एलोवेरा का परिचय (Uses Of Aloe Vera In Hindi)
एलोवेरा (Aloe Vera) क्या है?
कांटों की तरह दिखने वाला और कई खूबियों से भरपूर एलोवेरा (Aloe vera) का पौधा गर्म और शुष्क इलाकों में पाया जाता है। एलोवेरा के पौधे का इस्तेमाल जैल बनाने और लेटैक्स (एक तरह का वनस्पति दूध) बनाने के लिए किया जाता है। इसकी पत्तियों को बीच से काटने पर जो तरल पदार्थ निकलता है, उससे जैल का निर्माण किया जाता है, जबकि लैटेक्स को पत्ती की त्वचा के ठीक नीचे की कोशिकाओं से प्राप्त किया जाता है।
कई औषधीय गुणों से भरपूर एलोवेरा (Aloe vera) का इस्तेमाल कई तरह की दवाओं के निर्माण में भी किया जाता है। इसे सीधे दवाई के तौर पर भी खाया जा सकता है। कई त्वचा संबंधित समस्याओं में भी इसे उपचार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग एलोवेरा (Aloe vera) का इस्तेमाल वजन घटाने, मधुमेह, हेपेटाइटिस, आंतों की सूजन, पुराने ऑस्टियोअर्थराइटिस, पेट के अल्सर, अस्थमा, त्वचा के घावों, बुखार, खुजली और सूजन आदि समस्या में भी करते हैं।
एलोवेरा (Aloe vera) पर हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि इसमें पाया जाने वाला रसायन एसमैनन (Acemannan) एचआईवी(एड्स) की समस्या में भी काफी सहायक हो सकता है। कुछ जगहों पर एलोवेरा का इस्तेमाल हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
और पढ़ें : कंटोला (कर्कोटकी) के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Kantola (Karkotaki)
एलोवेरा (Aloe vera) लैटेक्स का इस्तेमाल मुख्य रूप से कब्ज को खत्म करने के लिए किया जाता है। शोध में यह बात सामने आई है कि इसका इस्तेमाल मिर्गी के दौरे (seizures), अस्थमा की समस्या, जुकाम, खून बहने, असामान्य मासिक धर्म, कोलाइटिस,अवसाद, मधुमेह की बीमारी, मोतियाबिंद, बवासीर की समस्या, ऑस्टियोअर्थराइटिस, आंखों की समस्या और कैंसर जैसी बीमारियों में किया जाता है।
कुछ लोग चेहरे पर एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करते हैं। शोध के मुताबिक, एलोवेरा जेल का इस्तेमाल चेहरे पर होने वाली जलन, कील-मुहांसे की समस्या, रैशेज, मुंह में सूजन, मुंह में जलन, डायपर रैशज, बवासीर और आंतरिक बवासीर को हटाने के बाद होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए प्रभावकारी है। पुराने ऑस्टियोअर्थराइटिस, सूजन में एलोवेरा जेल (Aloe vera) का इस्तेमाल एक एंटीसेप्टिक के रूप में किया जाता है। एलोवेरा एक्सट्रेक्ट और एलोवेरा जेल का इस्तेमाल, जननांग दाद, स्कैल्प और खुजली वाली त्वचा, जलन, सनबर्न और शुष्क त्वचा के लिए किया जाता है।
और पढ़ें: चिचिण्डा के फायदे एवं नुकसान ; Health Benefits of Snake Gourd (Chinchida)
एलोवेरा (Aloe Vera) कैसे काम करता है?
हर्बल सप्लिमेंट के उपयोग से जुड़े नियम,अंग्रेजी दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरूरत है। इस हर्बल सप्लिमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
एलोवेरा (Aloe vera) जेल त्वचा के लिए फायदेमंद है और इसका इस्तेमाल त्वचा संबंधित कई समस्याओं के उपचार के तौर पर किया जाता है। इसका इस्तेमाल स्किन पर होने वाली सोरायसिस जैसी बीमारियों से राहत पाने के लिए भी काफी प्रभावकारी है।
ऐलोवेरा पर हुए शोध में यह बात सामने आई है कि इसमें कुछ ऐसे घटक पाए जाते हैं, जो कुछ प्रकार के बैक्टीरिया और कवक के लिए हानिकारक हो सकते हैं। एलोवेरा (Aloe vera) लैटेक्स में कुछ ऐसे रसायन मौजूद होते हैं, जोकि एक विरेचक औषधि (laxative) के रूप में काम करते हैं।
और पढ़ें: अस्थिसंहार के फायदे एवं नुकसान: Health Benefits of Hadjod (Cissus Quadrangularis)
सावधानियां और चेतावनी (How Safe Is Using Aloe Vera In Hindi)
एलोवेरा (Aloe Vera) का उपयोग करने से पहले मुझे किन बातों पता होना चाहिए?
