भारत का राष्ट्रीय फूल कमल है, क्योंकि यह दिखने में काफी सुंदर और गुणकारी होता है। इसके अलावा भी इसके राष्ट्रीय फूल होने के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से एक कारण है इससे मिलने वाले स्वास्थ्य फायदे। जी हां, कमल के फूल से लेकर, इसके पत्ते, बीज और यहां तक की इसकी जड़ हमें कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे देती है। इसके अलावा, इन चीजों को दवाइयां बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इस आर्टिकल में हम कमल की जड़ यानी कमल ककड़ी (Lotus Root) की बात करेंगे। भारत में कमल की जड़ कमल ककड़ी (Lotus Root) के नाम से भारत के हर क्षेत्र, हर राज्य में जानी-पहचानी जाती है। आइए, जानते हैं कि कमल ककड़ी के घरेलू उपाय क्या हैं।
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कमल ककड़ी (Lotus Root) की खासियत क्या है?
कमल ककड़ी न सिर्फ दवाइयां बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती है, बल्कि भारत में इसकी सब्जी भी बनाई जाती है। कमल ककड़ी की गीली और सूखी दोनों तरह की सब्जी बड़े चाव से खाई जाती है। इसके अलावा, कमल ककड़ी (Lotus Root) को सलाद के रूप में भी खाया जा सकता है। कमल ककड़ी कई स्वास्थ्य समस्याओं के निदान के लिए घरेलू उपाय के रूप में इस्तेमाल की जाती है। कमल ककड़ी में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, डायटरी फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, मिनरल्स आदि पाया जाता है, जो कि इसे सेहतमंद शरीर के लिए जरूरी बनाता है। इसके अलावा इसे अचार भी बनाया जाता है, जो खाने का जायका बढ़ा देता है।
लोटस रूट के न्यूट्रीशन फैक्ट के बारे में जानकारी (Nutritional information about Lotus Root)
- कैलोरी: 40
- वसा: 0 ग्राम
- सोडियम की मात्रा: 27 मि.ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट: 10 ग्राम
- फाइबर: 2 ग्राम
- शुगर: 0.3 ग्राम
- प्रोटीन: 1 ग्राम
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कमल ककड़ी के फायदे और इस्तेमाल (Benefits of Lotus Root)
कमल ककड़ी में शरीर के लिए कई जरूरी पोषण तत्व होते हैं, जो न सिर्फ शरीर को कई बीमारियों और स्वास्थ्य समस्यां से दूर रखते हैं, बल्कि उन्हें सही करने में भी मदद करते हैं। कमल के फूल के ज्यादातर हिस्सों को उपयोग में लाया जाता है क्योंकि ये शरीर को फायदा पहुंचाते हैं। आप भी जानिए लोटस रूप के उपयोग और फायदे के बारे में जानकारी।
कमल ककड़ी के फायदे: ब्लड सर्कुलेशन सुधारने में
अपनी डायट में कमल ककड़ी को शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। जिससे आपके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है और शरीर की ऊर्जा के स्तर में भी बढ़ोतरी होती है। कमल ककड़ी (Lotus Root) में आयरन और कॉपर पर्याप्त मात्रा में होता है। ये पोषक तत्व रक्त के लिए काफी फायदेमंद और जरूरी होते हैं, जो रेड ब्ल्ड सेल्स के उत्पादन, एनीमिया की बीमारी का खतरा कम करने और शरीर में रक्त की पूर्ति को बनाए रखने में मदद करते हैं।
ब्लड प्रेशर (Blood pressure)
आलू, टमाटर और एवाकाडो की तरह ही कमल ककड़ी में पोटैशियम की प्रचुर मात्रा होती है। डायट में पोटैशियम की पर्याप्त मात्रा होने की वजह से शरीर में ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है। क्योंकि, पोटैशियम ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करता है और रक्त वाहिकाओं का संकुचन कम होता है, जिससे शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है और कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम (Cardiovascular system) पर कम दबाव पड़ता है। इसके अलावा, न्यूरल एक्टिविटी के लिए भी फ्लूड और ब्लड का दिमाग तक पहूंचना जरूरी होता है, जिसमें पोटैशियम अहम भूमिका निभाता है।
