व्हे प्रोटीन ब्लेंड्स और व्हे आइसोलेट में अंतर तो अब तक हम समझ ही गए हैं, लेकिन मसल्स बिल्डिंग में हमारी मदद कौन कर सकता है, ये बात हमें एक्सपर्ट से बेहतर कौन बता सकता है। एक्सपर्ट मनीषा चोपड़ा के मुताबिक, “चूंकि व्हे आइसोलेट अधिक प्योर होता है, यह तेजी से एब्जॉर्ब होता है। जब इसे वर्कआउट के बाद लिया जाता है तो यह तेजी से एमिनो एसिड प्रदान करता है और मसल्स बिल्डिंग में मददगार होता है।
मसल बिल्डिंग/ रिबिल्डिंग और रिकवरी ऐसी प्रक्रिया है जो वर्कआउट के बाद 48 घंटे तक हो सकती है। इसलिए हमें पूरे दिन एमिनो एसिड की आवश्यकता हो सकती है ताकि पूरे दिन रिकवरी हो सके। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रोटीन रिच डायट लें और जो भी प्रोटीन आपके लिए कारगर हो उसका सेवन करें।
इस बात का ध्यान रखें कि आपका प्रत्येक दिन का प्रोटीन बैलेंस ठीक रहे। व्हे प्रोटीन आइसोलेट्स कम कार्ब्स और फैट के साथ एक उच्च गुणवत्ता वाला कंप्लीट प्रोटीन हैं इसलिए कुछ लोग इन्हें पसंद करते हैं। वहीं यह उन एथलीट्स के लिए भी फायदेमंद हो सकता है जो कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहे होते हैं और फैट/कार्ब के हर एक ग्राम को मॉनिटर करते हैं। आइसोलेट/या कोई भी प्रोटीन लेने और इसके तेजी से अवशोषण से मसल बिल्डिंग या रिकवरी पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ता है।
हालांकि, व्हे प्रोटीन ब्लेंड्स भी मसल बिल्डिंग में मददगार होते हैं। मसल रिकवरी प्रॉसेस 24X7 और इंटेंस वर्कआउट के बाद कई दिनों तक होती है। ब्लेंड्स फास्ट और स्लो डायजेस्टिंग प्रोटीन्स का मिक्स हो सकते हैं इसलिए लोगों को लग सकता है कि ये आइसोलेट्स जितने प्रभावी नहीं होते। क्योंकि लोगों के मन में यह एक मिथ है कि रिकवरी वर्कआउट के तुरंत बाद होती है इसलिए फास्ट डायजेस्टिंग प्रोटीन्स को सेवन वर्कआउट के तुरंत बाद करना चाहिए। जो कि गलत जानकारी है।
जिम जाने वाले लोग वर्कआउट के बाद 30 मिनट के अंदर प्रोटीन शेक कंप्लसरी समझते हैं। जबकि प्रोटीन शेक लेना का सबसे अच्छा वह है जब आपको इसे लेना अच्छा लगे। इसलिए ये दोनों ही वर्कआउट में मददगार हो सकते हैं। आप अपने वर्कआउट के टाइप, बॉडी और बजट के हिसाब से इनका चयन कर सकते हैं। इसके लिए आप मेडिकल प्रोफेशन की भी सलाह ले सकते हैं।
ये भी जान लें
बता दें कि बॉडी में प्रोटीन का पाचन तब से ही शुरू हो जाता है जब आप प्रोटीन फूड्स या सप्लिमेंट्स को चबाना शुरू करते हैं। स्लाइवा में एमाइलेज और लाइपेज नामक दो एंजाइम होते हैं। वे ज्यादातर कार्बोहाइड्रेट और फैट को ब्रेक डाउन करतें हैं। एक बार जब एक प्रोटीन सोर्स आपके पेट में पहुंच जाता है, तो हाइड्रोक्लोरिक एसिड और प्रोटीज नामक एंजाइम इसे एमिनो एसिड की छोटी श्रृंखलाओं में तोड़ देते हैं, भले ही वह आइसोलेट हों |
जैसा कि आपने जाना आपके गोल को अचीव करने के लिए व्हे प्रोटीन (Whey protein) एक कंप्लीट प्रोटीन सप्लिमेंट माना जाता है। लेकिन यदि आप हाय क्वालिटी और कॉस्ट इफेक्टिव प्रोडक्ट का चयन करना चाहते हैं, तो आप व्हे प्रोटीन ब्लेंड्स (Best protein blends) का ऑप्शन चुन सकते हैं। वहीं यदि आप वर्कआउट के बाद प्रोटीन के प्योर फ़ॉर्म का सेवन करना चाहते हैं, तो आप व्हे प्रोटीन आइसोलेट (Isolate) का चयन कर सकते हैं।
प्रोटीन की जरूरत हर व्यक्ति को हर उम्र में पड़ती है, लेकिन जब बात प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने की होती है, तो व्हे प्रोटीन (Whey protein) आपकी पूरी मदद कर सकता है। आप एक्सपर्ट की सलाह लेकर अपनी जरूरत के मुताबिक प्रोटीन सप्लिमेंट का चुनाव कर सकते हैं। ये आपकी मसल्स बिल्डिंग (Muscle Building) से लेकर स्ट्रेंथ बिल्डिंग में आपका साथ दे सकता है। तो आप क्या सोचते हैं, आपके लिए व्हे प्रोटीन सप्लिमेंट का कौन सा प्रकार कारगर साबित होगा? हमें बताएं।