मैं ओलैंजपिन का इस्तेमाल कैसे करूं?
इस दवा को डॉक्टर की सलाह पर खाली पेट या खाना खाकर आमतौर पर दिन में एक बार ले सकते हैं।
दवा की खुराक आपकी मेडिकल कंडिशन और उपचार के रिस्पांस पर निर्भर करेगी। साइड इफेक्ट्स के खतरे को कम करने के लिए डॉक्टर आपको दवाई का कम डोज देगा और धीरे- धीरे डोज बढ़ा दी जाएगी। अपने डॉक्टर की सलाह को सावधानीपूर्वक मानें।
यह दवा उच्च रक्त शर्करा (हाइपरग्लाइसेमिया) का कारण बन सकती है। यदि आप मधुमेह के रोगी हैं, तो अपने रक्त शर्करा के स्तर की नियमित रूप से जांच करें, जब आप ओलेंजापाइन ले रहे हों।
इस दवा को लेते समय आपका वजन बढ़ सकता है या हाई कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स (वसा के प्रकार) हो सकता हैं, खासकर अगर आप एक किशोरी हैं। आपके खून को अक्सर परीक्षण करने की जरूरत हो सकती है। अपने डॉक्टर के पास नियमित रूप से जाएं।
इस दवा के ज्यादा फायदे के लिए इसे नियमित तौर पर लें। दवा की खुराक ना भूलने के लिए हर रोज दवाई को एक ही समय पर लें। डॉक्टर द्वारा निर्धारित समय तक दवाई लेते रहें चाहें दवाई लेने के बाद आप थोड़ा बेहतर भी महसूस कर रहें हैं। बिना डॉक्टर के सलाह के दवा लेना ना छोड़ें।
अगर आपकी स्थिती पहले जैसी बनी रहती है और या बिगड़ जाती हैं तो अपने डॉक्टर से मिलें।
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ओलैंजपिन (olanzapine) का उपयोग करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
ओलैंजपिन लेने से पहले,
- अपने डॉक्टर और फार्मासिस्ट को बताएं कि क्या आपको ओलैंजपिन या किसी दूसरी दवाओं से एलर्जी है
- अपने डॉक्टर को बताएं कि आप कौन सी दवाएं, विटामिन, पोषण की दवाएं ले रहे हैं या कोई हर्बल उत्पाद लेने वाले हैं। इनमें से किसी की दवा को लेने के बारे में जरूर बताएं: एंटीडिप्रेसेंट; एंटीहिस्टेमाइंस; कार्बामाजेपिन (टेग्रेटोल); डोपामाइन एगोनिस्ट जैसे ब्रोमोक्रिप्टिन (पारलोडल), कैर्बजोलीन (डोस्टिनेक्स), लेवोडोपा (डोपार, लॉरोडोपा), पेर्गोलाइड (पर्मैक्स), और रोपिनीरोले (रिक्विप); सिप्रोफ्लोक्सासिन (सिप्रो), गैटिफ्लोक्सासिन (टेक्विन) (संयुक्त राज्य अमेरिका में उपलब्ध नहीं), लेवोफ्लॉक्सासिन (लेवाक्विन), नॉरफ्लोक्सासिन (नोरोक्सिन), टॉक्सोकारिन (फ्लोक्सिन) सहित फ्लूरोक्विनोलोन एंटीबायोटिक्स, अन्य; फ्लुवोक्सामाइन (ल्यूवॉक्स); आईपीट्रोपियम (एट्रोवेंट); चिंता, उच्च रक्तचाप, चिड़चिड़ा आंत्र रोग, मानसिक बीमारी, गति बीमारी, पार्किंसंस रोग, दौरे, अल्सर या यूरिन प्रॉब्लम्स के लिए दवाएं; ओमेप्राजोल (प्रिलोसेक); रिफैम्पिन (रिफैडिन); नींद की गोलियां; टिक्लोपीडिन (टिक्लिड); और ट्रैंक्विलाइजर। आपके डॉक्टर को आपकी दवाओं की खुराक को बदलने या उनके साइड इफेक्ट्स जानने के लिए सावधानीपूर्वक निगरानी करने की जरूरत हो सकती है।
