परिचय
नीलकूपी (Cornflower) क्या है?
नीलकूपी एक ऐसी औषधि है जिसमें नीले रंग के फूल आते हैं। इसे कॉर्नफ्लावर भी कहते हैं। इसके सूखे फूलों से दवा बनती है। यह औषध एसिडिक बाग में,अनाज के खेतों में और पर्वतों पर उगता है। इसका साइंटिफक नाम Centaurea Cyanus है। इसके पैदा होने का खास समय जून से अगस्त के बीच का है। यह एक जंगली फूल है जिसका पौधा एक मीटर तक लंबा हो सकता है। यह यूके के साथ-साथ मध्य और दक्षिणी इंग्लैंड में भी यह काफी आम है। इसकी खेती के लिए हल्की रेतली मिट्टटी सबसे उपयुक्त होती है।
इसे ब्लूबोटल, कॉर्न-ब्लिंक्स, लैडर लव, लॉगर-हेड्स और ब्लावर्स के नाम से भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल प्लेग, घाव, बुखार और सूजन के उपचार के लिए किया जाता है। हालांकि, इसका अधिक मात्रा में सेवन करना जीवन के लिए जोखिम भरा भी साबित हो सकता है। औषधि के तौर पर इसके सूखे फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। इस औषधीय फूल का इस्तेमाल चाय के तौर पर भी किया जा सकता है। इसका चाय पीने से लिवर और पित्ताशय संबंधित बिमारियों, मासिक धर्म संबंधी विकार और योनि यीस्ट संक्रमण का उपचार भी किया जा सकता है। कुछ लोग जलन या आंखों में किसी तरह की परेशानी होने पर भी इसका इस्तेमाल करते हैं।
कई जगहों पर कार्नफ्लावर का इस्तेमाल बुखार, कब्ज, वाटर रिटेंशन और चेस्ट कंजेशन की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल टॉनिक के रूप में किया जाता है, ताकि गॉल ब्लैडर सुचारू रूप से काम कर सके। कई लोग कॉर्नफ्लावर का सीधे तौर पर आंखों से जुड़े डिस्कंफर्ट और इरिटेशन को दूर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। खाने की बात करें तो कार्नफ्लावर का इस्तेमाल हर्बल चाय को बनाने के काम में लाया जाता है। इससे रंग अच्छा आता है। तो आइए हम कार्नफ्लावर के इस्तेमाल, साइड इफेक्ट, इंटरेक्शन, डोज व किस रूप में यह उपलब्ध है उसके बारे में जानने के लिए पढ़ें यह आर्टिकल।
उपयोग
नीलकूपी (Cornflower) का उपयोग किस लिए किया जाता है?
लोग नीलकूपी के पत्तों की चाय का प्रयोग इन समस्याओं में किया जा सकता है :
- बुखार
- आंखों में जलन
- कब्ज की समस्या
- वॉटर रिटेंशन
- छाती में जमाव
साथ ही, इसका उपयोग नीचे बताए रूप में भी किया जा सकता है :
- टॉनिक के तौर पर
- लिवर और पित्ताशय उत्तेजक के तौर पर
- यौन संबंधी समस्याओं में।
- कुछ लोग आंखों की जलन और बेचैनी होने पर, नीलकूपी के पत्ते सीधे आंखों पर लगाते हैं।
- खाने में कॉर्न फ्लॉवर हर्बल चाय में डाला जाता है।
- इसे त्वचा के घाव और खरोंच पर लगाने से राहत मिलती है।
- नीलकूपी के डंठल को काट कर उसके सिरे से घाव पर रगड़िए।
- आंखों के लिए इसका इस्तेमाल करने के लिए, इसकी चाय बनाइए, फिर एक स्वच्छ कपड़ा इसमें डुबोइए और इसे आंखों पर रखें।
- चेहरे की त्वचा पर खिल, मुंहासे, जलन या चकत्ते हो, तो नीलकूपी के पत्तों और फूलों से फेशियल स्टीम ले सकते हैं- इसके लिए इसके पत्ते और फूल को उबलते हुए पानी में उबालिए, फिर ढक्कन से बर्तन को ढक लें। अपने सर को टॉवल से ढके और उबले हुए मिश्रण की भांप चेहरे पर आए ऐसे 15 मिनट तक बैठें। ठंडे पानी से चेहरा साफ करें। इससे आपको तुरंत ही फर्क महसूस होगा।
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इस औषधि के अन्य उपयोग भी हैं:
- कॉर्नफ्लावर की पंखड़ी से नीला रंग निकाला जाता है, जो फिटकिरी के साथ मिलाया जाता है। यह डाई कपड़ों को सुंदर रंग देती है, पर यह क्षणिक होता है।
- इसकी सूखी पत्तियां खाने में रंग लाने के लिए डाली जाती हैं।
- कॉर्नफ्लावर के पौधे के एक्सट्रैक्ट को शैम्पू और सफाई की अन्य चीजों में मिलाया जाता है।
इसके आलावा निम्नलिखित समस्याओं के इलाज में नीलकूपी का उपयोग होता है:
- मोतियाबिंद
- धूप की कालिमा
- त्वचा के चकत्ते
- खिल
नीलकूपी कैसे काम करता है?
