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ब्रेस्ट कैंसर का इलाज: शुरुआती स्टेज में इलाज होता है आसान
कैंसर (Cancer) एक्सपर्ट के अनुसार स्तन कैंसर के 5 स्टेज होते हैं । अगर स्तन कैंसर पहले स्टेज में है, तो 70-80 प्रतिशत तक पेशेंट के ठीक होने की संभावना होती है। दूसरे स्टेज में होने पर 60-70 प्रतिशत तक महिलाएं ठीक हो सकती हैं। वहीं कैंसर (Cancer) एक्सपर्ट मानते हैं की तीसरे या चौथे स्टेज में स्तन कैंसर का इलाज थोड़ा कठिन हो जाता है। इसीलिए स्तन में बदलाव या दर्द महसूस होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) से डरे नहीं बल्कि इसके साइड इफेक्ट भी जान लें
ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए डॉक्टर सर्जरी, रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy) और कीमोथेरेपी (Chemotherapy) से करते हैं। माना जाता है कि इन थेरेपी के साइडइफेक्ट भी होते हैं, जैसे बालों का झड़ना (Hair loss), लेकिन 6 महीनों में फिर से बाल आ जाते हैं। पेशेंट को पौष्टिक आहार (Healthy diet) लेना चाहिए फल और हरी सब्जी जरूर खानी चाहिए और साफ-सफाई का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। स्तन कैंसर की अगर शुरुआत है तो स्तन सर्जरी कर हटाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। रेडिएशन (Radiation) और कीमोथेरिपी (Chemotherapy) स्तन कैंसर (Breast cancer) के सर्जरी के बाद अनिवार्य है। इसलिए ध्यान रखें इस बीमारी से छुटकारा पाना आसान है लेकिन, समय रहते इलाज शुरु हो जाए तो।
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कैसे होता है, आपको जरूर पता चल गया होगा। दिल्ली की रहने वाली 26 साल की पिंकी मौर्या से जब हमने इस बारे में बात की तो उनका कहना है कि ‘उनकी मम्मी ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) से पीड़ित थीं हालांकि अब वो इस दुनिया में नहीं रहीं लेकिन, थोड़ी सी हुई लापरवाही की वजह से उनकी मौत हो गई। पिंकी कहती हैं उनकी मम्मी को ब्रेस्ट में दर्द (Breast cancer) और गांठ की समस्या रहती थी लेकिन, उन्होंने इस बारे में किसी से बात करना सही नहीं समझा। हमने भी इस बारे में नहीं सोचा क्योंकि मेरी उम्र भी कम थी। परेशानी जब ज्यादा बढ़ने लगी तो उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया। टेस्ट (Test) के बाद पता चला की उन्हें ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) है, लेकिन अपनी परेशानी को छुपाते हुए उन्होंने खुद से घरेलू उपाय शुरू कर दिया। वक्त पर सही इलाज शुरू नहीं होने की वजह से उनकी बीमारी बढ़ती चली गई और जब उनका इलाज शरू हुआ तब तक कैंसर (Cancer) अपने चौथे स्टेज के भी अंत में पहुंच चूका था। जिस वजह से दवाओं का असर भी नहीं हुआ और उनकी मौत हो गई।’
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यह हमेशा ध्यान रखें की किसी भी बीमारी या शारीरिक परेशानी होने पर इसे टाले नहीं बल्कि जल्द से डॉक्टर से मिलें। पिंकी की मां की मौत जानकारी के कमी होने के कारण हुई। क्योंकि पिंकी की मां का यह मानना था की उनके बाल झड़ (Hair loss) जाएंगे और सर्जरी के दौरान स्तन (Breast) भी काटना पड़ सकता है। जबकि इलाज के कुछ दिनों बाद झड़े हुए बाल वापस आ जाते हैं और स्तन भी रेयर किस में सर्जरी कर शरीर से अलग कर दी जाती है।
अगर आप ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) के पेशेंट हैं तो ब्रेस्ट कैंसर का इलाज से डरे नहीं बल्कि इसका जल्द से जल्द शुरू करें। कैंसर से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हमें उम्मीद है आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा।