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पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन: कहीं इसको इग्नोर तो नहीं कर रहे जनाब? परफॉर्मेंस हो सकती है खराब

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/01/2022

    पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन: कहीं इसको इग्नोर तो नहीं कर रहे जनाब? परफॉर्मेंस हो सकती है खराब

    ‘कुछ लोग सोचते हैं कि ऐसा हो, कुछ उसके होने की उम्मीद करते हैं और कुछ होते हैं जो उसे करके दिखाते हैं’। यह फेमस कोट जिम जाने वाले, स्पोर्ट्स पर्सन और रेगुलर वर्कआउट करने वाले लोगों पर एकदम फिट होता है। क्योंकि हेल्दी और फिट बॉडी पाने का सपना तो सभी देखते हैं, लेकिन कुछ लोग ही इस गोल को अचीव करके दिखाते हैं। हेल्दी बॉडी पाने में वर्कआउट के साथ न्यूट्रिशन इंपोर्टेंट रोल प्ले करता है। वर्कआउट न्यूट्रिशन, फिटनेस के टार्गेट को हिट करने और परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। वर्कआउट के पहले और बाद की डायट पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है। वर्कआउट के पहले क्या खाना चाहिए इसके बारे में तो लोग अवेयर रहते हैं, लेकिन पोस्ट वर्कआउट न्यू्ट्रिशन (Post workout nutrition) को नजरअंदाज कर देते हैं, जो कि सही नहीं है।

     पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन क्यों जरूरी है? वर्कआउट के बाद क्या खाना चाहिए जैसे सवालों का जवाब पाने के लिए चलिए आगे बढ़ते हैं इस आर्टिकल के साथ!

    वैसे तो वर्कआउट न्यूट्रिशन (Workout Nutrition) पूरी तरह वर्कआउट के टाइप और बॉडी कंपोजिशन गोल्स पर निर्भर करता है, लेकिन इसका बेसिक सेम ही रहता है- बॉडी को रिकवर करने में मदद और बेहतर फंक्शनिंग के लिए फ्यूल प्रदान करना।

    इसलिए जरूरी है पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन (Post-workout nutrition)

    पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन (Post workout Nutrition) क्यों जरूरी है? यह समझने के लिए पहले यह जान लेते हैं कि जब आप वर्कआउट करते हैं, तो इसका बॉडी पर किस प्रकार असर होता है? 

    वर्कआउट के वक्त मसल्स बॉडी में मौजूद ग्लाइकोजन (Glycogen) का उपयोग करती हैं। जिससे बॉडी में इसकी कमी हो जाती है। ग्लाइकोजन बॉडी में स्टोर रहने वाला कार्बोहायड्रेट (Carbohydrate) है। जिससे बॉडी को एनर्जी मिलती है। वर्कआउट के बाद बॉडी ग्लाइकोजन स्टोर (Glycogen Store) को फिर से रिफिल करने और मसल्स को रिपेयर करने का काम करती है। एक्सरसाइज के तुरंत बाद पोषक तत्वों से युक्त फूड्स का सेवन इस प्रॉसेस को फास्ट करने में मदद कर सकता है।

    वर्कआउट के बाद कार्ब्स (Carbohydrates), प्रोटीन (protein) जैसे न्यूट्रिएंट्स का सेवन आवश्यक माना जाता है। ग्रिल्ड चिकन (Grilled chicken), रोस्टेड वेजिटेबल्स (Roasted vegetables), टूना फिश (Tuna fish) , होलग्रेन ब्रेड ( Whole grain bread ) आदि प्रोटीन और कार्ब के सोर्स हैं। जिन्हें पोस्ट वर्कआउट डायट में शामिल किया जा सकता है। वर्कआउट के बाद इन पोषक तत्वों से युक्त फूड्स का सेवन करने की सलाह क्यों दी जाती है इसके बारे में विस्तार से जान लेते हैं। .

    और पढ़ें: कभी सोचा है कि उम्र के आधार पर आपके लिए कितना प्रोटीन रिकमंड किया जाता है?

    वर्कआउट के बाद कार्बोहायड्रेट (Carbohydrate) को क्यों जरूरी माना जाता है?

