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बिनाइन स्किन कैंसर क्या है, जानिए इसके बारे में अहम जानकारी

बिनाइन स्किन कैंसर क्या है, जानिए इसके बारे में अहम जानकारी

बिनाइन स्किन कैंसर (Benign skin cancer) स्किन की नॉन कैंसरस ग्रोथ है। इस ग्रोथ के बारे में कई बार रूटीन स्किन एग्जामिनेशन के दौरान जानकारी मिलती है। अगर ये कहा जाए कि स्किन में पाए जाने वाले अधिकत ट्यूमर बिनाइन होते हैं, तो ये गलत नहीं होगा। कुछ बिनाइन स्किन कैंसर (Benign skin cancer) कॉमन होते हैं। बिनाइन स्किन कैंसर के नाम से आपको भले ही लग रहा होगा कि ये किसी कैंसर की बीमारी का नाम है, लेकिन सच तो ये है कि बिनाइन स्किन कैंसर (Benign skin cancer) नॉन-कैंसरस स्किन ग्रोथ को कहते हैं। स्किन में आपने भी कई बार कुछ ग्रोथ महसूस की होगी। ये उभार सेल्स के कारण ही होते हैं, लेकिन ये स्किन के अन्य भाग में नहीं फैलते हैं और न ही खतरनाक होते हैं। बिनाइन स्किन कैंसर क्यों होता है, इसके बारे में अभी तक जानकारी प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन ये कुछ फैक्टर बिनाइन स्किन कैंसर को प्रभावित कर सकते हैं। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बिनाइन स्किन ट्यूमर या बिनाइन स्किन कैंसर (Benign skin cancer)  के बारे में जानकारी देंगे।

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बिनाइन स्किन कैंसर (Benign skin cancer)

बिनाइन स्किन कैंसर

बिनाइन स्किन कैंसर (Benign skin cancer) की समस्या होने पर स्किन पर कुछ विभिन्न फीचर भी नजर आते हैं। आमतौर पर इनके शेप, कलर और स्ट्रक्चर में सामानता होती है। इनका विकास स्किन में अचानक से नहीं बल्कि धीमे-धीमे होता है। इनमें किसी भी तरह की ब्लीडिंग नहीं होती है। अगर किसी कारण से चोट लगा जाए (Get hurt for some reason), तो ब्लीडिंग की संभावना बढ़ जाती है। इन्हें मेलेनोसाइटिक (Melanocytic), केराटिनोसाइटिक (keratinocytic), वस्कुलर (Vascular), फिब्रोसिस ( Fibrous) आदि में वर्गीकृत (Classified) किया जा सकता है।

ज्यादातर स्किन ट्यूमर बिनाइन यानी कि नॉन कैंसरस होते हैं। ऐसा रेयर होता है कि ये कैंसरस सेल्स में बदल जाएं। कई प्रकार के बिनाइन स्किन ट्यूमर पाए जाते हैं, जानिए विभिन्न प्रकार के बिनाइन स्किन कैंसर (Benign skin cancer) के बारे में।

मोल्स (Moles): मोल्स के अधिकांश प्रकार बिनाइन स्किन कैंसर (Benign skin cancer) में शामिल हैं।

सेबोरिहक केराटोस (Seborrheic keratoses) : ये मुख्य रूप से टेन, ब्राउन या फिर ब्लैक होते हैं। ये पैरों में या फिर खुरदरी स्किन पर आ सकते हैं।

हिमेंजिओमस (Hemangiomas) : बिनाइन ब्लड वैसल्स ग्रोथ को हिमेंजिओमस कहते हैं। इसे स्ट्राबेरी स्पॉट के नाम से भी जाना जाता है।

लिपोमस (Lipomas): जब फैट सेल्स से सॉफ्ट ट्यूमर बन जाते हैं, तो उन्हें लिपोमस कहते हैं।

वार्ट्स (Warts): जब एचपीवी (HPV)  के माध्यम से रफ सर्फिस ग्रोथ (Rough-surfaced growths) बन जाती है, तो उसे वार्ट्स कहते हैं।

हाइपरट्रॉफिक स्कार्स (Hypertrophic scars): अधिक कोलेजन प्रोडक्शन के कारण स्किन में कुछ निशान नजर आते हैं।

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बिनाइन स्किन कैंसर: ये ट्यूमर हैं अनकॉमन (Uncommon benign skin tumors)

ट्राइकलेमोमा (Trichilemmoma) – ये रेयर बिनाइन स्किन ट्यूमर है और काउडेन रोग (Cowden’s disease ) से संबंधित है।

नेवस सेबेसस ऑफ जॉर्डसन (Naevus sebaceous of Jadassohn) – ये एपिथेलियल नेवी हैं और पीले-नारंगी रंग के साथ जन्मजात नजर आते हैं। ये मोम की तरह होते हैं और स्किन में उभरे रहते हैं।