लोटस रूट का उपयोग बॉडी फ्लूड को बैलेंस करने के लिए किया जा सकता है। लोटस रूट में पोटेशियम उचित मात्रा में पाया जाता है जो आपके शरीर में तरल पदार्थों को संतुलित करने का काम करता है। साथ ही ये ब्लड वैसल्स (Blood vessels) को रिलेक्स देने का काम भी करता है। पोटेशियम (Potassium) की मात्रा शरीर में अत्यधिक सोडियम की मात्रा को भी नियंत्रित करने का काम करती है।
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पाचन क्रिया (Diagestion)
कमल ककड़ी डायटरी फाइबर का बहुत अच्छा स्त्रोत है, जो कि आपके बोवेल मूवमेंट्स के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। पर्याप्त डायटरी फाइबर का सेवन करने से कब्ज के लक्षण कम होते हैं और शरीर को आहार से पर्याप्त पोषण अवशोषित होता है। क्योंकि, डायटरी फाइबर की वजह से डाइजेस्टिव और गैस्ट्रिक जूस में इजाफा होता है, जो कि रेगुलर बोवेल मूवमेंट्स को बेहतर बनाता है। कब्ज की समस्या खाने में फाइबर के कारण हो सकती है।
लोटस रूट से स्ट्रेस में कमी
कमल ककड़ी में विटामिन बी (Vitamin B) कॉम्प्लैक्स होता है, जिसमें पाइरिडोक्सिन तत्व होता है। इसका न्यूरल रिसेप्टर से डायरेक्ट इंटरेक्शन होता है। इस कारण से लोटस रूट का सेवन करने से मूड के साथ ही मेंटल स्टेट में भी फर्क पड़ता है। ये दिमाग के न्यूरल रिसेप्टर को सक्रिय करता है, यह रिसेप्टर स्ट्रेस कम करने, इर्रिटेशन और सिरदर्द को कम करने में मददगार होता है। इस वजह से कमल ककड़ी का सेवन करने से स्ट्रेस (Stress) को कम किया जा सकता है। अगर ये कहा जाए कि कमल की जड़ का सेवन करने से शांति का एहसास होता है तो ये बिल्कुल सही बात है।
लोटस रूट (Lotus Root) से वॉटर रिटेंशन से बचाव
जैसा कि हमने अभी ऊपर बताया कि लोटस रूट में पोटैशियम की प्रचुर मात्रा होती है, जो कि शरीर में मौजूद अत्यधिक सोडियम को अवशोषित करने में मदद करता है और यूरिन का उत्पादन बढ़ाता है। जिससे शरीर के किसी भी हिस्से में सोडियम की वजह से वॉटर रिटेंशन की समस्या नहीं होती है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से भी परामर्श कर सकते हैं। यहां दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है।
कमल ककड़ी से वजन घटाने में मदद
कमल ककड़ी में न सिर्फ कैलोरी की बहुत कम मात्रा होती है, बल्कि इसमें डायटरी फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। जो कि आपके पेट को काफी देर तक भरा रखता है और आपके फास्ट फूड (Fast food) या अपोषित खानपान का सेवन करने से बचाता है। जिससे आप हाई कैलोरी (Callori) और फैट युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से मिलने वाले फैट से दूर रहते हैं। इसके अलावा, डायटरी फाइबर (Fiber) पाचन क्रिया सुधारता है, जिससे वजन घटाने (Weight loss) में मदद मिलती है।
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त्वचा और बालों का स्वास्थ्य
लोट्स रूट में विटामिन बी (Vitamin B) और विटामिन सी (Vitamin C) उपलब्ध होते हैं, जो कि आपके स्वस्थ बालों (Hair) और त्वचा (Skin) के लिए बेहद जरूरी है। विटामिन सी आपके शरीर में कोलेजन का उत्पादन बढ़ाता है, जो त्वचा को मुलायम बनाता है और स्वस्थ बनाता है। एक बात का ध्यान रखें कि अगर आपके बाल अधिक मात्रा में जड़ रहे हैं तो डॉक्टर से जांच जरूर कराएं। कई बार बाल झड़ने का कारण कोई बीमारी भी हो सकती है। ऐसे में जांच कराना बहुत जरूरी है।
कमल ककड़ी के फायदे : डायबिटीज में फायदेमंद
कमल ककड़ी को डायबिटीज यानी मधुमेह के मरीजों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि इसमें मौजूद डायटरी फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidant) की अधिक मात्रा होने की वजह से शरीर में ब्लड शुगर लेवल के उच्च स्तर को कम करता है।
विटामिन सी से भरपूर है लोटस रूट
पेट की समस्याएं
कमल ककड़ी में मौजूद डायटरी फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स डायरिया (Diarrhea) की समस्या, अपच और पेचिश आदि समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। अपच की समस्या कब्ज का कारण बन सकता है। कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए खाने में फाइबर युक्त आहार जरूर शामिल करना चाहिए। अगर आपको अपच की समस्या है तो आप बीट रूट को खाने में सलाद के रूप में शामिल करें।