    प्रोटीन के बाद अगला नंबर आता है कार्ब्स (Carbs) का। कार्ब्स वर्कआउट के बाद मसल्स में एनर्जी के स्टोरेज को रिबिल्ड करने में मदद कर सकते हैं। जो लोग हैवी और देर तक एक्सरसाइज करते हैं उनके लिए पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन में कार्बोहायड्रेट युक्त फूड्स का सेवन जरूरी माना जाता है। इसके लिए हेल्दी कार्ब फूड्स को चुनना चाहिए। जिसमें होल ग्रेन ब्रेड (Whole grain bread), ब्राउन राइस (Brown rice), स्वीट पटेटो (Sweet potato) और फल एवं सब्जियां शामिल हैं। इन फूड्स से हेल्दी कार्ब्स के साथ ही एनर्जी (Energy), फायबर (Fiber), विटामिन्स (Vitamins), मिनरल्स (Minerals) और हेल्दी फैट्स भी मिल जाते हैं।

    कार्बोहायड्रेट का एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य ‘प्रोटीन स्पैरिंग इफेक्ट’ है। प्रोटीन स्पैरिंग (एमिनो एसिड स्पैरिंग) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा शरीर प्रोटीन के अलावा अन्य स्रोतों से ऊर्जा प्राप्त करता है। ऐसे स्रोतों में फैटी टिशूज, डायट्री फैट और कार्बोहायड्रेट शामिल हो सकते हैं। प्रोटीन स्पैरिंग मांसपेशियों के ऊतकों का संरक्षण करता है। यदि आप पर्याप्त मात्रा में कार्ब और फैट का सेवन नहीं करते हैं तो बॉडी को एनर्जी देने के लिए प्रोटीन ब्रेक डाउन हो जाएगा। जो कि हम नहीं चाहेंगे। क्योंकि मसल बिल्डिंग और मसल्स की रिपेयर के लिए प्रोटीन जरूरी है। 

    चलिए अब चलते हैं तीसरे जरूरी न्यूट्रिएंट की तरफ जिसे अक्सर लोग इग्नोर कर देते हैं।

    वर्कआउट के बाद बॉडी को इसलिए होती है प्रोटीन (Protein) की जरूरत

    पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन (Post workout Nutrition) में प्रोटीन (Protein) जरूरी है। प्रोटीन वर्कआउट के बाद डैमेज हुए मसल्स को रिपेयर करने में मदद करता है। यह मसल्स रिकवरी के लिए एमिनो एसिड उपलब्ध कराता है और बॉडी को अगले वर्कआउट सेशन के लिए तैयार करता है। पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन डायट (Post workout Nutrition diet) में आप फिश (Fish), चिकन (Chicken), एग्स (Eggs), बादाम (Almonds), अखरोट (Walnuts), सोयाबीन्स (Soya beans), योगर्ट (Yogurt) चीज (Cheese), टोफू (Tofu) आदि को शामिल कर सकते हैं। ये हाय क्वालिटी प्रोटीन सोर्सेस हैं। बता दें कि स्पोर्ट्स पर्सन और रेगुलर वर्कआउट करने वाले लोगों के लिए डेली प्रोटीन इंटेक 1.2-2.0 ग्राम/किलोग्राम माना गया है। 

    और पढ़ें: इन प्रोटीन फूड्स को अपने रूटीन में शामिल कर, प्रोटीन की जरूरतों को पूरा करने में मदद करें

    पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन में जरूरी है फैट (Fat) भी

    पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन में हेल्दी फैट्स को शामिल करना भी जरूरी माना गया है। फैट एनर्जी देते हैं और विटामिन्स को एब्जॉर्ब करने में बॉडी की मदद करते हैं। हेल्दी फैट्स के लिए पोस्ट वर्कआउट डायट में नट्स (Nuts) , चिया सीड्स (Chia seeds), फ्लैक्स सीड्स (Flax seeds), ऑलिव ऑयल (Olive oil)  और फिश (Fish) को एड करें। 

    पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन (Post workout Nutrition) की लिस्ट एक और खास कंपोनेंट के बिना अधूरी है, जिसे लोग ज्यादा जरूरी नहीं मानते, लेकिन वर्कआउट परफॉर्मेंस (Workout nutrition) को बेहतर बनाने में यह मदद करता है। वह है- वॉटर इंटेक (Water intake) एथलीट्स और रेगुलर वर्कआउट करने वाले लोगों के लिए बेहद जरूरी है। यह बॉडी का हायड्रेट रखने में मदद करता है। हैवी एक्सरसाइज के दौरान बॉडी पसीने के रूप में पानी और इलेक्ट्रोलाइटस (Electrolytes) को बहा देती है। वर्कआउट के बाद पर्याप्त वॉटर इंटेक इस कमी को पूरा करने के साथ ही रिकवरी में मदद कर सकता है।

    पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन

    ये तो हुई पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन की बात, अब बात कर ली जाए पोस्ट वर्कआउट सप्लिमेंटेशन (Post workout supplementation) की। वर्कआउट सप्लिमेंट्स फिटनेस फ्रीक, जिम जाने वाले लोगों और एथलीट्स के वर्कआउट रूटीन का जरूरी हिस्सा हो सकते हैं। 

    और पढ़ें: व्हे प्रोटीन से जुड़े सभी मिथकों को दूर करेंगे, सही जानकारी से युक्त न्यूट्रिशिनिस्ट के ये जवाब