ट्रिकिपीथेलियोमा (Trichoepithelioma) –ये स्कैल्प या फिर चेहरे में होने वाला गुलाबी रंग का उभार है, जो कॉमन नहीं है। ये किशोरावस्था में देखने को मिल सकता है। इसे सर्जरी के माध्यम से हटाया जा सकता है।

पिलोमैट्रिक्सोमा (Pilomatrixoma) – यह बच्चों और युवा वयस्कों के गर्दन, सिर और बाहों पर होने वाले एपिडर्मल सिस्ट है।

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कैसे डायग्नोज किया जाता है बिनाइन स्किन कैंसर? (Daignosis of Benign skin cancer)

अगर आपको शरीर पर किसी भी स्थान में कोई उभार या फिर निशान दिखाई पड़ता है, तो उसे इग्नोर करने की भूल बिल्कुल भी न करें। आपको उभार या फिर घाव को रोशनी में देखना चाहिए। जिन लोगों को धूप में अधिक काम करना पड़ता है, उन्हें स्किन कैंसर का अधिक खतरा रहता है। लेकिन ये भी सच है स्किन में बनने वाले निशान या फिर उभार कैंसर हो, ये जरूरी नहीं है। कई मामलों में बायोप्सी की जरूरत पड़ती है। साथ ही पेशेंट से क्लीनिकल हिस्ट्री भी पूछी जा सकती है। डॉक्टर क्रायोथेरेपी (Cryotherapy), इलेक्ट्रोडेसिकेशन (Electrodesiccation) के साथ फार्माकोथेरेपी (Pharmacotherapy) दी जा सकती है। अगर आपको बेसल सेल कार्सिनोमा (Basal cell carcinoma) है, तो आपको परिक्षण की जरूरत नहीं है। अगर आपको सेकेंड बेसल सेल कार्सिनोमा है, तो स्किन एक्सपर्ट से बात करें।

बिनाइन स्किन कैंसर ट्रीटमेंट (Benign skin cancer treatment)

कई मामलों में बिनाइन स्किन ट्यूमर में ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर जरूरत पड़ती है, तो डॉक्टर कुछ मेडिसिन जैसे कि रेटिनोइड्स ( Retinoids), कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids), एंटीमाइक्रोबियल एजेंट (Antimicrobial agents) और लेजर थेरिपी (laser therapy), क्रायोथेरेपी (Cryotherapy) आदि ट्रीटमेंट दिए जाते हैं। जरूरत पड़ने पर सर्जिकल रिमूवल भी किया जाता है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से भी परामर्श कर सकते है।

अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है, तो आपको उसका खास ख्याल रखने की जरूरत है। आप जब भी घर से बाहर निकलें, हमेशा सनग्लासेस का इस्तेमाल करें और सनस्क्रीन लगाएं। आप कुछ बातों का ध्यान रख अपनी स्किन की देखभाल (Skin care) कर सकते हैं और उसे कैंसर के खतरे से भी बचा सकते हैं। अगर आपकी स्किन कभी जल गई है या फिर आपने कभी रेडियोथेरिपी ट्रीटमेंट लिया है, तो आपको खास देखभाल की जरूरत है। आपको कुछ केमिकल्स जैसे कि क्रेओसोट (Creosote) और आर्सेनिक (Arsenic) के सीधे एक्सपोजर से बचना चाहिए। स्किन को घातक यूवी रेज से बचाएं रखें और साथ ही डॉक्टर से भी इस बारे में जानकारी लें कि अगर आपको स्किन में किसी तरह का उभार या फिर घाव दिखता है, तो क्या सावधानियां रखनी चाहिए।

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अगर आपको शरीर में किसी तरह का उभार दिख रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। बिना जांच से उभार का ट्रीटमेंट खुद न करें। डॉक्टर से परामर्श के बाद ही दवाओं का सेवन करें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने बिनाइन स्किन कैंसर (Benign skin cancer)  के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Accessed on 4/6/2021

https://medlineplus.gov/ency/article/007673.htm

https://www.aafp.org/afp/2003/0215/p729.html

https://www.cancer.org/cancer/basal-and-squamous-cell-skin-cancer/about/what-is-basal-and-squamous-cell.html#:~:text=There%20are%20many%20kinds%20of,also%20known%20as%20stucco%20keratosis

https://www.google.com/url?sa=j&url=https%3A%2F%2Fwww.amboss.com%2Fus%2Fknowledge%2FBenign_skin_lesions&uct=1615868386&usg=PLh6lNMZ_4e9lQP-ph7foZA-tM4.&source=chat

medlineplus.gov/skininfections.html

Current Version

21/12/2021

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nikhil deore


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Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/12/2021

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