कमल ककड़ी का उपयोग बचाए सूजन से
कमल ककड़ी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आपके शरीर में होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इस वजह से इसे गले की सूजन, बवासीर (Piles) की बीमारी, टिश्यू इंफ्लेमेशन, लिवर संबंधित डिसऑर्डर आदि की समस्याओं से राहत पाने में मददगार माना जाता है। अगर आपको कमल ककड़ी से किसी भी तरह की एलर्जी है तो इस बारे में पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श कर लें और फिर लोटस रूट का सेवन करें। कई बार घरेलू उपाय अपनाने के दौरान शरीर में कुछ साइड इफेक्ट भी दिख सकते हैं। इन बातों का जरूर ख्याल रखें।
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कमल ककड़ी के फायदे : त्वचा संक्रमण से बचने के लिए
कमल ककड़ी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) की वजह से इसे बैक्टीरिया (Bacteria), फंगी, यीस्ट और रिंगवॉर्म जैसे माइक्रोब्स की वजह से होने वाले त्वचा संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आपको कमल ककड़ी के पाउडर का पेस्ट बनाकर उसे संक्रमित जगह पर लगाना होगा।
कमल ककड़ी का उपयोग दिलाएगा मुंहासों से राहत
अगर आप चेहरे पर होने वाले मुंहासों से परेशान हैं, तो कमल ककड़ी आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। कमल ककड़ी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी (Vitamin C) की वजह से मुंहासों से छुटकारा मिल सकता है। क्योंकि यह शरीर द्वारा उत्पादित किए जाने वाले सीबम को बाधित करने में मदद करता है। सीबम एक वैक्सी तत्व होता है, जो आपके रोमछिद्रों को बंद कर देता है और मुंहासों का कारण बनता है।
हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए लोटस रूट
हेल्दी प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के लिए लोटस रूट का सेवन किया जा सकता है। लोटस रूट में फोलेट होता है। ये गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए फायदेमंद होता है। फोलेट की सही मात्रा का सेवन करने से बर्थ डिफेक्ट की समस्या से बचा जा सकता है। बर्थ डिफेक्ट की समस्या अर्ली प्रेग्नेंसी में होने के अधिक चांसेज रहते हैं। साथ ही ये न्युरल ट्यूब डिफेक्ट से भी बचाने का काम करता है। हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए आयरन, कैल्शियम, फोलेट आदि बहुत जरूरी होता है जो कि लोटस रूट में पाया जाता है। एक बात का ध्यान रखें कि प्रग्नेंसी के दौरान किसी भी खानपान के संबंध पहले एक बार डॉक्टर से राय जरूर लें।
अगर ये कहा जाए कि लोटस रूट में हीलिंग प्रॉपर्टी होती हैं तो ये गलत नहीं होगा। कमल की पत्तियां, कमल के बीज, कमल का तना और कमल की जड़ (Lotus root) के बहुत से मेडिसनल बेनीफिट्स हैं। अभी इस बारे में बहुत अधिक अध्ययन तो नहीं हुआ है लेकिन कुछ स्टडी में लोटस रूट के बेनीफिट्स के बारे में जानकारी दी गई है। हर्बल ट्रीटमेंट के रूप में कमल ककड़ी का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से बात करें और दवाओं और स्वास्थ्य स्थितियों के अनुसार ही लोटस रूट का उपयोग करें।
उपरोक्त जानकारी कमल ककड़ी के फायदे के बारे में है। कमल ककड़ी कई तरह के फायदे प्रदान करती है। इसका उपयोग करने से पहले आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कहीं आपको कमल ककड़ी से किसी प्रकार की एलर्जी तो नहीं है। अगर ऐसा है तो बेहतर होगा कि आप लोटस रूट का उपयोग बिल्कुल भी न करें। हम आशा करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से लोटस रूट के बारे में अहम जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको किसी प्रकार का त्वचा संक्रमण है या फिर अन्य स्वास्थ्य समस्या हो तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से परामर्श करें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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