फाइब्रोएडीनोमा एक तरह की गांठ है जो ब्रेस्ट (स्तन) में होता है। ऐसा भी नहीं है कि सभी गांठ फाइब्रोएडीनोमा ही हो। प्रायः फाइब्रोएडीनोमा और ब्रेस्ट कैंसर को एक ही समझ लेते हैं लेकिन, दोनों में अंतर होता है। फाइब्रोएडीनोमा कैंसर की तरह फैलता नहीं है और यह सिर्फ ब्रेस्ट तक ही सीमित रहता है। अगर आप स्तन की खुद से भी जांच करेंगी तब भी इसे महसूस कर सकती हैं। अगर स्तन जांच के दौरान किसी तरह की स्तन में गांठ समझ में आए तो यह फाइब्रोएडीनोमा हो सकती है।
क्या फाइब्रोएडीनोमा आम परेशानी है?
फाइब्रोएडीनोमा बुजुर्ग महिलाओं की तुलना में युवा महिलाओं में ज्यादा होता है लेकिन, फाइब्रोएडीनोमा किसी भी उम्र की महिला को हो सकता है। कारणों को समझकर इसे ठीक किया जा सकता है। अपने डॉक्टर से बात कर के जानकारी हासिल की जा सकती है।
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फाइब्रोएडीनोमा के लक्षण क्या हैं?
जब आप स्तन की त्वचा पर प्रेस करते हैं, तो आपको फाइब्रोएडीनोमा महसूस होगा। फाइब्रोएडीनोमा का सबसे सामान्य लक्षण है स्तन में अलग-अलग जगहों पर गांठें। फाइब्रोएडीनोमा से किसी प्रकार का कोई दर्द नहीं होता है और यह दबाने पर एक जगह से दूसरी जगह आसानी से जा सकता है।फाइब्रोएडीनोमा का आकर अलग-अलग हो सकता है। इसके अलावा भी कुछ और लक्षण हो सकते हैं इसलिए अगर आपको कोई लक्षण नजर आ रहे हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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हमें डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
स्तन में किसी प्रकार का बदलाव या गांठ समझ आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
किन कारणों से होता है फाइब्रोएडीनोमा?
फाइब्रोएडीनोमा क्यों होता है इसका सटीक कारण आज भी पता नहीं चल सका है। रिसर्च के अनुसार हॉर्मोन की वजह से फाइब्रोएडीनोमा बन सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार फाइब्रोएडीनोमा रीप्रोडक्टिव हॉर्मोन की वजह से हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान ये बड़े हो सकते हैं या फिर हॉर्मोन थेरेपी की वजह से भी ऐसा हो सकता है। मेनोपॉज के बाद फाइब्रोएडीनोमा का आकर छोटा भी हो सकता है।
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किन-किन कारणों से बढ़ सकता है फाइब्रोएडीनोमा?
कई ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से फाइब्रोएडीनोमा होने के आसार बढ़ सकते हैं, जैसे:
- एस्ट्रोजेन थेरेपी या हॉर्मोन थेरेपी
- प्रेग्नेंसी
- ब्रेस्टफीडिंग
- बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन
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निदान और उपचार को समझें
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
फाइब्रोएडीनोमा की जांच के लिए डॉक्टर सबसे पहले स्तनों की जांच करते हैं। बीमारी की सही जानकारी के लिए ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड भी की जा सकती है। स्तन में गांठ होने पर सूई की मदद से या फिर बायोप्सी की जा सकती है। बायोप्सी या सिरिंज की मदद से गांठ के एक टुकड़े की जांच की जाती है। माइक्रोस्कोप की मदद से गांठ में किस तरह का फाइब्रोएडीनोमा है या कैंसर है। इसकी जानकारी मिल जाती है। जिससे बीमारी कितनी गंभीर है यह आसानी से समझा जाता है। इसके अलवा फाइब्रोएडीनोमा के बारे में जानने के लिए ब्रेस्ट एमआरआई होती है।
ब्रेस्ट एमआरआई
