परिचय
पारिजात (हरसिंगार) क्या है?
पारिजात (parijat) एक खूबसूरत और सुगंधित पुष्प होता है। जिसे हरसिंगार भी कहा जाता है। पारिजात को हरसिंगार भी कहते हैं। इसके अलावा भी इसे कूरी, सिहारु, सेओली, प्राजक्ता, शेफालिका, शेफाली, शिउली और अंग्रेजी में ट्री ऑफ सैडनेस (Tree of sadness), मस्क फ्लॉवर (Musk flower), कोरल जैसमिन (Coral jasmine), नाईट जैसमिन (Night jasmine) जैसे नामों से भी पहचाना जाता है। वहीं, उर्दू में इसे गुलजाफरी कहा जाता है। पारिजात को फूलों को मुख्य रूप से हिन्दू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है। हालांकि, इसके औषधीय गुणों की वजह से इसका इसका इस्तेमाल विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के उपचार के लिए भी किया जा सकता है। एक औषधी के तौर पर पारिजात के फूल, पत्ते, बीज और छाल का उपयोग मुख्य रूप से किया जा सकता है। ऐसा भी माना जाता है कि पारिजात के पौधे को छूने से ही शारीरिक थकान दूर हो सकती है।
इसके अलावा, लोग हरसिंगार की पत्तियों से बनी चाय पीना भी पसंद करते हैं जिसे हर्बल टी की श्रेणी में माना जाता है। पारिजात का पौधा लगभग 10 से 15 फीट और कहीं-कहीं 25 से 30 फीट तक बड़ा हो सकता है। इसकी अधिकांश शाखाएं जमीन की तरफ झुकी हो सकती हैं। पारिजात के पौधे में एक साल में सिर्फ एक बार ही फूल खिलते हैं। पारिजात के फूल जून माह में ही खिलते हैं। जो सफेद और पीले रंग के हो सकते हैं। पारिजात का वानस्पतिक नाम निक्टैन्थिस् आर्बोर-ट्रिस्टिस् (Nyctanthes arbor-tristis Linn., Syn-Nyctanthes dentata Blume) है और यह ओलिएसी (Oleaceae) प्रजाति का होता है। धर्मिक मान्यताओं से जुड़े इस औषधीय पौधे की हिदू धर्म में पूजा-अर्चना भी की जाती है।
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पारिजात (हरसिंगार) का उपयोग कैसे किया जाता है?
पारिजात के पत्तों में एंटी-आर्थ्रिटिक गुण होते हैं। इसके अलावा, पत्तियों के काढ़े से लीवर की रक्षा करने वाले, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल, एनाल्जेसिक, एंटीपायरेटिक, एंटी-इंफ्लैमेटरी, एंटीस्पास्मोडिक, हाइपोटेंसिव जैसे गुण भी पाए जा सकते हैं। इसकी पत्तियों में एंटी-लीशमैनियल गुण भी होते हैं, जो शरीर में परजीवियों को खत्म करने, जैसे पेट की कीड़ों की समस्या दूर करने में भी मदद कर सकते हैं।
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पारिजात (हरसिंगार) कैसे काम करता है?
पारिजात के फूलों से सुगंधित तेल प्राप्त किया जा सकता है, जिसमें निक्टैन्थीन नामक द्रव्य ग्लूकोसाइड की मात्रा होती है। साथ ही, हरसिंगार के पत्तों और फूलों में एंटी बैक्टीरियल और एंटी एलर्जिक गुण भी भरपूर मात्रा में पाए जा सकते हैं।
पारिजात के बीजों से 12 से 16 फीसदी में पीले भूरे रंग का तेल प्राप्त किया जा सकता है जिसमें पोलीसेकेराइड ग्लूकोमैनन और इरिडॉइड ग्लाइकोसाइड की मात्रा होती है।
पारिजात की पत्तियों में पाए जाने वाले औषधीय गुण हैंः
- टैनिन एसिड (Tannin)
- लिनोलिक एसिड (Linoleic acid)
- मेथिलसेलिसिलेट
- डी-मैनिटोल (D-Mannitol) – 1.3 प्रतिशत
- बीटा-एमिरिन – 1.2 प्रतिशत
- बीटा-सिटोस्टेरोल (beta-sitosterol)
- हेंट्रिएकॉन्टेन
- बेंजोइक एसिड
- एस्ट्रैगलिन
- निकोटिफ्लोरिन
- ओलीनोलिक एसिड
- नेक्टेन्थिक एसिड फ्राइडेलिन (nyctanthic acid)
- विटामिन सी
- विटामिन ए
पारिजात के छाल में पाए जाने वाला औषधीय गुण हैंः
- ग्लाइकोसाइड (glycoside) – 1 प्रतिशत
उपयोग
निम्न स्वास्थ्य स्थितियों के उपचार के लिए पारिजात का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसमें शामिल हो सकते हैंः