अपने चिकित्सक या फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श करें, यदि:
- अगर आप गर्भवती हैं या फिर शिशु को स्तनपान करवा रही हैं, तो एलोवेरा का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। ऐसा इसलिए है, क्योंकि गर्भावस्था में महिला को अपने खानपान का ध्यान रखना जरूरी होता है, ऐसे में अगर एलोवेरा का सेवन किया जाए, तो कई बार यह नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। इसलिए एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
- अगर आप कोई स्वास्थ्य संबंधी दवाई का सेवन कर रहे हैं, तो इसका सेवन करने से बचें।
- अगर आपको किसी तरह की एलर्जी है, तो एलोवेरा का सेवन बिना डॉक्टर के सुझाव के न करें।
- आपको कोई अन्य बीमारी, विकार या कोई चिकित्सीय उपचार चल रहा है, तो भी इसका सेवन न करें।
हर्बल सप्लिमेंट के उपयोग से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें: पर्पल नट सेज के फायदे एवं नुकसान: Health Benefits of purple nut sedge
कितना सुरक्षित है एलोवेरा (Aloe Vera) का सेवन?
अगर आप एलोवेरा जेल का इस्तेमाल एक कॉस्मेटिक या दवा के तौर पर कर रहे हैं, तो यह सुरक्षित है।
अगर आप कम समय के लिए एलोवेरा (Aloe vera) को खा रहे हैं, तो इसका इस्तेमाल सुरक्षित है। आप चाहें तो रोजाना 15 मिलीग्राम एलोवेरा ले सकते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह प्रक्रिया 42 दिनों तक दोहराना सुरक्षित है।
साथ ही 50% एलोवेरा (Aloe vera) जेल युक्त घोल को चार हफ्ते तक दिन में दो बार लिया जा सकता है। एक खास जेल कॉम्प्लेक्स (एलो क्यूडीएम कॉम्प्लेक्स यूनीवेरा इंक) को आठ सप्ताह तक रोजाना लगभग 600 मिलीग्राम लेना सुरक्षित माना गया है।
अगर आप एलोवेरा(Aloe vera) लैटेक्स की ज्यादा मात्रा लेते हैं तो भी यह आपके लिए असुरक्षित हो सकता है।
और पढ़ें : पारिजात (हरसिंगार) के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Night Jasmine (Harsingar)
एलोवेरा का इस्तेमाल करने से पहले बरतें ये सावधानियां
प्रेग्नेंसी या स्तनपान के दौरान :
एलोवेरा जेल या लैटेक्स का इस्तेमाल गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित नहीं माना गया है। शोध के मुताबिक, एलोवेरा का इस्तेमाल करने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इस दौरान इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
और पढ़ें: खरबूज के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Muskmelon (Kharbuja)
बच्चों के लिएः
बच्चों की त्वचा पर एलोवेरा जैल का इस्तेमाल करना सही है। लेकिन, अगर आप एलोवेरा लैटेक्स और एलोवेरा के पत्तों का अर्क 12 साल से छोटे बच्चे पर करते हैं, तो उन्हें पेट में दर्द, ऐंठन और दस्त की समस्या हो सकती है।
डायबिटीज:
शोध में यह बात सामने आई है कि एलोवेरा का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल को कम किया जा सकता है। अगर आप भी डायबिटीज पेशेंट हैं और एलोवेरा का इस्तेमाल ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए करना चाहते हैं, तो एक बार सभी पहलुओं पर बारीकी से जांच करें।
और पढ़ें: दूर्वा (दूब) घास के फायदे एवं नुकसान : Health Benefits of Durva Grass (Bermuda grass)
क्रोहन रोग:
अल्सरेटिव या कोलाइटिस में से अगर आपको कोई भी समस्या हो, तो ऐलोवेरा लैटेक्स का प्रयोग बिल्कुल भी न करें। कई बार एलोवेरा (Aloe vera) लैटेक्स लेने से आंत में जलन की समस्या हो सकती है। इसका इस्तेमाल करते वक्त इस बात का भी ध्यान रखें कि एलोवेरा के पत्तों से बने उत्पादों में कुछ एलोवेरा लैटेक्स शामिल होंगे।
बवासीर:
बवासीर होने पर एलोवेरा (Aloe vera) लैटेक्स न लें। इससे हालत और खराब हो सकती है।
किडनीः
किडनी की समस्या होने पर एलोवेरा (Aloe vera) का अधिक सेवन न करें, क्योंकि इससे किडनी फेल भी हो सकती है।
सर्जरीः
सर्जरी के वक्त या सर्जरी के बाद एलोवेरा (Aloe vera) लेने से यह ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है। अगर आपने हाल ही में कोई सर्जरी करवाई है, तो कम से कम दो सप्ताह तक एलोवेरा का इस्तेमाल न करें।
और पढ़ें: आलूबुखारा के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Aloo Bukhara (Plum)
एलोवेरा के साइड इफेक्ट (Aloe Vera Side Effects In Hindi)
