परिचय
जावित्री क्या है?
जावित्री और जायफल दोनों एक ही मायरिस्टिका फ्रैगरैंस (Myristica fragrans) नामक पेड़ पर उगने वाली जड़ीबूटी हैं। फल के सूखे जालीदार हिस्से को जावित्री कहते हैं और फल का सूखा बीज जो गरी कि तरह दिखता है वो जायफल है। जावित्री का वानस्पतिक नाम मायरिस्टिका फ्रैगरैंस और अंग्रेजी नाम मेस (mace) है। ज्यादातर घरों की रसोई में ये आराम से मिल जाएगा। इसे खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए मसाले की तरह इस्तेमाल भी किया जाता है। दिखने में यह मसाला हल्का पीला और नारंगी रंग का होता है। औषधीय गुणों से भरपूर जावित्री का प्रयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
जावित्री का उपयोग किस लिए किया जाता है?
डाइजेस्टिव सिस्टम को रखे हेल्दी:
जावित्री पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद होता है। ये पेट की सूजन, कब्ज और गैस संबंधित समस्याओं से निजात दिलाता है। इसके अलावा, ये मल त्याग में होने वाली कठिनाई से राहत दिलाता है। इसलिए कब्ज की समस्या होने पर इसका सेवन किया जा सकता है या कब्ज की परेशानी होने पर या कब्ज की समस्या से बचने के लिए इसका सेवन किया जा सकता है। दरअसल इसमें थायमिन होता है जो, पाचन शक्ति को बढ़ाने में सहायता करता है। हालांकि इसके सेवन से पहले डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।
इंफेक्शन से लड़ने में मददगार:
जावित्री में एस्ट्रिंजेंट और ऐफ्रोडिसीयाक गुण होते हैं जो, शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने में सक्षम बनाता है। साथ ही, यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है।
डायबिटीज:
जावित्री में मौजूद एंटी-डायबिटिक गुण काफी हद डायबिटीज को कंट्रोल रखने में मददगार है। दरअसल जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है तो डायबिटीज की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है या व्यक्ति डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हो जाता है। इसलिए डायबिटीज की बीमारी से बचने के लिए इसका सेवन लाभदायक होता है। अगर आप डायबिटीज के पेशेंट हैं तो अपने हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लेकर इसका सेवन कर सकता हैं।
दांतों के लिए लाभदायक:
जावित्री में मौजूद एस्ट्रिंजेंट और एंटी-इन्फलामेट्री गुण दातों से जुड़ी परेशानियों से निजात दिलाते हैं। इसके सेवन से दांतों में सूजन कम होती है। इसमें पाए जाने वाले तत्व दांतों को कैविटी और सड़न से कवच प्रदान करते हैं।
ब्लड सर्कुलेशन को करे बेहतर:
जावित्री ब्लड सर्कुलेशन को बूस्ट करता है जो, हमारी स्किन और बालों को हेल्दी बनाता है। इसके अलावा, ये हमे कई बड़ी बीमारियों और इन्फेक्शन से बचाता है। ब्लड सर्कुलेशन के बेहतर होने से डायबीटिज भी कंट्रोल में रहती है।
स्ट्रेस को करता है दूर:
जावित्री को स्ट्रेस बस्टर भी कहा जाता है। ये शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखता है। साथ ही, दिमाग की शक्ति को बढ़ाने में भी ये असरदार है।
किडनी के लिए लाभकारी:
जावित्री किडनी के लिए भी बेहद फायदेमंद है। ये किडनी में होने वाली पथरी को बनने से रोकती है। अगर किसी के किडनी है तो उसे गलाने में मदद करती है।
सर्दी, खांसी और जुकाम:
ये वायरल बीमारियां और फ्लू से सुरक्षा प्रदान करती है। इसका इस्तेमाल कई कफ सिरप में किया जाता है। अस्थमा पेशेंट्स के लिए भी ये एक अच्छा उपाय है।
भूख बढ़ाने में मददगार:
कई बार एसिडिटी व पेट में संक्रमण होने के कारण हमारी भूख कम हो जाती है या भूख नहीं लगती है। ऐसे में जावित्री का इस्तेमाल कर पाचन शक्ति में सुधार किया जा सकता है। इससे भूख भी बढ़ती है।
इन बीमारियों को भी करती है दूर:
इन सभी बीमारियों में इसका सेवन और शरीर को फिट रखने में काफी मददगार होता है। इसलिए इसका सेवन करना शरीर के लिए अच्छा माना जाता है। हालांकि की भी हर्बल सप्लीमेंट्स के सेवन से पहले अपने हेल्थ एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें। क्योंकि इसका शरीर पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है।
कैसे काम करती है जावित्री?
जावित्री में कई ऐसे केमिकल्स होते हैं जो हमारे नर्वस सिस्टम पर असर डालते हैं। ये बैक्टीरिया और फंगस को भी नष्ट करने में भी मददगार है।
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उपयोग
कितना सुरक्षित है जावित्री का उपयोग ?
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसके सेवन से बचें। अगर इसका सेवन करना भी चाहती हैं तो, एक बार किसी चिकित्सक या हर्बलिस्ट से परामर्श जरूर लें।
- अगर आप कोई स्वास्थ्य संबंधी दवाई का सेवन कर रहे हैं तो इसका सेवन करने से बचें।
- अगर आपको किसी तरह की एलर्जी या दवाई से नुकसान है तो केसर का सेवन बिना डॉक्टर के सुझाव के न करें।
- आपको कोई अन्य बीमारी, विकार या कोई चिकित्सीय उपचार चल रहा है तो इसका सेवन न करें।
- शोधकर्ताओं के मुताबिक, अधिक मात्रा में जावित्री का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए।
- लिवर की दवाओं के साथ इसका इस्तेमाल किया जाए तो यह दवाओं को बेसर कर सकता है। इतना ही नहीं दोनों का एक साथ सेवन करने से कई तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं
- यदि आपको किसी तरह के खाने, जानवर या सामान से एलर्जी है तो इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प ना मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरुर लें।
साइड इफेक्ट्स
जावित्री से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
इसके सेवन से शरीर पर निम्नलिखित नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जैसे-
- पेट में दर्द महसूस होना
- जी मिचलाना
- उल्टी होना
- बार-बार प्यास लगना
- चक्कर आना
- दौरे पड़ना
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डोजेज
जावित्री को लेने की सही खुराक
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
हर्बल सप्लीमेंट के उपयोग से जुड़े नियम, दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरुरत है।
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उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है?
यह निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है। जैसे-
- कच्ची जावित्री
- ऑयल
- लिक्विड एक्सट्रेक्ट
अगर आप जावित्री से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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