परिचय
सांप की खाल क्या है?
एक निश्चित समय अंतराल के बाद सांप अपनी त्वचा की पूरी परत उतार देता है, जिसे केंचुली भी कहा जाता है। पौराणिक समय से सांप की स्किन का उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता आ रहा है। इसे स्किन पर लगाने से लेकर दवा के रूप में खाया भी जाता है।
सांप की खाल से बनाई गई दवाओं का सेवन किया जाता है। दरअसल इसका त्वचा पर प्रयोग करने के साथ-साथ इससे बनी दवाओं का सेवन मुंह से किया जाता है। कई सारी दवाओं के निमार्ण में इसका प्रयोग किया जाता है।
कई लोग इसके स्किन को अपनी स्किन पर लगते हैं जिससे स्किन डिसऑर्डर जैसे घाव होना, फोड़े-फुंसी होना, त्वचा पर खुजली होना, सोराइसिस के साथ-साथ आई इंफेक्शन की समस्या को दूर करने के लिये भी किया जाता है।
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बीमारियों से बचने के लिए इसका प्रयोग तो किया जाता है लेकिन, दूसरी ओर ट्रेडिशनल तौर से भी इसका प्रयोग किया जाता है। चीनी संस्कृति, ईसाई धर्म, अमेरिका और कंबोडिया में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
इन जगहों में सांप के मांस का सेवन किया जाता है। सामान्य भाषा में समझें तो इन जगहों में रहने वाले लोग सांप के मांस को खाते हैं। हालांकि भारतीय संस्कृति में सांप की पूजा की जाती है और इसे मारने की मनाही होती है। इसलिए भारत में सांप के केंचुल का उपयोग शारीरिक परेशानी को दूर करने के लिए करते हैं।
इस प्रकार कई देशों में सांप की खाल का इस्तेमाल किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सांप की खाल में कई बीमारियों को ठीक करने के गुण होते हैं जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
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उपयोग
सांप की खाल का उपयोग किस लिए किया जाता है?
सांप की स्किन से निकाले गए तेल को इन बीमारियों के लिए प्रयोग किया जाता है:
एंटी-इंफ्लमेशन:
इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लमेशन गुण त्वचा की सूजन और गले में खराश के लिए इसे फायदेमंद माना जाता है। ये दर्द को दूर करने में भी मददगार है।
एंटी इंफलामेशन का मतलब है कि सूजन को रोकने या कम करने वाले गुण। सांप की खाल के इस गुण की वजह से आप सूजन संबंधी बीमारियों को ठीक करने में इसका उपयोग कर सकते हैं।
एंटी-बैक्टीरियल:
सांप की स्किन में एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं जो किसी भी तरह बैक्टीरिया इंफेक्शन को होने से बचाता है। संक्रामक बीमारियों, कॉलेरा, सफेद दाग, टीबी, सिफलिस जैसे बेक्टीरियल इंफेक्शन का इलाज सांप की खाल से किया जा सकता है।
सांप की खाल में मौजूद एंटी-बेक्टीरियल गुण कई तरह के इंफेकशन्स को दूर करने की शक्ति रखते हैं।
रेस्पिरेटरी सिस्टम:
श्वसन समस्याओं के उपचार के लिए इसे अच्छा माना जाता है। ये यह श्वसन प्रणाली को बेहतर बनाने में मददगार है।
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अगर आपको सांस से जुड़ी कोई बीमारी है या आप श्वास से संबंधित किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं तो डॉक्टर या वैद्य की सलाह पर सांप की खाल का प्रयोग कर सकते हैं।
एक्ने:
स्नेक स्किन से निकाले गए तेल से एक्ने और अल्सर की संभावना कम होती है। धमनियों के अंदर गंदा खून होता है, जो बैक्टीरिया से संक्रमित होता है। सांप की स्किन बैक्टीरिया से धमनियों को साफ करने में मदद कर सकता है।
दवाई के तौर पर निम्नलिखित बीमारियों के लिए भी सांप की स्किन का प्रयोग किया जाता है:
- स्किन संबंधित परेशानियों में इसका उपयोग किया जाता है।
- गॉल ब्लैडर डिसऑर्डर की समस्या होने पर दिये जाने वाली दवाओं में इसका प्रयोग किया जाता है।
- हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं में इसका प्रयोग करते हैं।
- बेहोशी और ऐंठन होने पर दी जाने वाली दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है।
- सिर दर्द को करे दूर करने वाली दवाओं में इसका उपयोग होता है।
इन परेशानियों में इसे लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है:
- स्किन डिसऑर्डर होने पर
- आई इंफेक्शन की समस्या होने पर
- गले में खराश की परेशानी होने पर
- बवासीर (पाईल्स) की समस्या होने पर
- दर्द और कठोरता को कम करने के लिए
कैसे काम करती है सांप की खाल?
इस बारे में कोई वैज्ञानिक जानकारी नहीं है कि सांप की स्किन कैसे काम करते ही। हालांकि, सांप की स्किन में कोलेस्ट्रॉल और दूसरे फैट होते हैं, जिस वजह से इसका कई ड्रग्स के रिसर्च में किया जाता है। अगर आप इससे जुड़ी अधिक जानकारी चाहते हैं तो अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।
उपयोग
कितना सुरक्षित है सांप की खाल का उपयोग?
- गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस दौरान गर्भवती मां की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है। ऐसे में किसी भी तरह की दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
- अगर आपको किसी तरह की एलर्जी या दवाई से नुकसान है, तो इसका सेवन बिना डॉक्टर के सुझाव के न करें।
- आपको कोई अन्य बीमारी, विकार या कोई चिकित्सीय उपचार चल रहा है तो इसका सेवन न करें।
- यदि आपको किसी तरह के खाने, जानवर या सामान से एलर्जी है, तो इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
- दिल संबंधित बीमारियों से ग्रसित लोग इसका प्रयोग न करें। ये दिल की धड़कनों को तेज कर सकता है।
- जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है या जिनकी स्किन बहुत सेंसिटिव है, उन्हें इस तरह की जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। जड़ी बूटियों का प्रभाव बहुत तेज होता है और आपको इसके हानिकारक प्रभाव उठाने पड़ सकते हैं।
हर्बल सप्लिमेंट के उपयोग से जुड़े नियम, दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरूरत है। इस हर्बल सप्लिमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
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साइड इफेक्ट्स
सांप की खाल से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
इस बारे में कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं है कि इसके सेवन से क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। अगर आप इसका सेवन करने का प्लान कर रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह के बिना इसे न लें। इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
सांप की खाल को लेकर कोई अध्ययन नहीं किये गए हैं इसलिए यह कह पान मुश्किल होगा कि इसके हानिकारक प्रभाव किस तरह के होते हैं और इससे किस तरह के साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं।
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डोसेज
सांप की खाल को लेने की सही खुराक क्या है?
इस हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है?
सांप की खाल निम्नलिखित रूप में उपलब्ध है –
- रॉ स्नेक स्किन
- कैप्सूल्स
सांप के स्किन को भारतीय घरों में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए भी किया जाता है। इस बारे में जब हमने कुछ बुजुर्गों से बात की तो उनका कहना है नागपंचमी के दिन घर में साप के केंचुल को स्थापित करने से नेगेटिव एनर्जी से बचा जा सकता है। इसलिए कई घरों में केंचुल को रखा जाता है। हालांकि ये सिर्फ मान्यता है लेकिन, यह सच है की सांप से ही कई सारी दवाएं बनाई जाती है जिससे लोगों को शारीरिक लाभ मिलता है।
अगर आप सांप की खाल से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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