परिचय
ओरिगैनो क्या है?
ओरिगैनो एक हर्ब है जिसे हिंदी में अजवायन की पत्ती कहते है। इसका इस्तेमाल सिर्फ इटेलियन डिशेज को बनाने के लिए ही नहीं, बल्कि कई दवाइयों में भी इस्तेमाल किया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर ओरिगैनो हमें कई गंभीर बीमारियों से कवच प्रदान करता है। यूनानी लोग इसका प्रयोग सदियों से कई बीमारियों के इलाज के लिए करते आ रहे हैं।
ओरिगैनो का उपयोग किस लिए किया जाता है?
एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज:
ओरिगैनो ऑयल में कार्वैक्रोल नामक एक आवश्यक तत्व होता है, जिसमें एंटीमाइक्रोबियल प्रोपर्टीज होती हैं। इसका इस्तेमाल इंटेस्टाइनल पैरासाइट, कई तरह की एलर्जी, साइनस में होने वाला दर्द, अर्थराइटिस, स्वाइन फ्लू, कानों में दर्द और थकान दूर करने के लिए किया जाता है।
ओरिगैनो ऑयल को स्किन संबंधित परेशानियां जैसे एक्ने, ऑयली स्किन, रूसी, दाद, सोरायसिस से निजात पाने के लिए भी अच्छा माना जाता है।
एंटी इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज:
जर्मनी और स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों ने ओरिगैनो की पत्तियों में कैरोफिलिन की पहचान की, जो ऑस्टियोपोरोसिस और आर्टीरोस्क्लेरोसिस के इलाज में मददगार है।
कैंसर से बचाव:
2013 में प्लस वन(PLoS ONE) में छपे एक जर्नल में बताया गया था कि ओरिगैनो में ऐसे तत्व होते हैं जो स्तन कैंसर को बढ़ने से रोकता है। दरअसल इसमें मौजूद एसेंशियल ऑयल की वजह से होता है।
इम्यून सिस्टम होता है स्ट्रांग:
ओरिगैनो में मौजूद दो सबसे महत्वपूर्ण तत्व रोसमेरेनिक एसिड (Rosmarinic acid) और थाइमोल (Thymol) अत्यधिक शक्तिशाली होते हैं जो तनाव को कम कर डायट को ठीक करने में मदद करते हैं। आहार बेहतर होने के कारण इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है।
दिल को रखता है सुरक्षित:
इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड कोलेस्ट्रॉल लेवल को बैलेंस रखने में मदद करता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल ठीक रहने की वजह से दिल से संबंधित बीमारियों, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम होता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल ठीक रहने से ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक तरह से होता है। बेहतर ब्लड सर्कुलेशन से त्वचा हेल्दी होती है और बालों में ग्रोथ भी होती है।
इसका प्रयोग इन बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है:
- श्वसन तंत्र के विकार जैसे कि खांसी, अस्थमा, क्रुप और ब्रोंकाइटिस
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर (Gastrointestinal disorders)
- पीरियड्स में होने वाला दर्द
- अर्थराइटिस
- यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन
कैसे काम करता है ओरिगैनो?
ओरिगैनों में विटामिन ए, सी और ई के साथ जिंग, मैग्निशियम, आयरन, कैल्शियम, कॉपर, पौटेशियम और मैगनीज पाया जाता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ दिल संबंधित परेशानियों को दूर करते हैं। इसमें कुछ ऐसे कैमिकल्स होते हैं जो खांसी और गले में ऐछन को कम करते हैं। इसके अलावा ये शरीर में मौजूद कुछ बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और आंतों के कीड़ों की सफाई करने में मददगार है।
जर्नल ऑफ फूड एंड बायोकेमिस्ट्री में छपे एक शोध के अनुसार इसमें रोजमिनिक एसिड और थाइमोल होता है जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं और हमारे शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं।
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उपयोग
कितना सुरक्षित है ओरिगैनो का उपयोग ?