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए
हरसिंगार के पत्तों का इस्तेमाल हर्बल टी के तौर पर किया जा सकता है। जो शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने का सबसे अच्छा स्त्रोत हो सकता है। इसके पत्तों का इस्तेमाल चाय में करने के साथ ही, इसका रस भी नियमित रूप से पिया जा सकता है।
डेंगू के दौरान हड्डियों के दर्द को कम करने के लिए
डेंगू होने पर शरीर की हड्डियों में काफी दर्द होता है। जिससे काफी कमजोरी भी महसूस होती रहती है। इस शरीर दर्द को दूर करने के लिए हरसिंगार की पत्तियों से बने काढ़े का इस्तेमाल करना लाभकारी हो सकता है।
पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए
अगर आपको या बच्चे के पेट में कीड़े की समस्या है, तो आप अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार हरसिंगार के पत्तों के रस में शहद मिलकर इसका सेवन कर सकते हैं।
निम्न समस्याओं में हरसिंगार का इस्तेमाल किया जा सकता हैः
- जोड़ों में दर्द के उपचार के लिए
- खांसी के उपचार के लिए
- बुखार कम करने के लिए
- चेहरे से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए
- बालों के बेहतर विकास के लिए
साइड इफेक्ट्स
पारिजात (हरसिंगार) का उपयोग करना कितना सुरक्षित है?
विभिन्न शोधों के मुताबिक, पारिजात (हरसिंगार) का सेवन करना एक औषधी के रूप में लाभकारी माना जा सकता है। हालांकि, आपको इसका सेवन हमेशा अपने डॉक्टर के निर्देश पर ही करना चाहिए। आपको इसके ओवरडोज से भी बचना चाहिए। सिर्फ उतनी ही खुराक का सेवन करें, जितना आपके डॉक्टर द्वारा निर्देशित किया गया हो।
पारिजात (हरसिंगार) से क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
अध्ययनों के मुताबिक एक औषधी के तौर पर पारिजात (हरसिंगार) का सेवन करना पूरी तरह से सुरक्षित हो सकता है। वैसे तो इससे किसी तरह के गंभीर दुष्प्रभाव के मामले नहीं मिलते हैं। अगर आपको इसके सेवन से किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स दिखाई दें, तो तुरंत इसका सेवन करना बंद करें और अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
साथ ही आपको इसके सेवन से पहले निम्न स्थितियों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए, अगरः
- आपको पारिजात (हरसिंगार) या इसमें पाए जाने वाले किसी भी तरह के रसायन से एलर्जी होने का खतरा हो।
- अगर आप प्रेग्नेंट हैं या प्रेग्नेंसी प्लानिंग कर रही हैं।
- अगर आप गर्भनिरोधक गोलियों का नियमित सेवन करते हैं।
- किसी भी तरह के विटामिन या मेडिकल स्टोर पर मिलने वाले दवाओं का सेवन करते हैं।
- अगर आपको कोई गंभीर शारीरिक स्थिति हो, जैसे- कैंसर या लिवर से जुड़ी कोई समस्या।
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डोसेज
पारिजात (हरसिंगार) को लेने की सही खुराक क्या है?
पारिजात (हरसिंगार) का इस्तेमाल आप विभिन्न रूपों में कर सकते हैं। इसकी मात्रा आपके स्वास्थ्य स्थिति, उम्र और लिंग के आधार पर आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जा सकती है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रतिदिन पारिजात (हरसिंगार) के सेवन की अधिकतम खुराक हो सकती हैः
- पारिजात की पत्तियां – 3 से 4
- पारिजात का चूर्ण – 1 से 3 ग्राम
- पारिजात का रस – 10 से 20 मिली
- पारिजात का काढ़ा – 50 से 100 मिली
उपलब्ध
यह किन रूपों में उपलब्ध है?
पारिजात (हरसिंगार) के निम्न रूपों का इस्तेमाल आप इस तरह से कर सकते हैंः
- पारिजात का फूल
- पारिजात के पत्ते और
- पारिजात हर्बल टी
- पारिजात का बीज
- पारिजात का तना
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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