हालांकि, प्रोबायोटिक्स (Probiotics) को लेने से कोई मेजर साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं। कुछ मामलों में आप इनके कारण माइनर सिम्प्टम नजर आ सकते हैं जैसे गैस और ब्लोटिंग। यह समस्याएं समय के साथ ठीक हो सकती है। रात को प्रोबायोटिक्स को लेने से आप डेटाइम लक्षणों को कम कर सकते हैं। यदि आप एंटीबायोटिक एसोसिएटेड डायरिया (Antibiotic associated diarrhea) को रोकने के लिए प्रोबायोटिक लेते हैं, तो
आपको यह जान कर हैरानी हो सकती है कि एंटीबायोटिक, प्रोबायोटिक में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट कर सकते हैं। हालांकि, एंटीबायोटिक्स, एंटीबायोटिक एसोसिएटेड डायरिया ((Antibiotic associated diarrhea) ) को रोकने में मदद करने के लिए डिजाइन किए गए स्ट्रेन से प्रभावित नहीं होंगे। संक्षेप में कहें तो एंटीबायोटिक्स लेने से माइनर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जैसे गैस और ब्लोटिंग। इसलिए इसे अन्य दवा के साथ लेने से पहले डकटर से सलाह लें, क्योंकि प्रोबायोटिक्स (Probiotics) इनके इफेक्ट्स पर असर ड़ाल सकते हैं।
उम्मीद है कि प्रोबायोटिक्स लेने का सही समय (Best Time to Take Probiotics) कौन सा है यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। प्रोबायोटिक्स में लाइव माइक्रोऑर्गनिज्म होते हैं, जिनसे गट हेल्थ में सुधार हो सकता है। रिसर्च यह बताती हैं कि अगर इसे मील से पहले लिया जाए, तो कुछ स्ट्रेन सर्वाइव कर सकते हैं। प्रोबायोटिक्स (Probiotics) की टाइमिंग, इसकी कंसिस्टेंसी से कम जरूरी है। यही नहीं ऐसा भी माना जाता है कि बेहतर प्रभाव के लिए इसे रात को लेना चाहिए। प्रोबायोटिक्स (Probiotics) को रोजाना एक ही समय लेने की सलाह दी जाती है।
कुछ फूड्स को भी प्रोबायोटिक्स फूड्स के नाम से भी जाना जाता है। आप इनका सेवन भी कर सकते हैं जैसे दही, केफिर, किमची, मीसो, आचार आदि। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से इसे अवश्य पूछें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।