यह एक हर्बल सप्लिमेंट है और कैसे काम करता है। इसके संबंध में अभी कोई ज्यादा शोध उपलब्ध नहीं हैं। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप किसी हर्बल विशेषज्ञ या फिर किसी डॉक्टर से संपर्क करें।
सावधानियां और चेतावनी
नीलकूपी (Cornflower) का इस्तेमाल करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:
- यदि आप प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं। दोनों ही स्थितियों में सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही दवा खानी चाहिए।
- यदि आप अन्य दवाइयां ले रही हैं। इसमें डॉक्टर की लिखी हुई और गैर लिखी हुई दवाइयां शामिल हैं, जो मार्केट में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के खरीद के लिए उपलब्ध हैं।
- यदि आपको कॉर्नफ्लावर के किसी पदार्थ या अन्य दवा या औषधि से एलर्जी है।
- यदि आपको कोई बीमारी, डिसऑर्डर या कोई अन्य मेडिकल कंडिशन है।
- यदि आपको फूड, डाई, प्रिजर्वेटिव्स या जानवरों से अन्य प्रकार की एलर्जी है।
अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नही हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। नीलकूपी का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
नीलकूपी (Cornflower) कितना सुरक्षित है?
आमतौर पर हर्बल चाय में रंग लाने के लिए डाली जाने वाली नीलकूपी की मात्रा हर किसी के लिए सुरक्षित है। नीलकूपी की दवा लेना सभी के लिए सुरक्षित है या नहीं, इस बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।
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विशेष सावधानियां और चेतावनी
गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग:
अगर आप प्रेग्नेंट हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो कॉर्नफ्लावर का प्रयोग आपके लिए सुरक्षित नहीं भी हो सकता है। इस दौरान नीलकूपी से होने वाले फायदे या नुकसान की कोई खबर अभी तक आई नहीं है। तो सुरक्षित रहें और ऐसे में इसका सेवन न करें।
रग्वीड,गुलबहार या ऐसे अन्य पौधे से एलर्जी:
जिन्हें Asteraceae परिवार के पौधों से एलर्जी है, नीलकूपी उन पर प्रतिकूल असर कर सकता है। Asteraceae परिवार में गुलबहार, रग्वीड, गुलदाउदी, गेंदा जैसे कई फूल शामिल हैं। यदि आपको इससे एलर्जी है, तो नीलकूपी का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से बात करें।
साइड इफेक्ट्स
नीलकूपी के सेवन से मुझे क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
कॉर्नफ्लावर के सेवन से कोई साइड इफेक्ट अभी तक ध्यान में नहीं आए हैं। अगर आपको कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
रिएक्शन
नीलकूपी (cornflower) से मुझे क्या रिएक्शन हो सकते हैं?
नीलकूपी आपकी किसी भी मौजूदा दवा या चिकित्सा स्थिति के साथ प्रभाव में नहीं आ सकता है।
डोसेज
नीलकूपी (cornflower) की सामान्य डोज क्या है?
हर मरीज के मामले में नीलकूपी की डोज अलग हो सकती है। जो डोज आप ले रहे हैं वो आपकी उम्र, हेल्थ और दूसरे अन्य कारकों पर निर्भर करता है। औषधियां हमेशा ही सुरक्षित नहीं होती हैं। नीलकूपी के उपयुक्त डोज के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
नीलकूपी (cornflower) किन रूपों में आता है?
नीलकूपी निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हो सकता है:
- नीलकूपी का तेल
- नीलकूपी की चाय
- टॉनिक
इस्तेमाल के पहले लें एक्सपर्ट की सलाह
यदि आप कार्नफ्लावर का इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं तो जरूरी है कि सबसे पहले एक्सपर्ट की मदद ली जाए। इसके लिए आप हर्बलिस्ट या डॉक्टर की मदद ले सकते हैं। वो आपको बेहतर सुझाव दे सकते हैं कि किस उम्र, किन बीमारी, किन समस्याओं के उपचार के लिए इस दवा का सेवन किया जाए। इतना ही नहीं बल्कि सावधानियों को लेकर भी एक्सपर्ट पहले बता सकते हैं कि किन परिस्तिथियों में इस दवा का सेवन करना है और किन परिस्तिथियों में इस दवा का सेवन नहीं करना है। यदि किसी को एलर्जी है या फिर कोई अन्य समस्या है, पहले से किसी दवा का सेवन कर रहे हैं तो उसके साथ रिएक्शन न हो इसको लेकर एक्सपर्ट की राय लेना बेहद ही जरूरी है।
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