टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) में मेटाफोर्मिन दवा का उपयोग शुरुआती तौर पर किया जाता है। यह एक प्रभावी और सुरक्षित दवा के तौर पर उपयोग की जाती है। यह कार्डियोवैस्कुलर इवेंट्स के रिस्क को भी कम कर सकती है। मेटफॉर्मिन लिवर से होने वाले ग्लूकोज प्रोडक्शन को कम करके काम करती है, लेकिन अगर टाइप 2 डायबिटीज में मेटफॉर्मिन और एक्सरसाइज (Metformin and Exercise in Type 2 Diabetes) को एक साथ किया जाए तो इसका प्रभाव विपरीत भी हो सकता है। ऐसा स्टडीज से सामने आया है। इसके बारे में हम आगे विस्तार से बता करेंगे। इसके पहले जान लेते हैं टाइप 2 डायबिटीज के बारे में।
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes)
टाइप 2 डायबिटीज होने पर ब्लड में शुगर (Sugar) या ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। इस स्थिति में या तो पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन को प्रोड्यूस नहीं कर पाता या बॉडी इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाती। इंसुलिन एक हॉर्मोन है जो शुगर के कोशिकाओं में होने वाले मूवमेंट को रेगुलेट करता है। इंसुलिन ब्लड से ग्लूकोज को सेल्स तक पहुंचाने में सहायक होता है, जिससे बॉडी को एनर्जी मिलती है, लेकिन टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes Type 2) होने पर शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन की ओर प्रतिक्रिया नहीं कर पाती है। टाइप 2 डायबिटीज व्यस्कों में अधिक होती है। टाइप 2 डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है, लेकिन लाइफस्टाइल मैनेजमेंट और दवाओं के उपयोग से इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है।
और पढ़ें : क्या वजन घटने से डायबिटीज का इलाज संभव है?
टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण (Type 2 diabetes symptoms)
टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण धीरे-धीरे डेवलप होते हैं। कई बार लोग वर्षों से इस बीमारी से पीड़ित होते हैं और उन्हें इसके बारे में पता ही नहीं होता है। जब लक्षण दिखाई देना शुरू होते हैं तो वे निम्न प्रकार होते हैं।
- बार-बार भूख लगना
- जरूरत से ज्यादा प्यास लगना
- बार-बार पेशाब जाना
- मुंह सूखना
- त्वचा पर खुजली होना
- देखने में परेशानी
- हाथ पैर सुन्न होना
- आलस आना
- कमजोरी का एहसास होना
- अकारण वजन कम होना
- झुनझुनी होना
टाइप 2 डायबिटीज होने पर जब आप एक्सरसाइज और डायट अपना ब्लड शुगर लेवल टार्गेट रेंज में नहीं रख पाते हैं तब डॉक्टर मेडिसिन प्रिस्क्राइब करते हैं जिसमें मेटफॉर्मिन (Metformin) , सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas), जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट्स (GLP-1 receptor agonists) आदि दवाएं शामिल हैं। सभी दवाएं मरीज की स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार दी जाती हैं। किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। टाइप 2 डायबिटीज में मेटफॉर्मिन और एक्सरसाइज (Metformin and Exercise in Type 2 Diabetes) कैसे एक दूसरे को प्रभावित कर करती हैं जान लेते हैं।
और पढ़ें : डायबिटीज डायट में क्या करें शामिल और किन खाद्य पदार्थों से बढ़ाएं दूरी?
टाइप 2 डायबिटीज में मेटफॉर्मिन और एक्सरसाइज (Metformin and Exercise in Type 2 Diabetes)
डायबिटीज में दवा के साथ ही अक्सर डायबिटीज के अनुसार डायट और एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। डायबिटीज के साथ एरोबिक एक्सरसाइज करना अक्सर लोग प्रिफर करते हैं, लेकिन एनसीबीआई में छपी एक स्टडी के अनुसार ये दोनों (मेटफॉर्मिन और एक्सरसाइज) एक दूसरे को प्रभावित कर सकती हैं। इसके लिए टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित जिनमें से कुछ को मेटफॉर्मिन के साथ एक्सरसाइज करवाई गई तो कुछ सिर्फ एक्सरसाइज।
जिसमें पता चला कि मेटफॉर्मिन एक्सरसाइज के दौरान हार्ट रेट (Heart rate) और प्लाज्मा लैक्टेट (Plasma lactate) को बढ़ा देती है। वही एक्सरसाइज ने मेटाफॉर्मिन के ग्लूकोज लोअरिंग इफेक्ट को प्रभावित किया था। टाइप 2 डायबिटीज में मेटफॉर्मिन और एक्सरसाइज को लेकर अन्य स्टडी भी की गई है।
और पढ़ें: टाइप 2 डायबिटीज और जंक फूड : यह स्वादिष्ट आहार कहीं बन ना जाए जी का जंजाल!
