी बीच में ही रोक देंगे और आपसे किसी और दिन आने के लिए कहेंगे।
अगर इनमें से कोई भी दिक्कत आपको हो जाती है, तो आपको दोबारा सर्जरी करानी पड़ सकती है। इसलिए, सर्जन से इन परेशानियों के बारे में जरूर डिस्कस करें और डीटेल जानकारी लें।
सर्जरी करवाने से पहले समस्याएं और इससे जुड़े जोखिम को जानना बहुत जरूरी है। इसलिए, अपने डॉक्टर से अच्छे से जानकारी लें और अपने सारे सवाल पूछें।
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प्रक्रिया
कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) सर्जरी (Cataract Surgery) की तैयारी कैसे करूं?
- आपके डॉक्टर आपके हेल्थ की जांच करेंगे और ये देखेंगे कि आप सर्जरी के लिए तैयार हैं या नहीं। ऑप्थल्मोलॉजिस्ट (आंखों की बीमारियों के विशेषज्ञ) आपकी आंखों की रोशनी की जांच करेंगे। इससे ये पता चलेगा कि आपकी आंखों के लिए बेस्ट लेंस कौन-सा होगा, जो सर्जरी के बाद आपकी रोशनी को बेहतर बनाएगा।
- सर्जरी से पहले आपको सर्जरी से जुड़े सवाल की लिस्ट बना लेनी चाहिए, जैसे क्या कोई और तरीका है जिससे ये ऑपरेशन टाला जा सकता है, इस सर्जरी के रिस्क क्या है या फिर इससे क्या फायदा होगा। इन सभी के जवाब डॉक्टर्स आपको देंगे। अगर आप सहमत हों, तभी सर्जरी के कंसेंट फॉर्म पर साइन करें।
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कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) सर्जरी (Cataract Surgery) के दौरान क्या होता है?
कैटरैक्ट (मोतियाबिंद) सर्जरी में ज्यादा से ज्यादा 30 मिनट का समय लगता है। सर्जरी शुरू करने से पहले डॉक्टर आपकी आंखों में ड्रॉप्स डालेंगे, जिससे मसल्स रिलैक्स हो जाए। इससे आंखों को सही से देखा है जा सकता है और सर्जरी करने में आसानी होती है। आपकी आंखों में एनास्ठेटिक डाला जाएगा और आंखों को छोड़कर बाकि चेहरा साफ कपड़े से ढक दिया जाएगा। एक क्लैंप से आपकी आंखों को दूर किया जाएगा ताकि आंखें ऑपरेशन के समय ना झपकें।
जैसे ही एनेस्थीसिया असर करने लगेगी डॉक्टर आंखों के ऊपर कट्स लगाना शुरू कर देंगे। आप जाग रहे होंगे लेकिन आप देख नहीं पाएंगे। आपको हलकी रौशनी महसूस होगी लेकिन दर्द का एहसास नहीं होगा।
कैटरैक्ट सर्जरी (Cataract Surgery) का सबसे आम तरीका फाको सर्जरी ( emulsification cataract ) है। अल्ट्रासाउंड डिवाइस से सर्जन आंख के ग्लास को तोड़ देते हैं। आप डिवाइस की हल्की आवाज सुन सकते हैं। सर्जन निकाले हुए विटेरस डेब्रिस को बाहर कर देते है और लेंस कवर को रख लेते हैं। इसके बाद नया आर्टिफीशियल लैंस परमानेंट लगा दिया जाता है।
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रिकवरी
कैटरैक्ट सर्जरी के बाद क्या होता है ?
एनेस्थेसिया का असर कुछ घंटों रहेगा, जिससे दोबारा सेंसेस में आने में समय लगेगा। डॉक्टर्स आपको रात भर के लिए आंखों को एक प्रोटेक्टिव प्लेट से कवर करने के लिए भी कहेंगे।
आंखों में इंफेक्शन को रोकने के लिए डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक ड्रॉप्स भी देंगे। साथ ही आंखों में सूजन रोकने के लिए स्टेरॉइड्स भी दे सकते हैं। ड्रॉप्स और स्टेरॉइड्स दिन में कितनी बार लेनी है इसकी जानकारी सर्जन से जरूर लें।
सर्जरी के कुछ घंटो बाद ही आप घर जा सकते हैं। जब तक एनेस्थीसिया का असर कम न हो किसी साथी की मदद लें।
उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस सर्जरी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सपर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने सर्जन से जरूर पूछ लें।