    पोस्ट वर्कआउट सप्लिमेंटेशन (Post workout supplementation)

    पोस्ट वर्कआउट सप्लिमेंट्स (Post workout supplements) यानी वे सप्लिमेंट्स जिनको वर्कआउट के बाद लिया जाता है। पोस्ट वर्कआउट सप्लिमेंट्स बॉडी को रिफ्यूल करने के साथ ही मसल रिकवरी और परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। ये मसल बिल्डिंग (Muscle building), मसल सोरनेस (Muscle soreness) और थकान (Fatigue) को कम करने में मददगार बताए जाते हैं। 

    जो लोग डायट से जरूरी कार्ब, प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और दूसरे पोषक तत्वों को प्राप्त नहीं कर पाते उनके लिए पोस्ट वर्कआउट सप्लिमेंट्स अच्छा ऑप्शन हो सकते हैं, लेकिन इनका उपयोग हमेशा मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह पर ही करना चाहिए। हर एथलीट और जिम जाने वाले व्यक्ति के एक्सरसाइज रूटीन, उसकी बॉडी, उम्र और फिटनेस गोल के अनुसार सप्लिमेंट्स का टाइप और इंटेक अलग हो सकता है। शुरुआत करते हैं पॉपुलर माने वाले वर्कआउट सप्लिमेंट्स से।

    व्हे प्रोटीन (Whey Protein) 

    पोस्ट वर्कआउट न्यूट्रिशन

    पोस्ट वर्कआउट सप्लिमेंट्स (Post workout supplements) में पॉपुलर नाम है व्हे प्रोटीन। इसे हाय क्वालिटी कम्प्लीट प्रोटीन माना जाता है क्योंकि इसमें लगभग सभी 9 एसेंशियल एमिनो एसिड्स होते हैं। यह मसल बिल्डिंग के साथ ही मसल रिकवरी में मदद करता है। वर्कआउट के बाद मसल्स टिशूज ब्रेकडाउन हो जाते हैं इसलिए ऐसे प्रोटीन की जरूरत होती है जो जल्दी एब्जॉर्ब हो जाए ताकि जल्दी मसल रिकवरी हो सके। व्हे प्रोटीन (Whey Protein) जल्दी एब्जॉर्ब होने वाला प्रोटीन है जो पोस्ट वर्कआउट रिकवरी ड्रिंक्स के लिए अच्छा ऑप्शन हो सकता है।

    कार्ब्स सप्लिमेंट्स (Carbs supplements)

    जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि वर्कआउट के दौरान हुए एनर्जी लॉस को रिस्टोर करने में कार्बोहायड्रेट मदद करता है। इसलिए वर्कआउट के बाद अगर आपके पास कार्ब्स रिच फूड्स नहीं हैं, तो कार्ब ब्लेंड सप्लिमेंट्स (Carb blend supplements) कंविनिएंट ऑप्शन हो सकते हैं। ये बॉडी को तुरंत एनर्जी देने में मदद करते हैं।

    माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (Micronutrients) सप्लिमेंट्स 

    मल्टिविटामिन सप्लिमेंट्स पोस्ट वर्कआउट सप्लिमेंटेशन के लिए अच्छा ऑप्शन हो सकते हैं। मिनरल्स और विटामिन्स मसल्स रिकवरी में मदद करते हैं। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से राय ले सकते हैं।

    मास गेनर सप्लिमेंट्स (Mass gainer Supplements)

    मास गेनर सप्लिमेंट्स में प्रोटीन, कार्ब्स और फैट्स का कॉम्बिनेशन होते हैं। यह मसल गेन करने और वजन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। मास गेनर में लीन मास गेनर सप्लिमेंट्स का ऑप्शन भी होता हैं। जो लीन मसल्स गेन करने में मददगार हो सकते हैं। 

    आपके लिए कौन सा सप्लिमेंट्स सही होगा? और आपको किस सप्लिमेंट की जरूरत है? इसके लिए किसी न्यूट्रिशनिस्ट या डॉक्टर की सलाह लें। तब जाकर ये सप्लिमेंट्स रिकवरी में मदद करने के साथ ही परफॉर्मेंस में सुधार करने में मददगार हो सकेंगे। पोस्ट वर्कआउट डायट में प्रोटीन, कार्ब और हेल्दी फैट्स को एड करने का पहला स्टेप इन न्यूट्रिएंट्स से युक्त फूड्स का सेवन हो सकता है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हो रहा है, तो आप डॉक्टर की सलाह पर सप्लिमेंट्स की मदद ले सकते हैं। 

    एक बात याद रखें कि आप जो खाते हैं वह वर्कआउट के बाद रिकवरी और फिट रहने में इंर्पोटेंट रोल प्ले करता है। इसलिए अपनी बॉडी के अनुसार न्यूट्रिशन चुनना अहम है।  

    डिस्क्लेमर

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