के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
भारत में 1.6 करोड़ अबॉर्शन एक साल में किये गयें। ये सर्वे साल 2017 में दि लांसेट ग्लोबल हेल्थ मेडिकल जर्नल (The Lancet Global Health medical journal) द्वारा की गई थी। ये आंकड़े चौकाने वाले जरूर हैं, लेकिन मेरे मन में इस सर्वे रिपोर्ट को पढ़ने के सबसे पहले ये आया कि क्या अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी पर इसका नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ सकता है? क्या अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी (Fertility after Abortion) कहीं इनफर्टिलिटी (Infertility) की समस्या न पैदा कर दे और ऐसे ही कई अन्य सवाल। वैसे जब अबॉर्शन (Abortion) के बारे में मैंने कुछ कपल्स से समझना चाहा, तो अलग-अलग तरह के जवाब सुनने को मिलें और सबकी अपनी-अपनी ओपिनियन थी। मैं लोगों के ओपिनियन पर चर्चा नहीं करना चाहती, क्योंकि फ्रीडम ऑफ स्पीक एंड एक्सप्रेशन इंडियन कोंस्टुयशन में ही लिखा है। ऑबर्शन जैसे विषय पर हर लोगों की अपनी-अपनी राय हो सकती है। क्योंकि ऑबर्शन का कारण शारीरिक परेशानी, आर्थिक तंगी या अनचाहा गर्भधारण भी हो सकता है। इस आर्टिकल में अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी (Fertility after Abortion) या गर्भधारण से जुड़े कई फैक्ट्स को समझेंगें।
इस आर्टिकल में आगे इन ऊपर दिए गए सवालों को समझने की कोशिश करते हैं।
इस सवाल को अगर आसान शब्दों में समझें, तो क्या अबॉर्शन के बाद गर्भधारण (Conception) करना आसान है? तो इसका जवाब हां है। किसी भी कारण से हुए गर्भपात (Miscarriage) के बाद फिर से गर्भधारण किया जा सकता है।
अबॉर्शन की वजह से महिला में एग फॉर्मेशन रुकता नहीं है। एग बनते रहने के कारण फिर से गर्भधारण किया जा सकता है। लेकिन कभी-कभी अबॉर्शन की वजह से बेबी प्लानिंग (Baby planning) में परेशानी हो सकती है। यह हर महिला के अपने-अपने बॉडी स्ट्रक्चर पर निर्भर करता है। महिला के बॉडी स्ट्रक्चर को ध्यान में रखकर डॉक्टर सलाह देते हैं।
और पढ़ें : अबॉर्शन से पहले, जानें सुरक्षित गर्भपात के लिए क्या कहता है भारतीय संविधान
अबॉर्शन का कारण कोई भी हो, लेकिन यह महिला की मानसिक परेशानी को जरूर बढ़ाता है। इसकी वजह से तनाव (Tension) होना आम है, क्योंकि महिला इस बात को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित होती हैं कि अब वो बेबी प्लानिंग (Baby planning) कब कर सकती हैं। अगर नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड एक रिपोर्ट की मानें, तो अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी (Fertility after Abortion) पर असर नहीं पड़ता है। क्योंकि सर्वे में उन महिलाओं को शामिल किया गया, जिनका मिसकैरिज हुआ था। इस सर्वे में 10435 महिलाओं को शामिल किया गया, जिनमें मिसकैरिज के बाद 20.5 प्रतिशत महिलाओं ने 3 महीने में गर्भधारण किया। 23.5 प्रतिशत महिलाओं ने 4 से 6 महीने में फिर से गर्भधारण (Conception) करने में कोई कठिनाई नहीं हुई। वहीं 28 प्रतिशत महिलाओं को 6 से 12 महीने का वक्त लगा गर्भधारण में और बाकि महिलाओं ने भी कुछ वक्त बाद गर्भधारण कर लिया। इसलिए अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी पर नेगेटिव इम्पैक्ट ना के बराबर पड़ता है। कुछ एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि अगर महिला स्वस्थ्य हों, तो अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी पर इसका असर नहीं पड़ता है और गर्भधारण एक महीने में भी हो सकता है। लेकिन अबॉर्शन के बाद इंफेक्शन (Infection) की समस्या ना हो इसलिए सेफ सेक्स (Safe sex) की सलाह दी जाती है। हां, कुछ केसेस में महिला किसी ना किसी कॉम्प्लिकेशन की वजह से बेबी प्लान (Baby planning) नहीं कर पाती हैं। लेकिन अगर ऐसी स्थिति भी आती है, तो इसे तनाव या चिंता से नहीं, बल्कि सही सलाह और ट्रीटमेंट से गर्भधारण किया जा सकता है। क्योंकि बढ़ती टेक्नोलॉजी जैसे इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In vitro fertilization [IVF]) का भी विकल्प मौजूद है।
और पढ़ें : IVF को सक्सेसफुल बनाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
अबॉर्शन के बाद गर्भधारण में कोई परेशानी नहीं आती है। लेकिन अगर अबॉर्शन एक्सपर्ट द्वारा ना करवाया गया हो या दवाओं के द्वारा किया गया हो, तो परेशानी हो सकती है। दरअसल अप्रशिक्षित लोगों से अबॉर्शन करवाने पर इंफेक्शन (Infection) का खतरा बढ़ जाता है, जिसकी वजह से गर्भधारण करने में समय लग सकता है या परेशानी हो सकती है। मिसकैरिज या अबॉर्शन जैसे शब्द ही तनावपूर्ण स्थिति पैदा करने के लिए काफी हैं। इसलिए ऐसी स्थिति होने पर सिर्फ डॉक्टर से ही कंसल्ट में रहें।
और पढ़ें : दूसरे मिसकैरिज के बाद भी होती है 65 % सक्सेसफुल प्रेग्नेंसी: ACOG
इसका निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है। जैसे:
इन ऊपर बताई गई स्थिति होने पर गर्भधारण में समस्या आ सकती है। लेकिन ऐसी स्थिति में ये कहना कि अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी (Fertility after Abortion) पर नेगेटिव असर पड़ता है। इसलिए अबॉर्शन जैसी स्थिति बनने पर हमेशा डॉक्टर से ही सलाह लें।
और पढ़ें : Termination Of Pregnancy : टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (अबॉर्शन) क्या है?
यहां जानिए कैसे मिकैरिज के बाद भी कैसे हेल्दी प्रेग्नेंसी प्लानिंग की जा सकती है।
अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी (Fertility after Abortion) पर कोई साइड इफेक्ट्स ना हो, इसलिए क्या करें?
इनफर्टिलिटी की समस्या से बचने के लिए निम्नलिखित टिप्स अपनाये जा सकते हैं। जैसे:
इन बातों को ध्यान में रखकर गर्भधारण आसानी से किया जा सकता है और अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी (Fertility after Abortion) से जुड़ी परेशानियों से भी बचा जा सकता है।
और पढ़ें : इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट क्या हैं? जानिए कैसे होता है बांझपन का इलाज
अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी (Fertility after Abortion) पर कोई नेगेटिव प्रभाव ना पड़े, इसलिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
इन महत्वपूर्ण टिप्स को फॉलो कर अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी से जुड़ी परेशानियों से बचने में मदद मिलती है। अगर आप अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी (Fertility after Abortion) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
नीचे दिए इस वीडियो लिंक को क्लिक कर जानिए अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए क्या हैं सही उपाय।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।