हर व्यक्ति अपने जीवन में किसी न किसी बीमारी से जरूर ग्रस्त होता है। कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जो अपने आप या फिर कुछ समय के ट्रीटमेंट के बाद ठीक हो जाती हैं। वहीं कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं, जो लंबे समय तक व्यक्ति को परेशान करती हैं लेकिन ठीक होने के भी चांसेज रहते हैं। जबकि रेयर डिजीज ऐसी डिजीज होती हैं, जो कुछ जनसंख्या में बहुत कम लोगों को प्रभावित करती हैं। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार दुर्लभ बीमारी या फिर रेयर डिजीज प्रति 1000 जनसंख्या पर 1 व्यक्ति को प्रभावित करती है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको फीमेल रेयर डिजीज (Female rare disease) के बारे में जानकारी देंगे और साथ ही कुछ रेयर डिजीज के बारे में भी बताएंगे।
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फीमेल रेयर डिजीज (Female rare disease) कौन-सी होती हैं?
रेयर डिजीज की समस्या पुरुषों के साथ ही महिलाओं में भी हो सकती है। फीमेल रेयर डिजीज मुख्य रूप से महिलाओं को प्रभावित करती है। यहां हम आपको कुछ रेयर डिजीज के बारे में जानकारी देंगे। जानिए कुछ फीमेल रेयर डिजीज के बारे में।
मेयर-रोकिटांस्की-कुस्टर-हॉसर (Mayer-Rokitansky-Küster-Hauser)
मेयर-रोकिटांस्की-कुस्टर-हॉसर (Mayer-Rokitansky-Küster-Hauser) सिंड्रोम एक डिसऑर्डर है, जो कि महिलाओं को प्रभावित करता है। ये विकार महिलाओं के रिप्रोडक्टिव ऑर्गन को इफेक्ट करता है। इस डिसऑर्डर के कारण महिलाओं के वजाइना और यूट्रस का विकास नहीं हो पाता है या फिर वो उपस्थित ही नहीं होते हैं। जिन महिलाओं को ये रेयर डिजीज हो जाती है, उन्हें मेंस्ट्रुअल सायकिल भी नहीं होती है। ऐसा यूट्रस के विकास ठीक से न हो पाने के कारण या फिर यूट्रस के प्रेजेंट न होने के कारण होता है। जिन महिलाओं को MRKH सिंड्रोम होता है, उन्हें 16 साल की उम्र तक पीरियड्स नहीं होते हैं और साथ ही फीमेल क्रोमोसोम पैटर्न (46,XX) होता है। ऐसी महिलाओं में ब्रेस्ट सामान्य होते हैं लेकिन वो गर्भधारण नहीं कर सकती हैं। एमआरकेएच सिंड्रोम का कारण अज्ञात है।
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एमआरकेएच सिंड्रोम वाली कुछ महिलाओं में शरीर के अन्य हिस्सों में भी असामान्यताएं होती हैं; इन मामलों में, स्थिति को एमआरकेएच सिंड्रोम टाइप 2 में क्लासीफाइड किया जा सकता है। ऐसी महिलाओं में किडनी का विकास ठीक से नहीं हो पाता है। साथ ही स्केलेटेन एब्नॉर्मलटी भी हो सकती हैं। एमआरकेएच सिंड्रोम टाइप 2 वाली महिलाओं में हार्ट डिफेक्ट के साथ ही सुनने की क्षमता में भी समस्या हो सकती है। एमआरकेएच सिंड्रोम 4,500 नवजात लड़कियों में से लगभग 1 को प्रभावित करता है। आपको इसके बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी लेनी चाहिए।
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स्वियर सिंड्रोम (Swyer syndrome)
स्वियर सिंड्रोम (Swyer syndrome) एक रेयर डिजीज है, जिसके कारण व्यक्ति में महिलाओं की तरह बाहरी जननांग और अंडाशय विकसित हो जाता है। ये होते तो पुरुष ही हैं लेकिन दिखते महिलाओं की तरह ही हैं। भले ही इस सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति में भले ही महिलाओं की तरह आधे विकसित जननांग होते हो लेकिन वो बांझ ही रहते हैं यानी उनमें गर्भधारण करने की क्षमता नहीं होती है। स्वियर सिंड्रोम के कुछ मामले कई जीनों में से एक में आनुवंशिक परिवर्तन या म्यूटेशन के कारण होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इसका कारण पता नहीं चल पाता है। क्लीनिकल एग्जामिनेशन, इमेजिंग टेस्ट (imaging test) आदि के माध्यम से इस बीमारी को डाग्नोज किया जाता है। स्वियर सिंड्रोम MAP3K1 जीन में भिन्नता के कारण भी हो सकता है। रिचर्स में ये बात सामने आई है कि इस जीन के वेरिएंट में 18 प्रतिशत तक मामले हो सकते हैं। इस कंडीशन को गोनाडल डिसजेनेसिस, 46, XY, XY प्योर गोनैडल डिसजेनेसिस, 46, XY सेक्स रिवर्सल के नाम से भी जानते हैं।
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अचर्ड-थियर्स सिंड्रोम (Achard-Thiers syndrome)
अचर्ड-थियर्स सिंड्रोम (Achard-Thiers syndrome) एक फीमेल रेयर डिजीज है, जो मुख्य रूप से पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं में होता है। साथ ही टाइप 2 (इंसुलिन प्रतिरोधी) डायबिटीज मेलिटस और एंड्रोजन अतिरिक्त के लक्षणों की विशेषता है। इस सिंड्रोम का सटीक कारण अज्ञात है। इस बीमारी के लक्षण डायबिटीज की तरह ही होते हैं। इसके कारण ब्लड में ग्लूकोस का लेवल अचानक से बढ़ने लगता है और साथ ही यूरिन में भी ग्लूकोस का लेवल बढ़ जाता है। इस कारण से फ्रीक्वेंट यूरिनेशन, अधिक प्यास लगना, भूख लगना, वजन का कम हो जाना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। ये सिंड्रोम परिवार के बीच दिखाई पड़ता है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में इसका खतरा अधिक होता है।
एक्वायर्ड एड्रेनोजेनिटल सिंड्रोम (Acquired adrenogenital syndrome)
एक्वायर्ड एड्रेनोजेनिटल सिंड्रोम (Acquired adrenogenital syndrome) एक दुर्लभ एंडोक्राइन डिसऑर्डर है, जो एड्रेनल ग्लैंड ( adrenal glands ) में एक ट्यूमर के कारण होता है, जो एण्ड्रोजन के अधिक उत्पादन का कारण बनता है। एक वयस्क महिला में लक्षणों के रूप में बालों के विकास पुरुष पैटर्न की तरह होना, सिर पर बालों का झड़ना, मुंहासे, आवाज का भारी होना और असामान्य रूप से बड़ी मांसपेशियां आदि शामिल हो सकती हैं।
जैसे कि हमने आपको पहले ही बताया कि रेयर डिजीज महिलाओं और पुरुषों, दोनों को हो सकती हैं। कुछ रेयर डिजीज ऐसी होती हैं, जो केवल महिलाओं को ही अपना शिकार बनाती हैं। रेयर डिजीज कई प्रकार की होती हैं। अगर आपको शरीर में विभिन्न प्रकार के कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर जांच के बाद ही जानकारी दे सकते हैं कि वह रेयर डिजीज है या फिर नहीं।
इस आर्टिकल में हमने आपको फीमेल रेयर डिजीज (Female rare disease) को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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