के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
लोबाटे जीएम नियो क्रीम में क्लोबेटासोल, मिकानाजोल और नियोमायसिन एक एक्टिव इनग्रीडिएंट के रूप में होते हैं। क्लोबेटासोलर एक स्टोरॉयड है, जो दिमाग में कुछ विशेष प्रकार के कैमिकल मैसेंजर्स (प्रोस्टाग्लेनडिन्स) (prostaglandins) को ब्लॉक कर देता है, जो त्वचा को लाल, सूजन और खुजली पैदा करते हैं। मिकोनाजोल एक एंटीफंगल दवा है, जो फंगी के विकास को रोकती है। साथ ही मिकोनाजोल स्किन की सूजन को कम करती है। यह कई प्रकार के पदार्थों को रिलीज करती है, जो इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी होते हैं। इन कैमिकल्स से रक्त वाहिकाएं चौड़ी हो जाती हैं, जिससे त्वचा का प्रभावित हिस्सा लाल और सूज जाता है। इस प्रकार के लक्षण डर्माटाइटिस या एग्जेमा में दिखाई देते हैं। जबकि नियोमायसिन एक एंटीबायोटिक दवा है, जो त्वचा पर संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को मारती है। लोबाटे जीएम नियो क्रीम का इस्तेमाल त्वचा के विभिन्न प्रकार के संक्रमण के उपचार में किया जाता है। इस क्रीम में मौजूद यह तीनों इनग्रीडिएंट्स स्किन इंफेक्शन से मजबूती से लड़ते हैं।
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इस क्रीम को स्टोर करने का सबसे बेहतर तरीका है इसे कमरे के तापमान पर रखना। इसे सूर्य की सीधी किरणों और नमी से दूर रखें। दवा को खराब होने से बचाने के लिए आपको लोबाटे जीएम नियो को बाथरूम या फ्रीजर में नहीं रखना है। इसे रखने से पहले सबसे बेहतर होगा कि आप दवा के पैकेज पर छपे निर्देशों को पढ़ लें या फार्मासिस्ट से पूछें। सुरक्षा की दृष्टि से सभी दवाइयों को अपने बच्चों और पेट्स से दूर रखें। जब तक कहा ना जाए तब तक सुरक्षा की दृष्टि से आपको लोबाटे जीएम नियो क्रीम को टॉयलेट या नाली में नहीं बहाना है। आवश्यकता ना रहने या एक्सपायरी की स्थिति में दवा का समुचित तरीके से निस्तारण जरूरी है। सुरक्षित तरीके से इसका निस्तारण करने के लिए अपने फार्मासिस्ट से सलाह लें।
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
लोबाटे जीएम नियो (Lobate Gm Neo) की व्यस्कों के लिए क्या डोज है?
लोबाटे जीएम नियो क्रीम को दिन में कितनी बार लगाना है इसके लिए डॉक्टर से कंसल्ट करें। खुद से इसे लगाने की गलती न करें। डॉक्टर द्वारा निर्धारित किए गए समय पर इसे लगाएं।
लोबाटे जीएम नियो क्रीम का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के अनुसार या दवा के लेबल पर छपे दिशा निर्देशों के मुताबिक करना चाहिए। लोबाटे जीएम नियो क्रीम की एक पतली परत (थिन लेयर) को त्वचा के प्रभावित हिस्से पर लगाएं। हालांकि, इसका डोज आपके प्रिस्क्रिप्शन पर निर्भर करेगा कि डॉक्टर ने आपको कितनी मात्रा में इसका इस्तेमाल करने के लिए कहा है। लोबाटे जीएम नियो क्रीम का इस्तेमाल करने के बाद अपने हाथों को अवश्य धो लें। आंख, मुंह, नाक और होठ को इसके संपर्क में आने से बचाएं। इस क्रीम को त्वचा पर रगड़ें नहीं। सामान्य तरीके से लेयर को लगा लें। डॉक्टर के निर्देशानुसार ही त्वचा के प्रभावित हिस्से को ढंकें। प्रत्येक बार क्रीम को लगाने के बाद अपने हाथों को धो लें।
इमरजेंसी या ओवरडोज होने की स्थिती में अपने स्थानीय आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें या अपने नजदीकी इमरजेंसी वॉर्ड में जाएं।
लोबाटे जीएम नियो क्रीम का डोज मिस हो जाता है तो जल्द से जल्द इसे स्किन पर लगा लें। हालांकि, यदि आपका अगली खुराक का समय नजदीक आ गया है तो भूले हुए डोज को ना लगाएं। पहले से तय नियमित डोज को लें। एक बार में दो डोज की क्रीम को स्किन पर न लगाएं।
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लोबाटे जीएम नियो क्रीम के साथ समान प्रभाव रखने वाली दवाइयां रिएक्शन कर सकती हैं। ऐसा होने पर दवा के कार्य करने का तरीका परिवर्तित हो सकता है या आपकी स्थिति और गंभीर हो सकती है। इन दवाइयों का सेवन करते वक्त किसी अन्य दवा का इस्तेमाल ना करें। जरूरत पड़ने पर बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का इस्तेमाल ना करें। अन्य दवाइयों के साथ इसके रिएक्शन की अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लें।
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यदि आपको लोबाटे जीएम नियो क्रीम के किसी पदार्थ या अन्य क्रीम या दवा से एलर्जी है तो यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। डॉक्टर की सुझाई गई अवधि और डोज के अनुसार ही इस क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए। यदि आप डॉक्टर के सुझाए गए डोज से अधिक मात्रा में इसका उपयोग करते हैं तो यह आपकी स्किन में सोखकर रक्त प्रवाह (ब्लड फ्लो) में मिल सकती है। ऐसा होने पर यह एड्रिनेल को कम कर सकती है। इससे कुशिंग सिंड्रोम (Cushing’s syndrome) होता है। कशिंग सिंड्रोम एक मेटाबॉलिक समस्या है, जो एड्रेनल कोर्टेक्स (adrenal cortex) के द्वारा कोर्टिकोस्टेरॉयड के अत्यधिक प्रोडक्शन होने की वजह से होता है।
अक्सर इससे मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर बढ़ता है। साथ ही चेहरे के चारों तरफ फैट जमा हो जाता है। कई बार ओवरडोज होने पर प्रभावित हिस्से की त्वचा का रंग बदल जाता है। त्वचा के नीचे की नसें स्पष्ट दिखाई देनें लगती हैं, क्योंकि त्वचा पतली और कमजोर हो जाती है। यदि इन लक्षणों की गंभीरता में इजाफे का अहसास होता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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लोबाटे जीएम नियो क्रीम से आपको निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
उपरोक्त साइड इफेक्ट्स के लक्षण नजर आते ही इसकी सूचना अपने डॉक्टर को दें और इसका इस्तेमाल करना बंद कर दें। हालांकि, हर व्यक्ति इन साइड इफेक्ट्स का अनुभव नहीं करता। उपरोक्त साइड इफेक्ट्स के अलावा भी लोबाटे जीएम नियो क्रीम के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं तो इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लें।
डिस्क्लेमर
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