टाइप 2 डायबिटीज में मेटफॉर्मिन और एक्सरसाइज (Metformin and Exercise in Type 2 Diabetes) के प्रभाव पर की गई अन्य स्टडी
टाइप 2 डायबिटीज में मेटफॉर्मिन और एक्सरसाइज (Metformin and Exercise in Type 2 Diabetes) का क्या प्रभाव होता है इस पर एक स्टडी एजिंग सेल जर्नल में प्रकाशित हुई है जिसमें पता चला कि डायबिटीज टाइप 2 के लिए उपयोग की जाने वाली मेटफॉर्मिन और एक्सरसाइज एक दूसरे के विपरीत काम कर रहे थे। लेखक ने अर्ली 60 के लोगों पर अध्ययन किया जिनको कोई क्रोनिक डिजीज नहीं थी लेकिन टाइप 2 डायबिटीज का कोई एक रिस्क फैक्टर था। जिन्होंने कभी मेटफॉर्मिन नहीं ली थी। 12 हफ्ते तक वे एरोबिक एक्सरसाइज प्रोग्राम में इंगेज थे।
इसके साथ ही उन्हें या तो मेटफॉर्मिन लिया या प्लासेबो। जो लोग सिर्फ एक्सरसाइज कर रहे थे उन्होंने फैट लॉस किया, अपनी ऑक्सिजन हेंडलिंग में सुधार किया और उनके फास्टिंग इंसुलिन लेवल में कमी आई। वहीं मेटफॉर्मिन के साथ एक्सरसाइज वाला ग्रुप थोड़ा अलग था। इनमें से कुछ के मेटाबॉलिक फैक्टर्स में सुधार हुआ था, लेकिन कुछ मामलों में यह बहुत ज्यादा नहीं था। स्टडी के आखिर में जब उन्होंने ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट दिया तो एक्सरसाइज ग्रुप में ओवरऑल सुधार देखा गया लेकिन मेटफॉर्मिन+एक्सरसाइज वाले ग्रुप में आधे पार्टिसिपेंट की स्थित में तो सुधार हुआ लेकिन अन्य लोगों की स्थिति ट्रायल के शुरुआत की तुलना में बदतर हो गई।
इस प्रकार आप समझ सकते हैं कि टाइप 2 डायबिटीज में मेटफॉर्मिन और एक्सरसाइज (Metformin and Exercise in Type 2 Diabetes) कैसे एक दूसरे को प्रभावित कर सकते हैं। अगर आप टाइप 2 डायबिटीज में मेटाफॉर्मिन और एक्सरसाइज दोनों की मदद ले रहे हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से इस बारे में बात कर लें।
टाइप 2 डायबिटीज के इलाज (Type 4 diabetes treatment) में उपयोग होने वाली अन्य दवाएं
मेटाफॉर्मिन के अलावा टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में निम्न दवाओं का उपयोग किया जाता है।
सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas)
सल्फोनिल्युरिएस (Sulfonylureas) मेडिसिन का एक ऐसा ग्रुप है, जो टाइप 2 डायबिटीज के ट्रीटमेंट (Type 2 diabetes treatment) में मदद करता है। ये ड्रग पैंक्रियाज से इंसुलिन स्टिम्युलेट करता है। जिससे ब्लड शुगर को मैनेज करना आसान हो जाता है। हालांकि, इस दवा के भी कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं जिनमें पसीना आना, मतिभ्रम, कमजोरी, नर्वसनेस, स्किन पर रिएक्शन, पेट से संबंधित समस्याएं, वजन का बढ़ना, यूरिन के रंग में बदलाव, तेज भूख आदि शामिल हैं। इनके बारे में डॉक्टर से जानकारी अवश्य लेनी चाहिए।
ग्लूकागोन लाइक पेप्टाइड रिसेप्टर एगोनिस्ट (GLP-1 RAs)
ग्लूकागोन लाइक पेप्टाइड रिसेप्टर एगोनिस्ट (GLP-1 RAs) ड्रग ग्रुप का प्रकार है। जिनका उपयोग टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के इलाज में किया जाता है। ये ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को कम करने के लिए बेहद प्रभावशाली हैं। ये लिवर से होने वाले ग्लूकोज प्रोडक्शन को कम करने में मदद करते हैं।
ग्लिनाइड्स (Glinides)
ग्लिनाइड्स (Glinides) अग्न्याशय को अधिक इंसुलिन स्रावित करने के लिए उत्तेजित करता है। वे सल्फोनिल्युरिएस की तुलना में तेजी से काम कर करते हैं, और शरीर में उनके प्रभाव की अवधि कम है। संभावित दुष्प्रभावों में निम्न रक्त शर्करा और वजन बढ़ना शामिल हैं।
इन दवाओं के अलावा अन्य दवाएं भी डायबिटीज के इलाज में उपयोग की जाती हैं। टाइप 2 डायबिटीज में मेटफॉर्मिन और एक्सरसाइज (Metformin and Exercise in Type 2 Diabetes) के प्रभाव की तरह इनके प्रभाव को लेकर ऐसा कोई अध्ययन सामने नहीं आया है।
और पढ़ें: टाइप 2 डायबिटीज के लॉन्ग टर्म कॉम्प्लीकेशन में शामिल हो सकती हैं ये समस्याएं!
डायबिटीज टाइप 2 (Type 2 diabetes) और एक्सरसाइज से जुड़ी सावधानियां
- कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी प्रकार के एक्सरसाइज प्रोग्राम का हिस्सा ना बनें।
- हर मरीज की हेल्थ कंडिशन के अनुसार डॉक्टर एक्सरसाइज सजेस्ट करते हैं। किसी दूसरे मरीज की देखादेखी आप ऐसा ना करें।
- डायबिटीज में वॉक करने के बहुत फायदे बताए गए हैं, लेकिन आप किसी प्रकार के कॉम्प्लिकेशन का सामना कर रहे हैं तो इस बारे में भी डॉक्टर से सलाह जरूर लें। अगर पहले से वॉक नहीं करते हैं तो इसकी शुरुआत हमेशा माइल्ड वॉक से ही करें।
- अगर एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह पर आप योग की मदद भी ले सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको टाइप 2 डायबिटीज में मेटफॉर्मिन और एक्सरसाइज (Metformin and Exercise in Type 2 Diabetes) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में टाइप 2 डायबिटीज में मेटफॉर्मिन और एक्सरसाइज से संबंधित कोई अन्य सवाल है तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-bmi]