- जिन लोगों में लामियाके परिवार (Lamiaceae family) से संबंधित पौधे जैसे बेसिल, लेवेंडर, मिंट से एलर्जी है हो सकता है उन्हें ओरिगेनो भी सूट न करें।
- जिन लोगों में ब्लीडिंग डिसऑर्डर होता है हो सकता है उन्हें इससे परेशानी हो।
- डायबीटिज के पेशेंट्स इसका सेवन सावधानीपूर्वक करें, क्योंकि ये शुगर को कम करता है।
- कोई सर्जरी होने वाली है तो दो हफ्ते पहले इसका सेवन करना बंद कर दें।
- प्रेग्नेंट और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका सेवन न करें।
इसका उपयोग सुरक्षित है लेकिन, किसी भी खाद्य पदार्थ या हर्ब के अत्यधिक सेवन से शरीर पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए इसका सेवन भी संतुलित करें और अगर इसके सेवन से कोई शारीरिक परेशानी या एलर्जी होती है, तो इसका सेवन न करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
साइड इफेक्ट्स
ओरिगैनो से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
- वैज्ञानिकों के अनुसार, ओरिगैनो ऑयल को अधिक मात्रा में लेने से आंतरिक प्रणाली को नुकसान पहुंच सकता है। इसमें ज्यादा मात्रा में थाइमोल हाता है, जो हमारे शरीर को बहुत ज्यादा विषाक्त बना देता है। इसलिए ओरिगैनो ऑयल को लेकर सलाह दी जाती है कि इसके इस्तेमाल कम मात्रा में ही करें।
- ओरिगैनो ऑयल हमारे शरीर में आयरन लेने की प्राकृतिक क्षमता को कम कर सकता है। यह हमारी नियमित अवशोषण प्रक्रिया को बाधित करता है और हमारी कोशिकाओं को खनिज की आवश्यक मात्रा प्राप्त करने से रोकता है।
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डोजेज
ओरिगैनो को लेने की सही खुराक क्या है ?
- ओरिगैनो को लेने की क्या मात्रा सही है इसे लेकर कोई शोध नहीं किया गया है, लेकिन इसे ज्यादा मात्रा में न लें। इसके अलावा स्किन पर भी इसे सीमित मात्रा में ही लगाएं। आप इसे पैरों में या नाखूनों में हुए फंगल इंफेक्शन के लिए दिन में दो बार लगा सकते हैं। इसकी एक से दो बूंद काफी है। इससे ज्यादा तेल स्किन पर लगाना आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
- ओरिगैनो सप्लीमेंट की डॉस हर पेशेंट के लिए अलग होती है। ये मरीज की उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। फिलहाल इसकी निर्धारित खुराक को लेकर कोई वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। एक बात का खास ख्याल रखें कि हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए ये सप्लीमेंट को लेने से पहले अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से एक बार जरूर संपर्क करें।
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उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है?
यह निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है। जैसे-
- ऑयल
- टी
- टैबलेट
इसका उपयोग कैसे किया जाता है?
इसका उपयोग निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे-
सलाद- सलाद में ताजे ओरिगैनो के पत्तों को मिलाकर सलाद के स्वाद को बढ़ाया जा सकता है। यह सेहत के लिए भी लाभकारी होता है।
सॉस- अगर आप सॉस खाने के शौकीन हैं तो सूखे ओरिगैनो (ड्रायड ओरिगैनो) को सॉस में मिलाकर खा सकते हैं।
मसाले- इसका प्रयोग रोस्टेड चिकेन, रोस्टेड पनीर या स्प्राउट्स में डालकर सेवन किया जा सकता है।
टॉपिंग- ओरिगैनो को बारीक-बारीक काटकर सूप अन्य खाद्य पदार्थों में डाल कर सेवन किया जा सकता है।
अगर आप ओरिगैनो से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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