ब्रेस्ट एमआरआई के द्वारा डॉक्टर गांठ के आकार और गांठ कितना फैल चुका है। इन सब चीजों को माप कर फाइब्रोएडीनोमा को निर्धारित करने में भी मदद मिलती है। ब्रेस्ट एमआरआई में किसी भी तरह की आयनीकृत रेडिएशंस का प्रयोग नहीं होता। डॉक्टर इनका प्रयोग महिलाओं में स्तन के टिश्यू का परिक्षण करने के लिए करते हैं। जिनमें कैंसर का खतरा अधिक है उनमें इस बीमारी के शुरूआती लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
क्लीनिकल स्तन परीक्षण
डॉक्टर या अन्य किसी हेल्थ प्रोफेशनल द्वारा बेस्ट की जांच की जाती है। इस परीक्षण में डॉक्टर स्तनों और बाहों के नीचे गांठ या किसी और डिसऑर्डर की जांच करते हैं, जो उन्हें असामान्य लगता है।
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अल्ट्रासाउंड
अल्ट्रासाउंड एक प्रक्रिया है, जिसमें हाई एनर्जी वेव्स इंटरनल टिश्यू को बाउंस करती हैं, जिससे इको पैदा होती है। यह गूंज शरीर के टिश्यू की एक तस्वीर बनाती है, जिसे सोनोग्राफ कहते हैं। बाद में, इस चित्र का विश्लेषण किया जाता है।
बायोप्सी
इस प्रक्रिया में कोशिकाओं को कैंसर के लक्षण की जांच के लिए हटाते हैं ताकि, उन्हें एक रोगविज्ञानी द्वारा माइक्रोस्कोप के नीचे देखा जा सके। यदि स्तन में एक गांठ पाई जाती है, तो बायोप्सी की जा सकती है। स्तन कैंसर की जांच के लिए चार प्रकार की बायोप्सी होती है:
- एक्सिशनल बायोप्सी (Excisional Biopsy): इसमें टिश्यू की एक पूरी गांठ को हटाया जाता है।
- इंसिशनल बायोप्सी (Incisional Biopsy): इसमें टिश्यू की गांठ या इसके एक नमूने को हटाया जाता है।
- कोर बायोप्सी (Core Biopsy): एक वाइड नीडल का उपयोग करके टिश्यू को हटाना।
- फाइन-नीडल बायोप्सी (Fine Needle Biopsy) : एक पतली सुई का उपयोग करके टिश्यू या तरल पदार्थ को निकालना।
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फाइब्रोएडीनोमा का इलाज कैसे किया जाता है?
जांच से यह समझा जाता है की क्या गांठ फाइब्रोएडीनोमा है या फिर कैंसर। दरअसल, फाइब्रोएडीनोमा होने पर सर्जरी की जरूरत नहीं भी पड़ सकती है। कभी-कभी तो कुछ ऐसे भी मरीज होते हैं जिनको इलाज की जरूरत भी नहीं पड़ती है। इसकी वजह से स्तन में होने वाले बदलाव से आप परेशान हैं तो आप सर्जरी करवा सकते हैं।
फाइब्रोएडीनोमा होने पर डॉक्टर से संपर्क में रहें। यह भी ध्यान रखें की स्तन में किस तरह के बदलाव आ रहें हैं। अगर आपको इस समस्या से ज्यादा परेशानी है तो आप सर्जरी से इसे हटवा भी सकती हैं।
अगर रिपोर्ट्स नॉर्मल नहीं हैं तो सर्जरी की जा सकती है। हालांकि, यह पूरी तरह गांठ के साइज पर निर्भर करता है। सबसे पहले ब्रेस्ट के टिश्यू की जांच कर यह निश्चित किया जायेगा की यह सिर्फ ट्यूमर है या कैंसर। कैंसर न होने पर सिर्फ ट्यूमर को निकाल दिया जायेगा। क्रैबलेशन (cryoablation) एक तरीका है जिससे फाइब्रोएडीनोमा को हटाया जा सकता है।
जीवनशैली में बदलाव या घरेलू उपचार की मदद से फाइब्रोएडीनोमा कैसे ठीक करें?
कुछ घरेलू उपचार और जीवनशैली में बदलाव लाकर फाइब्रोएडीनोमा को ठीक किया जा सकता है। इन बदलाओं में शामिल है:
- नियमित रूप से स्तन की जांच और एक्सरसाइज करें।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की कोशिश करें। यदि आपके मन में कोई प्रश्न हैं, तो अपन बेहतर इलाज के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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