ऐलोवेरा से मुझे किस तरह के साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
एलोवेरा के जितने फायदे हैं, उतने ही नुकसान भी हैं। शोध में यह बात सामने आई है कि एलोवेरा का इस्तेमाल करने से पेट दर्द और ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। एलोवेरा (Aloe vera) का अधिक मात्रा में लंबे समय तक उपयोग करने से दस्त, गुर्दे की समस्याएं, पेशाब में खून, पोटैशियम का कम होना, मांसपेशियों की कमजोरी, वजन घटाने और हृदय की गड़बड़ी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई दिनों तक रोजाना एक ग्राम एलोवेरा (Aloe Vera) लैटेक्स लेना शरीर के लिए घातक हो सकता है।
शोध में यह बात भी सामने आई है कि एलोवेरा (Aloe vera) के पत्ते का अर्क लेने से कुछ लोगों में किडनी की समस्या हुई है, हालांकि यह असामान्य स्थिति है। शोधकर्ताओं का कहना है कि एलोवेरा के अर्क से सिर्फ उन्हीं लोगों को समस्या होती है, जो अतिसंदेवनशील होते हैं।
इसके अलावा एलोवेरा (Aloe vera) के कई और भी दुष्प्रभाव हो सकते हैं। अगर एलोवेरा (Aloe vera) लेने के बाद आपको किसी भी तरह की परेशानी होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें : आयुर्वेद और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के बीच क्या है अंतर? साथ ही जानिए इनके फायदे
एलोवेरा से पड़ने वाले प्रभाव (Aloe Vera Effects In Hindi)
एलोवेरा (Aloe vera) से जुड़े परस्पर प्रभाव
इस हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा से सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
और पढ़ें: एलोवेरा के फायदे : सिर्फ टैनिंग ही नहीं स्किन प्रॉब्लम्स के लिए है रामबाण
एलोवेरा की खुराक (Aloe Vera Dosage In Hindi)
एलोवेरा की सामान्य खुराक क्या है?
व्यस्कों के लिए (अगर खाने में इस्तेमाल कर रहे हैं) :
कब्ज के लिएः
शोध के मुताबिक 100-200 मिलीग्राम एलोवेरा (Aloe vera) या फिर 50 मिली ग्राम एलोवेरा (Aloe vera) एक्सट्रेक्ट शाम के वक्त लेने से कब्ज से छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा आप 500 मिलीग्राम का एलोवेरा कैप्सूल रोजाना एक ले सकते हैं। आप चाहें तो अपनी आवश्यकतानुसार एलोवेरा कैप्सूल एक दिन में तीन ले सकते हैं।
और पढ़ें: बुरांश के फायदे एवं नुकसान: Health Benefits of Buransh
वजन घटाने के लिएः
वजन घटाने के लिए एलोवेरा से बने प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करना काफी लाभदायक माना जाता है। आप एलोवेरा जेल से निर्मित (एलोवेरा क्यूडीएम कॉम्प्लेक्स, यूनीवेरा इंक, सियोल) जेल दिन में दो बार ले सकते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक आपको इस प्रक्रिया को आठ सप्ताह तक दोहराना होगा।
चेहरे पर इस्तेमाल करने के लिए
मुंहासों के लिए:
रोजाना सुबह और शाम चेहरा धोने के बाद एलोवेरा (Aloe vera) जेल लगाने से मुंहासों से निजात मिलती है।
और पढ़ें : भुई आंवला के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Bhumi Amla
जलने पर:
एलोवेरा जेल और जैतून के तेल की क्रीम को दिन में दो बार छह सप्ताह तक लगाना चाहिए। इसके अलावा, एलोवेरा (Aloe vera) क्रीम का इस्तेमाल घाव की ड्रेसिंग और जले हुए के घाव को खत्म करने के लिए दिन में तीन बार रोजाना लगाना चाहिए या इसको लगाना तब तक जारी रखें, जब तक कि वह निशान खत्म नहीं हो जाते।
दाद के लिए:
0.5% एलोवेरा एक्स्ट्रेक्ट वाली क्रीम रोजाना तीन बार लगाने से दाद से छुटकारा मिल सकता है। आप चाहें तो दाद वाले स्थान पर एलोवेरा लगाने की प्रक्रिया को सप्ताह में पांच दिनों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
और पढ़ें: एलोवेरा के फायदे : सिर्फ टैनिंग ही नहीं स्किन प्रॉब्लम्स के लिए है रामबाण
त्वचा या मुंह पर खुजली वाले चकत्तों के लिए (Lichen planus):
स्किन पर खुजली के कारण होने वाले चकत्ते के लिए एलोवेरा जेल का इस्तेमाल रोजाना दो से तीन बार करने से राहत मिलती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, आपको इस प्रक्रिया को आठ सप्ताह तक दोहराना जरूरी है। रोजाना दिन में 4 बार दो चम्मच एलोवेरा माउथवॉश का इस्तेमाल सिर्फ दो मिनट करने से मुंह की खुजली से राहत मिलती है। इससे सांसों की बदबू से भी छुटकारा पया जा सकता है।
एलोवेरा (Aloe vera) किस रूप में उपलब्ध है?
- पत्तों के रूप में
- कैप्सूल
- जेल
[embed-health-tool-bmi]