- अपने डॉक्टर को जरूर बताएं अगर आपने कभी स्ट्रीट ड्रग्स का इस्तेमाल किया है या नहीं, या डॉक्टर की निर्धारित दवाओं का इस्तेमाल किया है। अगर आपको कभी स्ट्रोक हुआ है, या मिनी-स्ट्रोक, दिल की बीमारी या दिल का दौरा, अनियमित दिल की धड़कन, दौरे, स्तन कैंसर, कोई भी ऐसी स्थिति जो आपको निगलने में कठिनाई, हाई या लो ब्लडप्रेशर, आपके खून में फैट (कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स) का एक उच्च स्तर, सफेद रक्त कोशिकाओं की कम संख्या, लिवर या प्रोस्टेट रोग, लकवाग्रस्त इलेयुस (ऐसी हालत जिसमें खाना आंत से नहीं जा सकता); ग्लूकोमा ( आंख की स्थिति), या हाई ब्लड शुगर, या अगर आपके या आपके परिवार में किसी को कभी भी डायबिटिज हुई है। अपने डॉक्टर को बताएं कि क्या आपको गंभीर उल्टी या दस्त या डीहाईड्रेशन के संकेत हैं, या अगर इलाज के दौरान इनमें से कोई भी लक्षण आपको महसूस होते हैं।अगर किसी साइड इफेक्ट के चलते दिमागी बीमारी की दवा लेना बंद करना पड़ा है तो उसके बारे में डॉक्टर को बताएं।
- अगर आप सर्जरी करवा रहे हैं, जिसमें दांतों की सर्जरी भी शामिल है, तो अपने डॉक्टर या दांत के डॉक्टर को बताएं कि आप ओलैंजपिन ले रहे हैं।
- आपको पता होना चाहिए कि ओलैंजपिन से आपको चक्कर आ सकता है। जब तक दवा का असर ना पता चलें तब तक गाड़ी या मशीन ना चलाएं।
- आपको पता होना चाहिए कि इस दवा के कारण होने वाले असर को शराब और बढ़ा सकती है। ओलैंजपिन लेते समय शराब न पिएं।
- अपने डॉक्टर को बताएं कि आप तंबाकू के उत्पाद का सेवन करते हैं। सिगरेट पीने से इस दवा का असर कम हो सकता है।
- आपको पता होना चाहिए कि ओलैंजपिन लेने के बाद जब आप लेट कर उठते हैं, तो यह आपके धड़कन तेज या धीमी कर सकता है, चक्कर आना, चक्कर आना और बेहोशी का कारण बन सकता है। शुरुआत में ओलैंजपिन लेने से यह सारी परेशानियां हो सकती हैं । इस परेशानी से बचने के लिए, बिस्तर से धीरे-धीरे उठें, खड़े होने से पहले कुछ मिनट के लिए अपने पैरों को फर्श पर टिकाएं।
- ओलैंजपिन लेने की वजह से शरीर ज्यादा गरम होने के बाद दोबारा ठंडा होने में समय लगाता है। अगर आप अधिक एक्सरसाइज या ज्यादा गर्मी में जाने की योजना बना रहे तो अपने अपने डॉक्टर को बताएं।
- अगर आपको फेनिलकिटोनुरिया (पीकेयू, एक जेनेटिक स्थिति जिसमें दिमागी बीमारी को रोकने के लिए खास डायट फॉलो करना चाहिए) है, तो आपको पता होना चाहिए कि ओलैंजपिन की गोलियों में एस्पार्टेम होता है जो फेनिलएलनिन बनाता है।
- किशोरों के इलाज के लिए ओलैंजपिन का इस्तेमाल करते समय, इसका पूरा इलाज ट्रीटमेंट प्रोग्राम से होना चाहिए जिसमें परामर्श और शैक्षिक सहायता शामिल हो सकती है। यह जरुर देखें कि आपका बच्चा डॉक्टर और के निर्देशों का पालन करता है।